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लोगों की राय: अंतरराष्ट्रीय बाजार की तर्ज पर कम हो पेट्रोल-डीजल के दाम

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आने के बाद लोगों का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के दाम भी कम होने चाहिए.

Crude oil price fall in international market
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल कीमत में गिरावट
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Published : Mar 19, 2020, 6:02 PM IST

पटना: अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार कच्चे तेल की कीमत में भारी गिरावट जारी है. ऐसे में भारतीय बाजार में पेट्रोल और डीजल के दाम अभी भी आसमान पर हैं, जिससे आम लोगों में पेट्रोल और डीजल की कीमत को लेकर असंतोष दिख रहा है. वहीं, अर्थशास्त्रियों का मानना है कि जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट हुई है, ऐसे में भारतीय बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमत लगभग 50 रुपये होनी चाहिए. दाम कम नहीं होने से सरकार के बदले प्राइवेट कंपनियों को फायदा हो रहा है.

सरकार नहीं दे रही ध्यान
लोगों का कहना है कि जिस तरह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आ रही है. वैसी स्थिति में यहां पर भी पेट्रोल और डीजल के दाम कम होने चाहिए थे, लेकिन सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार इजाफा ही कर रही है. लोगों का कहना है कि सरकार का इस पर कोई ध्यान नहीं है. सरकार को पेट्रोल और डीजल की कीमत में गिरावट लानी चाहिए. वहीं, अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सरकार को पेट्रोल और डीजल की कीमत में कटौती करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया.

पेश है रिपोर्ट

कच्चे तेल की कीमत में लगातार गिरावट
अर्थशास्त्री डी.एम दिवाकर का मानना है कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी होती है, तो सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी कर देती है, लेकिन जब भारी गिरावट की जाती है, तो सरकार उस पर ध्यान न देकर कॉरपोरेट जगत को लाभ देने में जुट जाती है. उनका कहना है कि जो सब्सिडी सरकार कॉरपोरेट घरानों को दे रही है, वही सब्सिडी सरकार हम लोगों को देती तो लोगों को फायदा होता. लेकिन वो पैसा सरकार कॉरपोरेट जगत के लोगों को दे रही है.

Crude oil price fall in international market
स्थानीय

गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, लेकिन भारतीय बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई कमी नहीं होने की वजह से आम लोग सरकार के इस फैसले पर अब सवाल उठाने लगे हैं.

पटना: अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार कच्चे तेल की कीमत में भारी गिरावट जारी है. ऐसे में भारतीय बाजार में पेट्रोल और डीजल के दाम अभी भी आसमान पर हैं, जिससे आम लोगों में पेट्रोल और डीजल की कीमत को लेकर असंतोष दिख रहा है. वहीं, अर्थशास्त्रियों का मानना है कि जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट हुई है, ऐसे में भारतीय बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमत लगभग 50 रुपये होनी चाहिए. दाम कम नहीं होने से सरकार के बदले प्राइवेट कंपनियों को फायदा हो रहा है.

सरकार नहीं दे रही ध्यान
लोगों का कहना है कि जिस तरह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आ रही है. वैसी स्थिति में यहां पर भी पेट्रोल और डीजल के दाम कम होने चाहिए थे, लेकिन सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार इजाफा ही कर रही है. लोगों का कहना है कि सरकार का इस पर कोई ध्यान नहीं है. सरकार को पेट्रोल और डीजल की कीमत में गिरावट लानी चाहिए. वहीं, अर्थशास्त्रियों का कहना है कि सरकार को पेट्रोल और डीजल की कीमत में कटौती करनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया.

पेश है रिपोर्ट

कच्चे तेल की कीमत में लगातार गिरावट
अर्थशास्त्री डी.एम दिवाकर का मानना है कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी होती है, तो सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी कर देती है, लेकिन जब भारी गिरावट की जाती है, तो सरकार उस पर ध्यान न देकर कॉरपोरेट जगत को लाभ देने में जुट जाती है. उनका कहना है कि जो सब्सिडी सरकार कॉरपोरेट घरानों को दे रही है, वही सब्सिडी सरकार हम लोगों को देती तो लोगों को फायदा होता. लेकिन वो पैसा सरकार कॉरपोरेट जगत के लोगों को दे रही है.

Crude oil price fall in international market
स्थानीय

गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, लेकिन भारतीय बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई कमी नहीं होने की वजह से आम लोग सरकार के इस फैसले पर अब सवाल उठाने लगे हैं.

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