पटना: सीपीआईएम ने बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार सरकार क्राइम को रोकने में असफल दिख रही है. बिहार में क्राइम पूरी तरीके से अनकंट्रोल है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि पूरा बिहार अपराधी पुलिस गठजोड़ के गिरफ्त में है. जो अपराधी हैं उनका पुलिस के साथ सांठगांठ है और उन्हें राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है. यही कारण है कि बिहार में आए दिन लूट, हत्या, बलात्कार की घटनाएं घट रही हैं. भाजपा और जदयू की सरकार ने बिहार में महा जंगलराज कायम कर दिया है.
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प्रतिशोध सभा का होगा आयोजन
सीपीआईएम राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि विगत 29 मार्च को भागलपुर का एक मामला है. सिंचाई विभाग के लिपिक के पद पर बांका जिला में कार्यरत एक कर्मी के घर आधी रात पुलिस पहुंचती है और उन्हें उठाकर थाने ले जाकर इतनी पिटाई करते हैं कि उनकी मौत हो जाती है. हमारी टीम ने महागठबंधन के लोगों के साथ मामले का पता लगाया तो पता चला कि पुलिस ने बेवजह उनकी पिटाई की और इतनी बुरी तरह से पीटा कि उनकी मौत हो गई. हम मांग करते हैं कि सरकार मित्र के परिवार को 50 लाख का मुआवजा दे. महागठबंधन की ओर से इस घटना को लेकर आगामी 3 अप्रैल को बरारी में प्रतिरोध सभा का आयोजन किया जाएगा.
किसी पर नहीं हुई है कोई कार्रवाई
उन्होंने बताया कि 29 मार्च को ही मधुबनी जिले के बेनीपट्टी थाना अंतर्गत गांव में अपराधियों के हमले में 3 लोग मारे गए. आज तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने बताया कि उप मुख्यमंत्री के काफिले की गाड़ी से मुन्ना शुक्ला उर्फ सुधांशु शुक्ला नाम के युवक को गंभीर चोट लगती है और उसकी मृत्यु हो जाती है.
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जल्द हो कार्रवाई
ग्रामीणों ने काफी समय तक सड़क जाम रखा. लेकिन मामले में किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई. आए दिन बिहार में लूट, चोरी, हत्या और बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही है. लेकिन प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है. इससे साफ जाहिर होता है कि अपराधियों का पुलिस के साथ गठजोड़ है और उन्हें राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है. नमन करते हैं कि अपराध एवं पुलिस द्वारा जो घटना घटी है उसकी जांच हो और जो भी दोषी हैं, उनपर कार्रवाई जल्द से जल्द की जाए.