ETV Bharat / state

पटना बन रही अपराध की राजधानी! 15 अगस्त तक हुईं 16 हत्याएं

बिहार में हर महीने हत्या समेत अन्य आपराधिक घटनाओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. अगस्त माह में राजधानी पटना में अपराधियों ने कुल 16 लोगों की हत्या की है. ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

author img

By

Published : Aug 16, 2021, 3:58 PM IST

crime-graph-increased-in-patna
crime-graph-increased-in-patna

पटना: बिहार में इन दिनों क्राइम का ग्राफ (Bihar Crime Graph) लगातार बढ़ रहा है. लॉ एंड ऑर्डर (Law And Order) बुरी तरह से चरमराया हुआ है. बिहार (Bihar Crime) में लगातार हत्या, लूट, अपहरण, दुष्कर्म, डकैती और चोरी जैसी घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1 अगस्त से लेकर 12 अगस्त के बीच अपराधियों ने राजधानी पटना में 16 लोगों की हत्या हो चुकी हैं.

यह भी पढ़ें - बिहार में बेहाल कानून व्यवस्था, चार महीने में 404 दुष्कर्म, 874 हत्याएं

बिहार में अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद अपराधियों के फरार हो जाने से पुलिस की गश्ती पर सवाल उठने लगे हैं. पुलिस मुख्यालय सहित जिले के एसएसपी अधिकारियों और थानेदारों को गश्ती करने का आदेश दे रहे हैं, लेकिन इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है. ऐसे में राजधानी पटना क्राइम कैपिटल बनती जा रही है.

साल 2021 की बात करें तो हर महीने हत्या के मामले में लगातार वृद्धि हो रही है. साल 2021 के जुलाई माह में जहां राजधानी पटना में 16 हत्या और 11 अटेम्प्ट टू मर्डर की घटना घटित हुईं थीं. वहीं, इस महीने यानी अगस्त में महज 12 दिनों के अंदर 16 हत्या की वारदातें हुईं हैं.

हालांकि, इन मामलों में पुलिस मुख्यालय कुछ भी बोलने से परहेज कर रहा है. पुलिस मुख्यालय द्वारा गश्ती पर खास जोर दिया जा रहा है. रात्रि गश्ती, पैदल गश्ती के साथ-साथ दो पहिया वाहन गश्ती पर भी जोर दिया जा रहा है. इसके बावजूद भी अपराधिक वारदातों के साथ-साथ चोरी, डकैती और अपहरण जैसे मामलों में भी वृद्धि हो रही है.

बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़े की अगर बात करें तो साल 2021 के जनवरी महीने में 194 हत्या की वारदात हुईं. वहीं, फरवरी में 220 हत्याएं हुईं. मार्च में 226 मर्डर हुए. अप्रैल में 234 हत्या की घटना घटित हुई है. मई में 267 कत्ल हुए. जून माह में 258 हत्याएं हुईं. जून माह तक 1399 मामले हत्या के दर्ज हुए हैं. जनवरी से लेकर जून तक की और बात करें तो हर महीने हत्या की घटना में बढ़ोतरी हुई है. अगर मार्च-अप्रैल और मई महीने की बात करें तो कोरोना महामारी पीक पर था. इस दौरान भी हत्या में बेतहाशा वृद्धि हुई.

इसी साल जुलाई माह में पटना जिले में 16 हत्या और 11 मर्डर की घटना को अंजाम दिया गया है. 4 जुलाई को जानीपुर में युवक को गोली मारकर हत्या की गई. 6 जुलाई को आलमगंज में मिथिलेश गोप की हत्या हुई. 6 जुलाई को चौक थाना इलाके में ऑटो चालक का कत्ल हुआ. 9 जुलाई को शास्त्री नगर के नंद गांव में सब्जी विक्रेता की गोली मारकर हत्या की गई. 14 जुलाई को पिपरा थाना इलाके में दहेज के लिए महिला की हत्या कर दी गई. 16 जुलाई को खाज केरला में आपसी विवाद में फायरिंग में 6 लोग घायल हुए. 17 जुलाई का बिहटा के मूसेपुर में डकैती के दौरान बुजुर्ग की हत्या और 17 जुलाई को ही मसौढ़ी में मामूली विवाद में युवक को पीट-पीटकर मार डाला गया.

