पटना: बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू (liquor ban in bihar) है. जिसके बाद सरकार लगातार अपनी पीठ थपथपा रही है. सरकार का यह दावा है कि पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने से बिहार के लोग काफी खुश है और सभी क्षेत्र में बिहार प्रगति कर (Bihar is making progress) रहा है. दरअसल राज्य सरकार ने हाल में एक सर्वे करवाया है. जिसमें दावा किया जा गहा है कि शराबबंदी होने से बिहार प्रगति कर रहा है और पर्यटन के क्षेत्र में भी लगातार वृद्धि हो रही है.
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आईआरसीटीसी ने दावे को नकारा: सरकार दावा कर रही है कि शराबबंदी के बाद बिहार में पर्यटन बढ़ रहा है, लेकिन इसके उलट आईआरसीटीसी का मानना है कि जब से बिहार में शराबबंदी लागू हुई है. विदेशी पर्यटकों की संख्या लगातार घट रही है. वही आईआरसीटीसी का कहना है कि बिहार में शराबबंदी के कारण टूरिज्म नहीं बढ़ पा रहा है. विदेशी पर्यटक बिहार नहीं आ रहे हैं. आईआरसीटीसी की तरफ से यह मांग किया जा रहा है कि विदेशी पर्यटकों को पीने की सुविधा प्रदान किया जाए. जिससे भारत में टूरिज्म बढ़े.
शराबबंदी के कारण बिहार नही आ रहे पर्यटक: बिहार सरकार भले लाख दावा कर ले की शराब बंदी से टूरिज्म पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. लेकिन आईआरसीटीसी का कहना है कि पर्यटक शराबबंदी के कारण बिहार नहीं आना चाहते हैं.
"जब से बिहार में शराबबंदी हुई है. विदेशी पर्यटकों की संख्या लगातार घट रही है और हम लोग विदेश भी जाते हैं. वहां के पर्यटक को आमंत्रित भी करते हैं. लेकिन पर्यटकों का साफ साफ कहना है कि बिहार में शराबबंदी है और हम लोग एक दिन भी बिना शराब के नहीं कर सकते हैं. तो ऐसे हालात में हम बिहार घूमने क्यों जाए".- जफर आजम, ग्रुप जनरल मैनेजर, ईस्ट जोन आईआरसीटीसी
शराबबंदी कानून में छूट की मांग: उन्होने बिहार सरकार से मांग करते हुए कहा कि अगर विदेशी मुद्रा का भंडार को बढ़ाना है. बिहार में विदेशी पर्यटक को बुलाना है. तो सबसे पहले बिहार में जो शराब बंदी है. उसको नशाबंदी के नियम में ढील देना होगा. तब जाकर बिहार में विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और विदेशी मुद्रा भी आएगी.
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