ETV Bharat / state

पटना: अक्षय नवमी को लेकर गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ - परिवार के सुख और समृद्धि की कामना

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाया जाता है. यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद शुभ माना गया है. इस दिन आंवला के पेड़ की पूजा करने एवं दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है.

गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
author img

By

Published : Nov 5, 2019, 10:26 AM IST

Updated : Nov 5, 2019, 2:02 PM IST

पटना: बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों पर अक्षय नवमी को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है. आज सभी महिला और पुरुष श्रद्धालु गंगा स्नान कर पूजा-पाठ करने में लीन हैं. आज के दिन भुआ दान और आंवला के पेड़ के नीचे की पूजा करने का विशेष महत्व है.

आंवला के पेड़ को फेरी देने के बाद खिचड़ी बनाने की भी मान्यता है. लोग गंगा किनारे गंगाजल में ही खिचड़ी बनाकर खा रहे हैं और अपने परिवार के सुख और समृद्धि की कामना कर रहे हैं. ऐसा माना जात है कि गंगा स्नान कर भुआ दान और आंवला के पेड़ के नीचे फेरी देकर खिचड़ी बनाकर खाने से परिवार को सुख और समृद्धि मिलती है. उत्तरायण गंगा में यह कार्य करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.

patna
महिलाओं ने आंवला के पेड़ के नीचे की पूजा अर्चना

अक्षय नवमी पर भगवान विष्णु की होती है पूजा
कार्तिक मास को भगवान विष्णु का प्रिय मास माना जाता है. यह पूरा महीना व्रत और त्योहारों का है. इसी महीने का एक प्रमुख व्रत है अक्षय नवमी. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाया जाता है. यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद शुभ माना गया है.

पेश है रिपोर्ट

आंवला के पेड़ की पूजा करने का विशेष महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करने से मनोरथ पूर्ण होने के साथ पुण्य मिलता है. अक्षय नवमी के दिन आंवला की पूजा करने एवं दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है. शास्त्रों के अनुसार अक्षय नवमी के दिन किया गया दान पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है. इसे आंवला नवमी के नाम से भी जाना जाता है.

पटना: बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों पर अक्षय नवमी को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है. आज सभी महिला और पुरुष श्रद्धालु गंगा स्नान कर पूजा-पाठ करने में लीन हैं. आज के दिन भुआ दान और आंवला के पेड़ के नीचे की पूजा करने का विशेष महत्व है.

आंवला के पेड़ को फेरी देने के बाद खिचड़ी बनाने की भी मान्यता है. लोग गंगा किनारे गंगाजल में ही खिचड़ी बनाकर खा रहे हैं और अपने परिवार के सुख और समृद्धि की कामना कर रहे हैं. ऐसा माना जात है कि गंगा स्नान कर भुआ दान और आंवला के पेड़ के नीचे फेरी देकर खिचड़ी बनाकर खाने से परिवार को सुख और समृद्धि मिलती है. उत्तरायण गंगा में यह कार्य करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.

patna
महिलाओं ने आंवला के पेड़ के नीचे की पूजा अर्चना

अक्षय नवमी पर भगवान विष्णु की होती है पूजा
कार्तिक मास को भगवान विष्णु का प्रिय मास माना जाता है. यह पूरा महीना व्रत और त्योहारों का है. इसी महीने का एक प्रमुख व्रत है अक्षय नवमी. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाया जाता है. यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद शुभ माना गया है.

पेश है रिपोर्ट

आंवला के पेड़ की पूजा करने का विशेष महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करने से मनोरथ पूर्ण होने के साथ पुण्य मिलता है. अक्षय नवमी के दिन आंवला की पूजा करने एवं दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है. शास्त्रों के अनुसार अक्षय नवमी के दिन किया गया दान पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है. इसे आंवला नवमी के नाम से भी जाना जाता है.

Intro:


Body:बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों में अक्षय नवमी को लेकर श्रद्धालुओं की हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी है।वही आज अक्षय नवमी के दिन महिला एवं पुरुष श्रद्धालु गंगा स्नान कर भुआ दान एवं आंवला के पेड़ को फेरी देने एवं पूजा पाठ कर रहे हैं। वही आंवला के पेड़ के नीचे फेरी देने के बाद खिचड़ी बनाने का मान्यता है और लोग गंगा किनारे गंगाजल में ही खिचड़ी बनाकर खा रहे हैं और अपने परिवार के सुख और समृद्धि की कामना कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि गंगा किनारे गंगाजल का स्नान कर भूआ आंवला के पेड़ के नीचे फेरी एवं पूजा पाठ सहित खिचड़ी बनाकर खाने से परिवार को सुख और समृद्धि मिलती है और उत्तरायण गंगा में यह कार्य करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।


कार्तिक मास को भगवान विष्णु का प्रिय मास माना जाता है यह पूरा महीना व्रत और त्योहारों का है।इसी महीने का एक प्रमुख व्रत है अक्षय नवमी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाया जाता है।यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद शुभ माना गया है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करने से मनोरथ पूर्ण होने के साथ पुण्य मिलता है और अक्षय नवमी के दिन आमला की पूजा करने एवं दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है शास्त्रों के अनुसार अक्षय नवमी के दिन किया गया दान पुण्य तभी समाप्त नहीं होता है इसे आंवला नवमी के नाम से भी जाना जाता है।

वाइट- सीढ़ी घाट के पुजारी


Conclusion:
Last Updated : Nov 5, 2019, 2:02 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.