वहीं, 17 जुलाई को बाईपास इलाके में 12 साल के सुमित की हत्या की घटना को अंजाम दिया गया. 18 जुलाई को चितकोहरा में प्रॉपर्टी डीलर के बेटे को गोली मार के हत्या कर दी गई. 19 जुलाई को चंदा के विवाद में गोपालपुर में पिता और पुत्र को गोली मारी गई. 19 जुलाई को पंडारक में युवक सोहन को पीट-पीटकर मार डाला गया. 19 जुलाई को ही मालसलामी में सिगरेट के थोक विक्रेता की हत्या हुई और 15 लाख की लूट की घटना को अंजाम दिया गया. 20 जुलाई को मसौढ़ी में कुर्सी चुराने के आरोप में युवक का कत्ल हो गया. 21 जुलाई कदम कुआं में 2 लोगों को गोली मारी गई.

21 जुलाई को चौक थाना इलाके में कारोबारी पंकज की हत्या. 25 जुलाई मालसलामी इलाके में मछली कारोबारी पारस की हत्या. 26 जुलाई आलमगंज में एक साथ चालक को गोली मारकर हत्या की गई. 27 जुलाई आरके नगर में शराब पीने के दौरान युवक को गोली मारी गई. 28 जुलाई गोपालपुर में पुरानी रंजिश में युवक रजनीश को गोली मारी गई. 31 जुलाई पुनाइचाक में ठेकेदार को गोली मारी गई. 31 जुलाई को नौबतपुर में युवक की चाकू से गोदकर हत्या की गई. 31 जुलाई को फुलवारी शरीफ में वृद्ध व्यक्ति की हत्या हुई.


पटना जिले में अगस्त माह में हत्या की वारदातों की बात करें तो, 1 अगस्त को बहादुरपुर में हॉस्टल के कुक की हत्या और जानीपुर में बुजुर्ग की हत्या की गई. 2 अगस्त को कदम कुआं में रिक्शा चालक की हत्या और 2 अगस्त को बेउर में गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया गया. 5 अगस्त को दानापुर में युवक की हत्या की गई. 6 अगस्त को बीटामेट दवा कारोबारी को गोली मारकर घायल किया गया. 6 अगस्त को मनेर में दिव्यांग की हत्या और खेमनीचक में मजदूर की हत्या की गई.

7 अगस्त को बाढ़ के भगोरा में कुख्यात को 16 गोली मारी गई, दहेज के लिए बहादुरपुर में महिला की हत्या की गई. 8 अगस्त को धनरूआ के बांस बीघा में युवक की हत्या हुई. 9 अगस्त को रानी तालाब में पीट-पीटकर अजमेर को मार डाला गया. 10 अगस्त को बिहटा में लूटपाट के दौरान आभूषण कारोबारी को गोली मारकर हत्या की गई. 11 अगस्त को सालिमपुर के समतपुर में किसान की हत्या और मोकामा के सहा दयाराम में एक व्यक्ति की हत्या की गई. 12 अगस्त को बेवर में ट्रांसपोर्टर की गोली मारकर हत्या की गई. इसके अलावा भी बिहार के अन्य जिलों में अपराधियों द्वारा कई वारदात को घटना को अंजाम दिया गया.

बिहार में लगातार बढ़ते अपराध के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय के जो दावे हैं वे कहीं ना कहीं खोखले साबित हो रहे हैं. हत्या और गोलीबारी के बाद पुलिस सीसीटीवी कैमरे खंगालने और खोखा चुनने में जुट जाती है. पुलिस के विशेष सूत्रों के द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार, इस महीने के 16 अपराधिक वारदातों में पुलिस ने सिर्फ 3-4 मामलों में अपराधियों को गिरफ्तार किया है.

इन वारदातों पर लगाम लगाई जा सकती थी अगर राजधानी की पुलिस गश्ती में चुस्ती दिखाती. ऐसा नहीं है कि सारी घटनाएं रात के सन्नाटे में की गईं हैं. पटना में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि दिनदहाड़े भी वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है. पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठी है.

