पटना: बिहार के विभिन्न स्थानों में होली के दौरान कई आपराधिक घटनाओं ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा के साथ ही बेतिया, भोजपुर, बेगूसराय और बरौनी हत्या और हंगामा की घटनाओं से दहल उठा. खुद बीजेपी के बड़े नेताओं ने बिहार में बिगड़ते लॉ एंड ऑर्डर (law and order in bihar) पर सवाल खड़े किए. बेगूसराय और बरौनी में हुई घटना को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh statement on Rajaura Incident) और बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा नीतीश सरकार और उनकी पुलिस पर हमलावर दिखे.
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नालंदा में हत्या: नालंदा में बढ़ते आपराधिक घटनाओं से (Crime incident Increase in Nalanda) आम लोग से लेकर पुलिस तक परेशान है. जिले में क्राइम कम होने का नाम नहीं ले रहा है. 18 से लेकर 19 मार्च के बीच अलग-अलग थाना क्षेत्रों में 4 लोगों की हत्या से इलाके में हड़कंप मच गया.
होली खेलने के विवाद में फायरिंग: दरअसल बिहार के नालंदा में होली खेलने के विवाद में फायरिंग का मामला सामने आया था. जिले के परवलपुर के अल्मा पंचायत में होली खेलने के विवाद में फायरिंग (Shot fired in dispute over playing Holi) गई. घटना में तीन लोगों को गोली लगी थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई. वहीं करायपरसुराय थाना क्षेत्र (Karaiparasurai Police Station) के नेशरा गांव में जमीन विवाद (Land Dispute In Nalanda) में गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया गया. जहां रास्ते को लेकर दो पक्ष आपस में भिड़ गए. इसके बाद मामला इतना बढ़ गया की गोलीबारी शुरू हो गई. इस दौरान गोली लगने से एक महिला की मौत हो गई. जबकि एक युवक बुरी तरह जख्मी हो गया. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
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नालंदा में अपराधियों के हौसले बुलंद: नालंदा में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. अपराधी बेखौफ होकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. शुक्रवार को नालंदा में एसिड छिड़ककर एक युवक की हत्या (Acid Attack In Nalanda) कर दी गई. हिलसा थाना क्षेत्र के बारा पंचायत के नदहा गांव में शराब पीने को लेकर हुए विवाद में युवक को पहले पीट-पीटकर अधमरा कर दिया. इसके बाद से उसे एसिड से नहला दिया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई.
बेतिया में युवक की मौत पर हंगामा: पश्चिम चंपारण के बलथर थाना में युवक की संदेहास्पद मौत (Young Man Dead BY Police Beating in Bettiah) के बाद थाना धधक उठा. बेतिया एसपी ने बताया कि पुलिस की पिटाई से युवक की मौत नहीं हुई है. युवक को थाना पर लाया गया था, लेकिन थाना परिसर में मधुमक्खी ने उसे काट लिया और जब इलाज के लिए ले जाया गया तो रास्ते में उसने दम तोड़ दिया. जिसके बाद लोगों ने थाना पर हमला बोल दिया और थाने को आग के हवाले कर दिया. अब तक इस पूरे मामले में लगभग दर्जनों लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
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होली पर हंगामा ही हंगामा: मोतिहारी में पुलिस टीम पर हमला बोला गया है. एक महिला को डायन बताकर बाल मुंडवा दिया गया. वहीं
होली के दिन ही बांका में 8 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या का भी मामला सामने आया. पटना में भी लूट की घटनाएं हुई. इसी तरह की कई घटनाएं हुई है, इसके कारण सुशासन पर सवाल उठा रहा है. इन तमाम मामलों पर जिला प्रशासन अपने अपने तरीके से सफाई देने और मामलों की लीपापोती में लगा है.
आरजेडी ने किया हमला: वहीं मुख्य विपक्षी दल आरजेडी सरकार से पूछ रहा है क्या यही सुशासन है. आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि जिस प्रकार से आपराधिक घटनाएं बढ़ी है, साफ है शासन का इकबाल समाप्त हो गया है. अपराधियों का मनोबल बढ़ा है. सरकार आम लोगों को पीटने पर विश्वास करती है.
