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पंचायत परामर्श समिति के फैसले का CPIM ने किया विरोध, कहा- सरकार फिर से करे विचार

नीतीश सरकार के पंचायत परामर्श समिति के फैसले पर सीपीआईएम नेता ने सवाल उठाया है. राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि सरकार को अपने फैसले पर विचार करने की जरूरत है.

नीतीश सरकार के फैसले पर सवाल
नीतीश सरकार के फैसले पर सवाल
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Published : Jun 3, 2021, 6:00 PM IST

पटना : बिहार सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल नहीं बढ़ाने का फैसला किया है. जिसके बाद महागठबंधन के विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है. सीपीआईएम राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि निर्वाचित पंचायतों के कार्यकाल को नहीं बढ़ाने का फैसला सरकार का एक अलोकतांत्रिक कदम है.

ये भी पढ़ें- पंचायत परामर्श समिति के फैसले का विपक्ष ने किया स्वागत, कहा- धरना प्रदर्शन का सरकार पर पड़ा असर

उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल बढ़ाने के लिए अगर कोई नियम नहीं था तो उसके लिए राज्य सरकार अध्यादेश ला सकती थी. लेकिन परामर्श समिति गठित किया गया. जिसके पीछे की सरकार की मंशा स्पष्ट नजर आ रही है. सरकार इस कमेटी गठन करने के बहाने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अधिकारों को मजबूत करने के बजाय नौकरशाहों के हाथों में सौंपना चाहती है.

ये भी पढ़ें- जीतन राम मांझी ने की नीतीश कुमार की तारीफ, पंचायत परामर्श समिति की नियुक्ति को लेकर कहा Thank You

हमारी पार्टी इस फैसले की घोर निंदा करती है. हम सरकार से मांग करते हैं कि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और आगामी चुनाव होने तक पंचायतों के अधिकार को बढ़ाने के लिए अध्यादेश पारित करे. वहीं उन्होंने बताया कि इस फैसले के खिलाफ आगामी आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी. 4 जून को राज्य सचिव मंडल की बैठक होगी और आगामी रणनीति पर चर्चा की जाएगी.

पटना : बिहार सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल नहीं बढ़ाने का फैसला किया है. जिसके बाद महागठबंधन के विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है. सीपीआईएम राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि निर्वाचित पंचायतों के कार्यकाल को नहीं बढ़ाने का फैसला सरकार का एक अलोकतांत्रिक कदम है.

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उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल बढ़ाने के लिए अगर कोई नियम नहीं था तो उसके लिए राज्य सरकार अध्यादेश ला सकती थी. लेकिन परामर्श समिति गठित किया गया. जिसके पीछे की सरकार की मंशा स्पष्ट नजर आ रही है. सरकार इस कमेटी गठन करने के बहाने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अधिकारों को मजबूत करने के बजाय नौकरशाहों के हाथों में सौंपना चाहती है.

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हमारी पार्टी इस फैसले की घोर निंदा करती है. हम सरकार से मांग करते हैं कि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और आगामी चुनाव होने तक पंचायतों के अधिकार को बढ़ाने के लिए अध्यादेश पारित करे. वहीं उन्होंने बताया कि इस फैसले के खिलाफ आगामी आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी. 4 जून को राज्य सचिव मंडल की बैठक होगी और आगामी रणनीति पर चर्चा की जाएगी.

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