यह भी पढ़ें - Bihar Crime: बिहार में बढ़ा है अपराध का ग्राफ, मुख्यालय की सफाई- अंकुश के लिए उठा रहे हैं हरसंभव कदम

पटना: बिहार में इन दिनों क्राइम का ग्राफ (Bihar Crime Graph) लगातार बढ़ रहा है. लॉ एंड ऑर्डर (Law And Order) बुरी तरह से चरमराया हुआ है. बिहार (Bihar Crime) में लगातार हत्या, लूट, अपहरण, दुष्कर्म, डकैती और चोरी जैसी घटनाएं आए दिन सामने आ रही हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1 अगस्त से लेकर 12 अगस्त के बीच अपराधियों ने राजधानी पटना में 16 लोगों की हत्या हो चुकी हैं.

यह भी पढ़ें - बिहार में बेहाल कानून व्यवस्था, चार महीने में 404 दुष्कर्म, 874 हत्याएं

बिहार में अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद अपराधियों के फरार हो जाने से पुलिस की गश्ती पर सवाल उठने लगे हैं. पुलिस मुख्यालय सहित जिले के एसएसपी अधिकारियों और थानेदारों को गश्ती करने का आदेश दे रहे हैं, लेकिन इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है. ऐसे में राजधानी पटना क्राइम कैपिटल बनती जा रही है.

साल 2021 की बात करें तो हर महीने हत्या के मामले में लगातार वृद्धि हो रही है. साल 2021 के जुलाई माह में जहां राजधानी पटना में 16 हत्या और 11 अटेम्प्ट टू मर्डर की घटना घटित हुईं थीं. वहीं, इस महीने यानी अगस्त में महज 12 दिनों के अंदर 16 हत्या की वारदातें हुईं हैं.

हालांकि, इन मामलों में पुलिस मुख्यालय कुछ भी बोलने से परहेज कर रहा है. पुलिस मुख्यालय द्वारा गश्ती पर खास जोर दिया जा रहा है. रात्रि गश्ती, पैदल गश्ती के साथ-साथ दो पहिया वाहन गश्ती पर भी जोर दिया जा रहा है. इसके बावजूद भी अपराधिक वारदातों के साथ-साथ चोरी, डकैती और अपहरण जैसे मामलों में भी वृद्धि हो रही है.

बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़े की अगर बात करें तो साल 2021 के जनवरी महीने में 194 हत्या की वारदात हुईं. वहीं, फरवरी में 220 हत्याएं हुईं. मार्च में 226 मर्डर हुए. अप्रैल में 234 हत्या की घटना घटित हुई है. मई में 267 कत्ल हुए. जून माह में 258 हत्याएं हुईं. जून माह तक 1399 मामले हत्या के दर्ज हुए हैं. जनवरी से लेकर जून तक की और बात करें तो हर महीने हत्या की घटना में बढ़ोतरी हुई है. अगर मार्च-अप्रैल और मई महीने की बात करें तो कोरोना महामारी पीक पर था. इस दौरान भी हत्या में बेतहाशा वृद्धि हुई.

इसी साल जुलाई माह में पटना जिले में 16 हत्या और 11 मर्डर की घटना को अंजाम दिया गया है. 4 जुलाई को जानीपुर में युवक को गोली मारकर हत्या की गई. 6 जुलाई को आलमगंज में मिथिलेश गोप की हत्या हुई. 6 जुलाई को चौक थाना इलाके में ऑटो चालक का कत्ल हुआ. 9 जुलाई को शास्त्री नगर के नंद गांव में सब्जी विक्रेता की गोली मारकर हत्या की गई. 14 जुलाई को पिपरा थाना इलाके में दहेज के लिए महिला की हत्या कर दी गई. 16 जुलाई को खाज केरला में आपसी विवाद में फायरिंग में 6 लोग घायल हुए. 17 जुलाई का बिहटा के मूसेपुर में डकैती के दौरान बुजुर्ग की हत्या और 17 जुलाई को ही मसौढ़ी में मामूली विवाद में युवक को पीट-पीटकर मार डाला गया.

