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STF की मदद से बनाया जा रहा है कुख्यात अपराधियों का डेटाबेस, एक क्लिक से जान सकेंगे आपराधिक पृष्ठभूमि

बिहार एसटीएफ द्वारा सभी जिलों की पुलिस के साथ मिलकर राज्य के कुख्यात अपराधियों का विशेष डेटाबेस तैयार किया जा रहा है. इस डेटाबेस में कुख्यात अपराधियों की पूरी विस्तृत जानकारी होगी. इसे वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. एक क्लिक से पूरी जानकारी हासिल होगी. पढ़ें पूरी खबर..

Database of notorious criminals being prepared in Bihar
Database of notorious criminals being prepared in Bihar
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Published : Oct 20, 2021, 2:56 PM IST

पटना: बिहार में अब किसी भी थाने की पुलिस को कुख्यात अपराधियों की जानकारी जुटाने के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी. मात्र एक क्लिक से अपराधियों का पूरा ब्योरा मिल जाएगा. एसटीएफ (STF) द्वारा सभी जिलाें की पुलिस के साथ समन्वय रखकर अपराधियों का डेटाबेस (Criminals Database) तैयार किया जा रहा है. इसमें अपराधियों की पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. बिहार पुलिस का मानना है कि ऐसा करने से अपराधियों की तत्काल पहचान हो सकेगी. उनके आपराधिक पृष्ठभूमि का भी पता चल सकेगा. इससे पुलिस को बहुत मदद मिलेगी.

यह भी पढ़ें - थानों में अब चौकीदार नहीं करेंगे मुंशी का काम, 10 साल के अनुभवी सिपाहियों को मिलेगी जिम्मेदारी

दरअसल, बिहार एसटीएफ के द्वारा सभी जिलों कीपुलिस के साथ मिलकर राज्य के कुख्यात अपराधियों का विशेष डेटाबेस तैयार किया जा रहा है. जिसे वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. इस वेबसाइट के 2022 तक तैयार होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसकी तैयारी जोर शोर से चल रही है. यह वेबसाइट पूर्ण रूप से काम करने के बाद जिले का कोई भी थाना, एसटीएफ के अधिकारी किसी भी अपराधी के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.

बात दें कि इस वेबसाइट को बनाने का मुख्य उद्देश्य बिहार में आपराधिक वारदातों में कमी लाना है. इस वेबसाइट में मुख्य रूप से वैसे अपराधियों का रिकॉर्ड रखा जा रहा है जो संगठित अपराधों में शामिल हैं या गिरोह बनाकर सोना लूट कांड, बैंक डकैती, रंगदारी जैसे अन्य आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं.

अपराधी इस तरह के अपराधों में संलिप्त पाए जाएंगे तो इस सॉफ्टवेयर की मदद से उनकी पूरी कुंडली किसी भी समय कहीं से भी खंगाली जा सकती है. इस ऑनलाइन रिकॉर्ड का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि एसटीएफ को सभी जिलों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित कर अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलेगी.

पुलिस मुख्यालय के विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लगभग 150 कुख्यात अपराधियों की सूची एटीएस के पास मौजूद हैं. जिसमें करीब 50 अपराधी इनामी हैं. इनमें से अधिकतर संगठित अपराध को अंजाम देने वाले गिरोह से जुड़े हुए हैं. दरअसल, बिहार में लगातार बढ़ रहे आपराधिक वारदातों को देखते हुए एसटीएफ अपराधियों को दबोचने में जुटी है. इस वजह से इस विशेष डेटाबेस तैयार करवाया जा रहा है.

मिल रही जानकारी के अनुसार, हाल के दिनों में दो-तीन अपराधियों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. आए दिन देखने को मिलता है कि बैंक लूट, ज्वेलरी लूट, डकैती जैसे बड़े वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधी अपना लोकेशन बदल कर इधर-उधर छुपते फिरते हैं. जिससे स्थानीय पुलिस को दबोच ने में काफी समस्या होती है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार की मानें तो एसटीएफ की मदद से ऑनलाइन डेटाबेस ऐसे अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ने में काफी मददगार साबित होगा.

यह भी पढ़ें - PHQ का आदेश-10 दिनों के अंदर बिहार के थानों में 8,346 महिला पुलिस पदाधिकारियों की हो तैनाती

पटना: बिहार में अब किसी भी थाने की पुलिस को कुख्यात अपराधियों की जानकारी जुटाने के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी. मात्र एक क्लिक से अपराधियों का पूरा ब्योरा मिल जाएगा. एसटीएफ (STF) द्वारा सभी जिलाें की पुलिस के साथ समन्वय रखकर अपराधियों का डेटाबेस (Criminals Database) तैयार किया जा रहा है. इसमें अपराधियों की पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. बिहार पुलिस का मानना है कि ऐसा करने से अपराधियों की तत्काल पहचान हो सकेगी. उनके आपराधिक पृष्ठभूमि का भी पता चल सकेगा. इससे पुलिस को बहुत मदद मिलेगी.

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दरअसल, बिहार एसटीएफ के द्वारा सभी जिलों कीपुलिस के साथ मिलकर राज्य के कुख्यात अपराधियों का विशेष डेटाबेस तैयार किया जा रहा है. जिसे वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. इस वेबसाइट के 2022 तक तैयार होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसकी तैयारी जोर शोर से चल रही है. यह वेबसाइट पूर्ण रूप से काम करने के बाद जिले का कोई भी थाना, एसटीएफ के अधिकारी किसी भी अपराधी के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे.

बात दें कि इस वेबसाइट को बनाने का मुख्य उद्देश्य बिहार में आपराधिक वारदातों में कमी लाना है. इस वेबसाइट में मुख्य रूप से वैसे अपराधियों का रिकॉर्ड रखा जा रहा है जो संगठित अपराधों में शामिल हैं या गिरोह बनाकर सोना लूट कांड, बैंक डकैती, रंगदारी जैसे अन्य आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं.

अपराधी इस तरह के अपराधों में संलिप्त पाए जाएंगे तो इस सॉफ्टवेयर की मदद से उनकी पूरी कुंडली किसी भी समय कहीं से भी खंगाली जा सकती है. इस ऑनलाइन रिकॉर्ड का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि एसटीएफ को सभी जिलों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित कर अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलेगी.

पुलिस मुख्यालय के विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लगभग 150 कुख्यात अपराधियों की सूची एटीएस के पास मौजूद हैं. जिसमें करीब 50 अपराधी इनामी हैं. इनमें से अधिकतर संगठित अपराध को अंजाम देने वाले गिरोह से जुड़े हुए हैं. दरअसल, बिहार में लगातार बढ़ रहे आपराधिक वारदातों को देखते हुए एसटीएफ अपराधियों को दबोचने में जुटी है. इस वजह से इस विशेष डेटाबेस तैयार करवाया जा रहा है.

मिल रही जानकारी के अनुसार, हाल के दिनों में दो-तीन अपराधियों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. आए दिन देखने को मिलता है कि बैंक लूट, ज्वेलरी लूट, डकैती जैसे बड़े वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधी अपना लोकेशन बदल कर इधर-उधर छुपते फिरते हैं. जिससे स्थानीय पुलिस को दबोच ने में काफी समस्या होती है. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार की मानें तो एसटीएफ की मदद से ऑनलाइन डेटाबेस ऐसे अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ने में काफी मददगार साबित होगा.

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