पटना: दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को दिन-प्रतिदिन और अधिक समर्थन मिलता जा रहा है. देशभर के करीब 514 किसान संगठनों ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया है. बिहार के विभिन्न राजनीतिक दलों ने किसान आंदोलन को समर्थन के लिए आंदोलन की रणनीति बनाई है. वामदलों ने भी अपने-अपने स्तर से कार्यक्रमों का आयोजन कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन की तैयारी की है.
महिला किसान करेगी प्रदर्शन
सीपीआईएम राज्य सचिव अवधेश कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के शुरुआती दिनों से ही सीपीआईएम के नेता लगातार वहां कैंप कर रहे हैं और आंदोलन को मजबूती प्रदान कर रहे हैं. विभिन्न किसान संगठनों का समर्थन तो मिल रहा है. अब बिहार सहित पूरे देश में सीपीआईएम भी आंदोलन को तेज करेगी. इसके लिए रणनीति तैयार कर ली गई है. आगामी 18 जनवरी को बिहार की महिला किसान सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगी.
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'सरकार वापस से नए कृषि कानून'
उन्होंने कहा कि 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. गांव-गांव, घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने का काम किया जाएगा. 24 जनवरी को पटना शहर के झुग्गी झोपड़ी और फुटपाथ दुकानदारों का कन्वेंशन किया जाएगा. 26 जनवरी को आयोजित होने वाले ट्रैक्टर मार्च के दिन भी बिहार में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा. अपने प्रदर्शन के माध्यम से हम देश के किसानों का समर्थन करेंगे और मोदी सरकार से मांग करेंगे की वो जल्द से जल्द किसानों से वार्ता कर तीनों नए कृषि कानूनों को वापस ले. किसान का धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की गारंटी करें.