वहीं, 17 जुलाई को बाईपास इलाके में 12 साल के सुमित की हत्या की घटना को अंजाम दिया गया. 18 जुलाई को चितकोहरा में प्रॉपर्टी डीलर के बेटे को गोली मार के हत्या कर दी गई. 19 जुलाई को चंदा के विवाद में गोपालपुर में पिता और पुत्र को गोली मारी गई. 19 जुलाई को पंडारक में युवक सोहन को पीट-पीटकर मार डाला गया. 19 जुलाई को ही मालसलामी में सिगरेट के थोक विक्रेता की हत्या हुई और 15 लाख की लूट की घटना को अंजाम दिया गया. 20 जुलाई को मसौढ़ी में कुर्सी चुराने के आरोप में युवक का कत्ल हो गया. 21 जुलाई कदम कुआं में 2 लोगों को गोली मारी गई.

21 जुलाई को चौक थाना इलाके में कारोबारी पंकज की हत्या. 25 जुलाई मालसलामी इलाके में मछली कारोबारी पारस की हत्या. 26 जुलाई आलमगंज में एक साथ चालक को गोली मारकर हत्या की गई. 27 जुलाई आरके नगर में शराब पीने के दौरान युवक को गोली मारी गई. 28 जुलाई गोपालपुर में पुरानी रंजिश में युवक रजनीश को गोली मारी गई. 31 जुलाई पुनाइचाक में ठेकेदार को गोली मारी गई. 31 जुलाई को नौबतपुर में युवक की चाकू से गोदकर हत्या की गई. 31 जुलाई को फुलवारी शरीफ में वृद्ध व्यक्ति की हत्या हुई.


पटना जिले में अगस्त माह में हत्या की वारदातों की बात करें तो, 1 अगस्त को बहादुरपुर में हॉस्टल के कुक की हत्या और जानीपुर में बुजुर्ग की हत्या की गई. 2 अगस्त को कदम कुआं में रिक्शा चालक की हत्या और 2 अगस्त को बेउर में गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया गया. 5 अगस्त को दानापुर में युवक की हत्या की गई. 6 अगस्त को बीटामेट दवा कारोबारी को गोली मारकर घायल किया गया. 6 अगस्त को मनेर में दिव्यांग की हत्या और खेमनीचक में मजदूर की हत्या की गई.

7 अगस्त को बाढ़ के भगोरा में कुख्यात को 16 गोली मारी गई, दहेज के लिए बहादुरपुर में महिला की हत्या की गई. 8 अगस्त को धनरूआ के बांस बीघा में युवक की हत्या हुई. 9 अगस्त को रानी तालाब में पीट-पीटकर अजमेर को मार डाला गया. 10 अगस्त को बिहटा में लूटपाट के दौरान आभूषण कारोबारी को गोली मारकर हत्या की गई. 11 अगस्त को सालिमपुर के समतपुर में किसान की हत्या और मोकामा के सहा दयाराम में एक व्यक्ति की हत्या की गई. 12 अगस्त को बेवर में ट्रांसपोर्टर की गोली मारकर हत्या की गई. इसके अलावा भी बिहार के अन्य जिलों में अपराधियों द्वारा कई वारदात को घटना को अंजाम दिया गया.

बिहार में लगातार बढ़ते अपराध के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय के जो दावे हैं वे कहीं ना कहीं खोखले साबित हो रहे हैं. हत्या और गोलीबारी के बाद पुलिस सीसीटीवी कैमरे खंगालने और खोखा चुनने में जुट जाती है. पुलिस के विशेष सूत्रों के द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार, इस महीने के 16 अपराधिक वारदातों में पुलिस ने सिर्फ 3-4 मामलों में अपराधियों को गिरफ्तार किया है.

इन वारदातों पर लगाम लगाई जा सकती थी अगर राजधानी की पुलिस गश्ती में चुस्ती दिखाती. ऐसा नहीं है कि सारी घटनाएं रात के सन्नाटे में की गईं हैं. पटना में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि दिनदहाड़े भी वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है. पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठी है.

यह भी पढ़ें - Bihar Crime: बिहार में बढ़ा है अपराध का ग्राफ, मुख्यालय की सफाई- अंकुश के लिए उठा रहे हैं हरसंभव कदम

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.