पटना : बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भाकपा माले शुरुआती दिनों से ही पत्र के माध्यम से सरकार से मांग करता आ रहा है. साथ ही प्रदर्शन के जरिए भी स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने की मांग करता आ रहा है. लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था में कोई सुधार नहीं किए जाने के खिलाफ भाकपा माले के सभी विधायक 21 मई को एक दिवसीय उपवास करेंगे.
माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के माध्यम से विधायकों, पार्षदों से बिना किसी बातचीत और बेहद अलोकतांत्रिक तरीके से वित्तीय वर्ष 2021-22 में क्षेत्र विकास योजना मद से 2-2 करोड़ की राशि अधिग्रहित कर ली गई. जिसकी निंदा करते है. मुख्यमंत्री को न्यूनतम लोकतांत्रिक प्रक्रिया का तो ख्याल रखना चाहिए.
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सरकार के पास कोई हिसाब नहीं
कुणाल ने कहा कि सरकार ने पिछले साल कोविड के लहर के समय विधायक मद से 50-50 लाख रुपये लिए थे. लेकिन आज तक उसका कोई हिसाब नहीं दिया गया. आखिर उन पैसों का क्या हुआ? हम मांग करते हैं कि सरकार इस राशि के कम से कम 50% हिस्से को संबंधित जनप्रतिनिधियों के क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने में खर्च करें. साथ ही राशि आवंटन की प्रक्रिया में विधायकों, पार्षदों की सहभागिता और उनकी सलाह को सर्वोपरि मानें.
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भूख हड़ताल पर बैठेंगे विधायक
पार्टी के सभी विधायकों ने विधायक मध्य में शेष बची एक करोड़ की राशि भी स्वास्थ्य उपकरणों को खरीदने के लिए अनुशंसित कर दी है. लेकिन अब तक जिला प्रशासन और बिहार सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक पहल देखने को नहीं मिला. फुलवारी विधायक ने ऑक्सीजन प्लांट लगाने की अनुशंसा की थी, जिसे खारिज कर दिया गया. जिसे लेकर पार्टी के सभी विधायक 21 मई को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में एक दिवसीय उपवास पर बैठेंगे. भाकपा माले के फुलवारी विधायक गोपाल रविदास और पालीगंज विधायक संदीप सौरव पटना में उपवास पर बैठेंगे.