पटना: आज से सुधा के दूध, घी, पनीर के साथ-साथ मिठाई भी मंहगे हो गये हैं. इसका असर बिक्री पर तो नहीं दिख रहा है. लेकिन आम आदमी इसको कोरोना संक्रमण काल में बढ़ रहे महंगाई से जोड़ रहे हैं.
लोगों का कहना है कि अभी के समय में दूध का दाम बढ़ाना उचित नहीं है. सामान खरीदना मजबूरी है, लेकिन सरकार ने एलपीजी गैस, पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ अब दूध भी मंहगा कर दिया है. जिससे हमलोगों के पॉकेट पर काफी असर पड़ेगा.
"सरकार महंगाई रोकने में विफल है और आम जनता परेशान है. दूध आवश्यक चीज है, खरीदना भी जरूरी है, क्या करें कुछ उपाय नहीं है. कोरोना से ऐसे ही हमलोग परेशान हुए हैं. मंहगाई ने और परेशान कर रखा है"- सुमित राज, स्थानीय
"नार्मल दूध पर 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ा है. सुधा शक्ति का दाम 3 रुपये प्रति लीटर बढ़ा है. साथ ही घी, पनीर, मिठाई की कीमत भी बढ़ाई गई है. सिर्फ दही और लस्सी के दाम नहींं बढ़ाये गए हैं. इससे बिक्री पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. हम प्रतिदिन 1500 लीटर दूध बेचते हैं. आज भी सामान्यतः वही बिक्री हुई है. कुछ ग्राहक यहां आते हैं, वो जरूर ये कहते नजर आते हैं कि अभी कोरोना संक्रमण से लोग उबरे भी नहीं हैं. अभी दूध का दाम बढ़ाना ठीक नहीं है. फिलहाल सुधा के सभी प्रोडक्ट अच्छे से बिक रहे हैं"- राजेश कुमार, दूध बूथ संचालक
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पॉकेट पर पड़ा असर
बिहार में प्रतिदिन 16 लाख लीटर दुग्ध का उत्पादन डेयरी के माध्यम से किया जाता है. जिसमें 11 से 12 लाख लीटर दूध की बिक्री की जाती है. इसके अलावे दूध से मिठाई, पनीर, घी बनाये जाते हैं. दूध के दाम बढ़ाने की वजह कॉम्फेड ने सहकारी समिति की मांग के साथ-साथ प्रोडक्शन में लग रहे ज्यादा खर्च को बताया है. दूध के दाम बढ़ने से लोगों के पॉकेट पर असर पड़ा है. लोग कोरोना संक्रमण काल में इसे बढ़ती मंहगाई से जोड़कर सरकार के नाकामी बता रहे हैं.