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पटना: कार्तिक माह के पांचवें दिन घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, महिलाओं ने की गंगा आरती

कार्तिक पूर्णिमा के पांचवें दिन गंगा घाटों पर भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. महिलाओं ने स्नान कर गंगा आरती की और परिवार के सुख समृद्धि की कामना की.

घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
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Published : Oct 18, 2019, 10:15 AM IST

पटना: आज कार्तिक पूर्णिमा का पांचवां दिन है. गंगा घाटों पर सुबह से ही श्रद्घालुओं की भीड़ उमड़ रही है. दिन-ब-दिन लोगों का भीड़ बढ़ती जा रही है. आज महिलाओं ने स्नान कर गंगा आरती की और पूरे विधि-विधान से पूजा पाठ किया. बता दें कि आज से अलखनाथ घाट पर कीर्तन का आयोजन किया जाएगा.

हिन्दू धर्म में कार्तिक के महीने का बहुत महत्व होता है. शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है.

जानकारी देते पुजारी

कार्तिक माह में देवी-देवताओं का पृथ्वी पर होता है पदार्पण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है. इस महीने में सारे देवी-देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है. मतलब 1 महीने तक लगातार वे पृथ्वी पर रहते हैं. कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती हैं.

पटना: आज कार्तिक पूर्णिमा का पांचवां दिन है. गंगा घाटों पर सुबह से ही श्रद्घालुओं की भीड़ उमड़ रही है. दिन-ब-दिन लोगों का भीड़ बढ़ती जा रही है. आज महिलाओं ने स्नान कर गंगा आरती की और पूरे विधि-विधान से पूजा पाठ किया. बता दें कि आज से अलखनाथ घाट पर कीर्तन का आयोजन किया जाएगा.

हिन्दू धर्म में कार्तिक के महीने का बहुत महत्व होता है. शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है.

जानकारी देते पुजारी

कार्तिक माह में देवी-देवताओं का पृथ्वी पर होता है पदार्पण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है. इस महीने में सारे देवी-देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है. मतलब 1 महीने तक लगातार वे पृथ्वी पर रहते हैं. कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती हैं.

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Body:शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है।कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है मतलब 1 महीने तक लगातार वे पृथ्वी पर रहते हैं। इस महीने को त्यौहार को का महीना भी कहा जाता है लक्ष्मी पूजा छठ पूजा, दीपा पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते।


आज कार्तिक पूर्णिमा के पांचवें दिन भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी दिनों दिन श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है वही आज महिलाओं ने गंगा का आरती भी किया गीत गाए और पूजा अर्चना बड़ी भव्य तरीके से किया गया आज से अलखनाथ घाट में कीर्तन का आयोजन किया जाएगा।

सुबह से ही गंगा स्नान करने के लिए महिलाओं की भीड़ अलखनाथ घाट,उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों में उमड़ पड़ी है।वहीं महिलाएं स्नान कर पूजा पाठ की और अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती हैं।

उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इस महीने में इतना महत्व है कि लोग 1 महीने के लिए बनारस सिमरिया बाढ़ के उमा नाथधाम बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है।

वाइट- सोनू पांडे lअलखनाथ घाट के पुजारी)




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