पटना: बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों पर अक्षय नवमी को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है. आज सभी महिला और पुरुष श्रद्धालु गंगा स्नान कर पूजा-पाठ करने में लीन हैं. आज के दिन भुआ दान और आंवला के पेड़ के नीचे की पूजा करने का विशेष महत्व है.
आंवला के पेड़ को फेरी देने के बाद खिचड़ी बनाने की भी मान्यता है. लोग गंगा किनारे गंगाजल में ही खिचड़ी बनाकर खा रहे हैं और अपने परिवार के सुख और समृद्धि की कामना कर रहे हैं. ऐसा माना जात है कि गंगा स्नान कर भुआ दान और आंवला के पेड़ के नीचे फेरी देकर खिचड़ी बनाकर खाने से परिवार को सुख और समृद्धि मिलती है. उत्तरायण गंगा में यह कार्य करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.
अक्षय नवमी पर भगवान विष्णु की होती है पूजा
कार्तिक मास को भगवान विष्णु का प्रिय मास माना जाता है. यह पूरा महीना व्रत और त्योहारों का है. इसी महीने का एक प्रमुख व्रत है अक्षय नवमी. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाया जाता है. यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद शुभ माना गया है.
आंवला के पेड़ की पूजा करने का विशेष महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करने से मनोरथ पूर्ण होने के साथ पुण्य मिलता है. अक्षय नवमी के दिन आंवला की पूजा करने एवं दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है. शास्त्रों के अनुसार अक्षय नवमी के दिन किया गया दान पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है. इसे आंवला नवमी के नाम से भी जाना जाता है.