पटनाः कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या देश में लगातार बढ़ती जा रही है और राज्य में भी कोरोना के काफी मरीज मिले हैं. कोरोना वायरस का प्रकोप कम करने को लेकर देश में 21 दिनों का लॉक डाउन लगा हुआ है. वहीं, नगर निगम ने भी निर्देशित किया हुआ है कि सब्जी खरीदने जब लोग सब्जी मंडी के लिए निकले तो चेहरे पर मास्क आवश्यक रूप से प्रयोग करें. जिसके बाद से लोगों के बीच एन-95 मास्क का ज्यादा डिमांड देखने को मिल रहा है. लोग सब्जी फल या राशन का सामान खरीदने के लिए जब घर से बाहर निकल रहे हैं, तो चेहरे पर मास्क का प्रयोग करते हुए भी नजर आ रहे हैं. मगर कोरोनावायरस का जो स्टेज देश में चल रहा है. इस कारण लोग इस बात को लेकर भी चिंतित नजर आ रहे हैं कि कौन सा मास्क पहने.
एन-95 मास्क की बढ़ी डिमांड
लॉक डाउन के दौरान घरों से बाहर निकलते वक्त सब्जी मंडी या राशन की दुकान पर जाने के लिए लोगों का मास्क पहने रहना कितना जरूरी है इसके बारे में कोरोना वायरस का सैंपल कलेक्ट करने के लिए पीपीई किट पहनकर निकले स्वास्थ्य कर्मी फखरे आलम ने बताया कि लोग कोई भी मास्क पहने मगर अच्छी क्वालिटी की मास्क पहने. उन्होंने बताया कि अभी हाल के समय में लोग यूज एंड थ्रो मास्क पहन रहे हैं. यह मास्क 4 से 6 घंटे तक ही कारगर रहते हैं. मगर देखने को यह मिलता है कि लोग दिनभर पहने हुए हैं. उन्होंने कहा कि कोशिश करनी चाहिए कि एन-95 मास्क अगर मिलती है, तो पहने अगर नहीं मिलता है तो साफ रुमाल से भी नाक और मुंह को ढक सकते है. उन्होंने कहा कि अभी के समय में घर से बाहर निकलते वक्त सभी का मास्क पहनना बेहद जरूरी है और अगर कपड़े जनरल मास्क यूज कर रहे हैं तो रोजाना उसे गर्म पानी में अच्छे से साफ करें.
लोग रूमाल का भी कर सकते है उपयोग
वहीं, इस मामले में पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विमल कारक का राय थोड़ा अलग है. लोगों के लिए मास्क कितना जरूरी है इस बारे में बताते हुए डॉ. विमल कारक ने बताया कि बिहार की आबादी 12 करोड़ है और यह अभी संभव नहीं है कि 12 करोड़ जनता के लिए एन-95 मास्क और पीपीई किट बनाया जाए. उन्होंने कहा कि उनकी माने तो जो आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी करते हैं या फिर वह डॉक्टर जो कोरोना के मरीजों को देखते हैं और जो माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में कोरोना का सैंपल जांच करते हैं. उनके लिए ही एन-95 मास्क की जरूरत है. आम लोग नॉर्मल मास्क या फिर रुमाल का प्रयोग कर सकते हैं.