पटना: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर एक बार फिर बिहार विधानसभा में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की मांग उठी है. बिहार विधानसभा और विधान परिषद में महिला विधायकों की संख्या 10 प्रतिशत के आसपास है. जबकि मांग कई दशक से 33% की होती रही है. नीतीश सरकार ने बिहार में पंचायतों में तो 50% तक महिलाओं के लिए स्थान आरक्षित कर दिया. वहीं, नौकरियों में भी 35% सीट आरक्षित कर दिया है, लेकिन विधानसभा में अब तक आरक्षण का मामला लटका हुआ है. नीतीश सरकार महिलाओं को मंत्री पद देने में भी कंजूसी दिखा रही है. फिलहाल एकमात्र महिला मंत्री बीमा भारती के रूप में हैं, जिन्हें भी महत्वपूर्ण विभाग नहीं दिया गया है.
33% आरक्षण की मांग
बिहार विधानसभा में 243 सदस्यों की क्षमता है, जिसमें 242 सदस्य हैं, एक स्थान रिक्त है. लेकिन 243 में मात्र 28 महिला विधायक हैं. सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी है और उसके 80 विधायक हैं. 70 विधायक के साथ जनता दल दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. जिसके 54 विधायक हैं और कांग्रेस चौथी बड़ी पार्टी है, जिसके 26 विधायक हैं.
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पार्टी में किसके कितने सदस्य
आरजेडी - 80
जेडीयू - 70
बीजेपी - 54
कांग्रेस -26
एलजेपी -02
हम - 1
एआईएमआईएम - 1
माले - 3
निर्दलीय - 5
रिक्त स्थान - 1
किस पार्टी के कितने विधायक
वहीं, 242 विधायकों में महिला विधायकों की संख्या 28 है और इसमें आठ विधायक एससी-एसटी से चुनी गई हैं. महिला विधायकों में 5 बीजेपी की, जेडीयू की 8, आरजेडी की 10 और कांग्रेस की 4 विधायक हैं. एक निर्दलीय भी हैं जो बीजेपी समर्थित मानी जाती हैं. वहीं विधान परिषद में कुल सदस्यों की संख्या 75 है. जिसमें दो रिक्त है और आने वाले 2 महीने में 29 स्थान भी रिक्त होने वाला हैं, लेकिन फिलहाल 73 विधान पार्षदों में केवल चार महिला विधान पार्षद हैं. विधान परिषद की बात करें तो जेडीयू के 32, बीजेपी के 22, आरजेडी के 8 और कांग्रेस के 3 हैं.
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बिहार विधान परिषद में कुल 75 सदस्य हैं
जेडीयू - 32
बीजेपी - 22
आरजेडी - 8
कांग्रेस - 3
एलजेपी - 1
निर्दलीय - 3
सीपीआई - 2
रिक्त - 2
क्या है विधायकों की मांग?
बता दें कि लंबे समय से लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण की मांग होती रही है. विधायकों का भी कहना है कि इसे अब तो लागू कर देना चाहिए. जेडीयू विधायक रंजू गीता का कहना है कि ये दशकों पुरानी मांग है. उन्होंने ये भी कहा कि बिहार में और मंत्री होनी चाहिए. फिलहाल एक ही मंत्री नीतीश सरकार में है.
'पंचायत स्तर पर आरक्षण लागू'
वहीं, बीजेपी विधायकों का कहना है कि बिहार में आरक्षण पंचायत स्तर पर लागू कर दिया गया है और सरकारी नौकरियों में भी 35% आरक्षण दिया गया है. उसके कारण बड़ी संख्या में महिलाएं आगे आ रही हैं.
विधानसभा, लोकसभा और राज्यसभा में भी उपेक्षा
पंचायतों में 50% महिलाओं के लिए आरक्षण के नाम पर अपनी पीठ थपथपाने वाली नीतीश सरकार बिहार में विधानसभा और विधान परिषद में कुल मिलाकर 300 से अधिक सदस्य हैं और उसमें से 32 सदस्य महिला है. जिसमें सत्ताधारी दल के सदस्यों की संख्या 13 है. लेकिन मंत्री पद केवल एक को मिला है. नीतीश सरकार महिला सशक्तिकरण के लाख दावे कर रही हो. लेकिन सच्चाई यह भी है महिलाओं के साथ अब तक नीतीश सरकार ने मंत्री पद देने में भी न्याय नहीं किया है. लोकसभा के बिहार के 40 सीट में केवल 3 महिला सांसद चुनी गई हैं और राज्यसभा के 15 सांसदों में 2 महिला सांसद ही हैं. इसलिए महिला दिवस पर एक बार फिर से 33% आरक्षण की मांग उठ रही है.