"अपराधियों के सामने पुलिस नतमस्तक है. अपराध को रोकने के काम में जिस पुलिस को लगाना चाहिए उस पुलिस को सिर्फ और सिर्फ शराब रोकने में लगाया गया है. जिस कारण अपराध चरम सीमा पर है. सीएम के गृह जिला में अपराध बढ़ रहा है. पूरे राज्य में यही स्थिति है. बेतिया में डीजे वाले को पुलिस ने पीटकर मार डाला और एसपी कहते हैं कि मधुमक्खी काटने से व्यक्ति की मौत हुई है."- एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता
सत्ता पक्ष के लिए जवाब देना हुआ मुश्किल: वहीं बढ़ती आपराधिक घटनाओं पर सत्ताधारी दल के नेताओं के लिए जवाब देना मुश्किल हो रहा है. जदयू का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्राइम करप्शन और कम्युनलिज्म से कभी समझौता नहीं कर सकते हैं और प्रशासन पूरे मामले में मुस्तैदी से काम कर रहा है जो भी दोषी हैं बख्शे नहीं जाएंगे. बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा का कहना है कि लगातार बढ़ रही अपराध की घटना निश्चित रूप से चिंता की बात है. पुलिस प्रशासन भी इसको लेकर चिंतित है. मुख्यमंत्री पूरे मामले की मॉनिटरिंग खुद कर रहे हैं इसलिए ऐसी सब घटनाओं पर रोक लगेगी. जो भी दोषी होंगे उन्हें सख्त सजा दी जाएगी. वहीं जदयू विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी का कहना है कि यदि शासन का इकबाल नहीं रहता तो होली और शब-ए-बारात आसानी से नहीं निकलता. यदि पुलिस कार्रवाई करती है तो यही विपक्ष सरकार पर आरोप लगाना शुरू कर देती है.
विपक्ष को मिला बीजेपी का साथ: होली से ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नालंदा की यात्रा की थी. लोगों से जाकर मिले थे और उसके बाद आपराधिक घटना नालंदा में हुई है. बेतिया में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल लगातार एसपी पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. उन्हें वहां से हटाने की मांग भी करते रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने सरस्वती पूजा के दौरान डीएसपी और थाना इंचार्ज को लेकर जिस प्रकार से आरोप लगाए सरकार को आखिरकार झुकना पड़ा और डीएसपी को वहां से हटाना पड़ा. कुल मिलाकर देखें तो कानून व्यवस्था पर सरकार पर विपक्ष के साथ ही सहयोगी बीजेपी भी कई मौकों पर उंगली उठाती रही है.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बड़ा बयान: शनिवार को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Union Minister Giriraj Singh) दो दिवसीय दौरे पर बेगूसराय पहुंचे. जहां उन्होंने कहा वोट बैंक की राजनीति करते करते सामाजिक समरसता टूट रही है, शांति भंग हो रही है. मैं प्रशासन से न्याय की भीख मांग रहा हूं कि उस गरीब का क्या दोष है जिसके यहां तलवार और हथियार से लैस कुछ लोगों ने हमला कर कई लोगों को घायल कर दिया. शासन और प्रशासन से मांग करता हूं कि मामले की लीपापोती ना करके मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया जाए. नहीं तो मैं अहिंसात्मक कार्रवाई करने पर विवश हो जाऊंगा. आखिरकार राजौड़ा का हिन्दू जाए तो कहां जाए.
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संदिग्ध स्थिति में मौतों ने बढ़ाई सरकार की परेशानी: वहीं इन सबके साथ ही जहरीली शराब का मुद्दे पर भी विपक्ष सरकार को लगातार घेर रह है. बिहार में कथित जहरीली शराब (Bihar hooch tragedy) से मरने वालों की संख्या 41 हो गई है. भागलपुर, बांका, मोतिहारी और सिवान में जहरीली शराब ने तांडव मचाया हुआ है. पुलिस की सख्ती के बावजूद शराबबंदी वाले बिहार में शराब धड़ल्ले से बिक रही है. ना तो जमीन पर पुलिस कुछ असर है और ना ही आसमान से हेलिकॉप्टर या ड्रोन नजर रख पा रहा है. होली में नशेड़ियों को जो कुछ मिला वो गटक लिया. नतीजा ये हुआ कि अब तक कई लोगों की संदिग्ध मौत हो चुकी है. प्रशासन इस मामले में पुष्टि करने से बचता दिख रहा है. बिहार में अभी भी 24 से ज्यादा लोगों का इलाज चल रहा है. इनमें से कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है.
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