पटना: बिहार स्वास्थ्य विभाग में एक बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. मामला मृत पदाधिकारी के पदोन्नति से जुड़ा हुआ है. बात दें कि 8 मार्च सोमवार के दिन बिहार सरकार ने बिहार स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के 12 चिकित्सा पदाधिकारी जो स्तंभ 5 में अंकित संस्थान में पदस्थापित हैं. उन्हें गाड़ी हिट और प्रशासनिक दृष्टिकोण से स्थानांतरित करते हुए स्तंभ अच्छे में अंकित पद पर उसी वेतनमान में अगले स्थापित तक पदस्थापित किया गया.
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पदाधिकारियों के तबादले की लिस्ट में छठे नंबर पर जो नाम रहा, उसने बिहार के स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का कलंक जड़ दिया. 8 मार्च के स्वास्थ्य विभाग की अधिसूचना के तहत छठे नंबर पर अंकित नाम डॉक्टर राम नारायण राम जिनका वर्तमान पद और पदस्थापन स्थल चिकित्सा पदाधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बिक्रमगंज, रोहतास बताया गया है. उन्हें पदोन्नति कर शेखपुरा जिला का सिविल सर्जन बना दिया गया है.
मृत अधिकारी के पदोन्नति का उठा सवाल
बता दें कि बिक्रमगंज पीएचसी के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राम नारायण राम का इसी साल फरवरी महीने में कोरोना के कारण उनकी मृत्यु हो गई है और स्वास्थ्य विभाग के कोविड-19 पोर्टल पर भी मृत अधिकारी के मौत का डिटेल अंकित है. मृत अधिकारी के पदोन्नति का मामला मंगलवार के दिन सदन में भी उठा.
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मामले में स्वास्थ्य मंत्री का स्पष्टीकरण
राजद विधायक सुबोध कुमार ने सदन में सवाल उठाए. उस पर मंगल पांडे ने जवाब देते हुए कहा कि वरीयता के आधार पर पोस्टिंग होती है और मौत से पहले पोस्टिंग का निर्णय लिया जा चुका था, अधिसूचना बाद में जारी की गई है. मंत्री ने बताया कि स्वास्थ विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और सूचना जारी होने पर शो कॉज भी किया गया है.