पटना: जिले में छठ पर्व के दूसरे दिन घाटोंं पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. लोक आस्था के इस महापर्व के दूसरे दिन खरना प्रसाद बनाने की परंपरा है. वहीं गंगा स्नान से पहले सदियों पुरानी परंपरा आज भी छठ व्रति निभाती देखी गई. तो आइये जानते हैं कौन सी है पुरानी वह परंपरा...
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पैरों का रंगवाना माना जाता है शुभ
गंगा जल ले जाने वाली छठ व्रति महिलाएं बताती है कि सदियों पुरानी इस परंपरा को वे आज भी निभाती चली आ रही हैं. हर शुभ कार्य से पहले पैरों को आलता से रंगवाना शुभ माना जाता है. छठ व्रत में व्रति महिलाएं घाटो पर ही अपने नाखूनों को कटवाने से लेकर गंगा स्नान के बाद पैरो को रंगवाने की पौराणिक प्रथा निभाती चली आ रही हैं.