ETV Bharat / state

पटना: दूध के बढ़े दाम तो बोले ग्राहक- महंगाई रोकने में सरकार विफल - सुधा दूध दाम बढ़ोतरी

सुधा दूध के दाम में हुई बढ़ोतरी के बाद ग्राहकों का कहना है कि सरकार महंगाई रोकने में विफल है. अभी कोरोना संक्रमण से लोग उबरे भी नहीं हैं. अभी दूध का दाम बढ़ाना ठीक नहीं है.

customers worried in patna
customers worried in patna
author img

By

Published : Feb 7, 2021, 4:29 PM IST

Updated : Feb 7, 2021, 4:35 PM IST

पटना: आज से सुधा के दूध, घी, पनीर के साथ-साथ मिठाई भी मंहगे हो गये हैं. इसका असर बिक्री पर तो नहीं दिख रहा है. लेकिन आम आदमी इसको कोरोना संक्रमण काल में बढ़ रहे महंगाई से जोड़ रहे हैं.

लोगों का कहना है कि अभी के समय में दूध का दाम बढ़ाना उचित नहीं है. सामान खरीदना मजबूरी है, लेकिन सरकार ने एलपीजी गैस, पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ अब दूध भी मंहगा कर दिया है. जिससे हमलोगों के पॉकेट पर काफी असर पड़ेगा.

"सरकार महंगाई रोकने में विफल है और आम जनता परेशान है. दूध आवश्यक चीज है, खरीदना भी जरूरी है, क्या करें कुछ उपाय नहीं है. कोरोना से ऐसे ही हमलोग परेशान हुए हैं. मंहगाई ने और परेशान कर रखा है"- सुमित राज, स्थानीय

customers worried in patna
जानकारी देते बूथ संचालक राजेश कुमार
"सरकार को कोरोना काल में ऐसा नहीं करना चाहिए. मजबूरी है, दाम बढ़ गया है फिर भी खरीद रहे हैं. ऐसे भी लोगों का रोजी-रोजगार कोरोना ने छीना है. कमाई नहीं है, लेकिन मंहगाई बढ़ रही है. सरकार का इसपर ध्यान नहीं है"- गीता देवी, स्थानीय

"नार्मल दूध पर 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ा है. सुधा शक्ति का दाम 3 रुपये प्रति लीटर बढ़ा है. साथ ही घी, पनीर, मिठाई की कीमत भी बढ़ाई गई है. सिर्फ दही और लस्सी के दाम नहींं बढ़ाये गए हैं. इससे बिक्री पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. हम प्रतिदिन 1500 लीटर दूध बेचते हैं. आज भी सामान्यतः वही बिक्री हुई है. कुछ ग्राहक यहां आते हैं, वो जरूर ये कहते नजर आते हैं कि अभी कोरोना संक्रमण से लोग उबरे भी नहीं हैं. अभी दूध का दाम बढ़ाना ठीक नहीं है. फिलहाल सुधा के सभी प्रोडक्ट अच्छे से बिक रहे हैं"- राजेश कुमार, दूध बूथ संचालक

देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: "ये कांग्रेसी राजनीति के लिए अपने मां-बाप और खानदान को भी बेच सकते हैं"

पॉकेट पर पड़ा असर
बिहार में प्रतिदिन 16 लाख लीटर दुग्ध का उत्पादन डेयरी के माध्यम से किया जाता है. जिसमें 11 से 12 लाख लीटर दूध की बिक्री की जाती है. इसके अलावे दूध से मिठाई, पनीर, घी बनाये जाते हैं. दूध के दाम बढ़ाने की वजह कॉम्फेड ने सहकारी समिति की मांग के साथ-साथ प्रोडक्शन में लग रहे ज्यादा खर्च को बताया है. दूध के दाम बढ़ने से लोगों के पॉकेट पर असर पड़ा है. लोग कोरोना संक्रमण काल में इसे बढ़ती मंहगाई से जोड़कर सरकार के नाकामी बता रहे हैं.

पटना: आज से सुधा के दूध, घी, पनीर के साथ-साथ मिठाई भी मंहगे हो गये हैं. इसका असर बिक्री पर तो नहीं दिख रहा है. लेकिन आम आदमी इसको कोरोना संक्रमण काल में बढ़ रहे महंगाई से जोड़ रहे हैं.

लोगों का कहना है कि अभी के समय में दूध का दाम बढ़ाना उचित नहीं है. सामान खरीदना मजबूरी है, लेकिन सरकार ने एलपीजी गैस, पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ अब दूध भी मंहगा कर दिया है. जिससे हमलोगों के पॉकेट पर काफी असर पड़ेगा.

"सरकार महंगाई रोकने में विफल है और आम जनता परेशान है. दूध आवश्यक चीज है, खरीदना भी जरूरी है, क्या करें कुछ उपाय नहीं है. कोरोना से ऐसे ही हमलोग परेशान हुए हैं. मंहगाई ने और परेशान कर रखा है"- सुमित राज, स्थानीय

customers worried in patna
जानकारी देते बूथ संचालक राजेश कुमार
"सरकार को कोरोना काल में ऐसा नहीं करना चाहिए. मजबूरी है, दाम बढ़ गया है फिर भी खरीद रहे हैं. ऐसे भी लोगों का रोजी-रोजगार कोरोना ने छीना है. कमाई नहीं है, लेकिन मंहगाई बढ़ रही है. सरकार का इसपर ध्यान नहीं है"- गीता देवी, स्थानीय

"नार्मल दूध पर 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ा है. सुधा शक्ति का दाम 3 रुपये प्रति लीटर बढ़ा है. साथ ही घी, पनीर, मिठाई की कीमत भी बढ़ाई गई है. सिर्फ दही और लस्सी के दाम नहींं बढ़ाये गए हैं. इससे बिक्री पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. हम प्रतिदिन 1500 लीटर दूध बेचते हैं. आज भी सामान्यतः वही बिक्री हुई है. कुछ ग्राहक यहां आते हैं, वो जरूर ये कहते नजर आते हैं कि अभी कोरोना संक्रमण से लोग उबरे भी नहीं हैं. अभी दूध का दाम बढ़ाना ठीक नहीं है. फिलहाल सुधा के सभी प्रोडक्ट अच्छे से बिक रहे हैं"- राजेश कुमार, दूध बूथ संचालक

देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: "ये कांग्रेसी राजनीति के लिए अपने मां-बाप और खानदान को भी बेच सकते हैं"

पॉकेट पर पड़ा असर
बिहार में प्रतिदिन 16 लाख लीटर दुग्ध का उत्पादन डेयरी के माध्यम से किया जाता है. जिसमें 11 से 12 लाख लीटर दूध की बिक्री की जाती है. इसके अलावे दूध से मिठाई, पनीर, घी बनाये जाते हैं. दूध के दाम बढ़ाने की वजह कॉम्फेड ने सहकारी समिति की मांग के साथ-साथ प्रोडक्शन में लग रहे ज्यादा खर्च को बताया है. दूध के दाम बढ़ने से लोगों के पॉकेट पर असर पड़ा है. लोग कोरोना संक्रमण काल में इसे बढ़ती मंहगाई से जोड़कर सरकार के नाकामी बता रहे हैं.

Last Updated : Feb 7, 2021, 4:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.