दरभंगा: बिहार में कोरोना महामारी काफी तेजी से फैल रही है. इस पर लगाम लगाने और मरीजों के समुचित इलाज की व्यवस्था को लेकर भाकपा माले ने प्रतिवाद किया. इस दौरान कोरोना मरीजों के लिए बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और जांच का व्यापक इंतजाम करने की मांग की गई.
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इसके अलावा भाकपा माले ने सरकारी और निजी अस्पतालों का 50 प्रतिशत बेड कोविड मरीजों के लिए रिजर्व करने, कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों की संख्या बढ़ाने, मरीजों के लिए ऑक्सीजन युक्त अस्थाई अस्पताल बनाने और 24 घंटे में जांच रिपोर्ट की गारंटी देने सहित अन्य मांगें रखी.
केंद्र और राज्य सरकार लोगों की जिंदगी बचाने में विफल
इस प्रतिवाद के दौरान भाकपा माले के वरिष्ठ नेता आर के सहनी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार कोरोना पीड़ितों की जिंदगी बचाने में विफल है. कोरोना की दूसरी लहर से मुकाबला करने की तैयारी करने के बदले केंद्र सरकार ने चुनाव और महाकुंभ के जरिए इसको काफी बढ़ा दिया है. कोरोना के कारण देश और राज्य में लोग मर रहे हैं. मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन की कमी है तो कहीं वेंटिलेटर का अभाव है. इसलिए सरकार से बेहतर व्यवस्था करने की मांग की गई है.
'प्राइवेट हॉस्पिटलों में कोविड मरीजों का समुचित इलाज नहीं'
भाकपा माले नेता नेयाज अहमद ने कहा कि भाजपा-जदयू की सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति लापरवाह बनी हुई है. आज पूरे बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था आईसीयू में है. वहीं, नेयाज अहमद ने जिला प्रशासन की ओर से घोषित 16 प्राइवेट अस्पतालों में कोविड मरीजों के इलाज और भर्ती में हो रही कोताही की बात कही. साथ ही जिलाधिकारी से मांग किया कि जिला प्रशासन अपने मॉनिटरिंग में प्राइवेट हॉस्पिटलों में कोरोना मरीजों का इलाज करवाए.