पटना: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आज 12वें दिन भी किसानों का प्रदर्शन जारी रहा. किसानों के समर्थन में पूरा विपक्ष एकजुट हो गया है. ऐसे में सरकार को किसान नेताओं के बीच कई दौर की वार्ताएं भी हुई हैं, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. वहीं, कृषि विरोधी तीन काले कानून की वापसी सहित सात सूत्री मांगों पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने आगामी 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है.
भारत बंद होगा ऐतिहासिक
'या सिर्फ किसानों का नहीं बल्कि देश के हर नागरिक का आंदोलन बन चुका है और इस बार सभी ने ठाना है कि इसी काले कानून के मामले में पीछे नहीं हटना है. इस बार सरकार को ही पीछे हटना होगा. मंगलवार को भारत बंद में सभी वामपंथी दल सड़कों पर उतर कर भारत बंद को सफल बनाएंगे. 8 दिसंबर को होने वाले भारत बंद काफी ऐतिहासिक होने वाला है.' - कुणाल, राज्य सचिव, भाकपा माले
कृषि कानून के खिलाफ भाकपा करेंगी प्रदर्शन
'सरकार के कई दौर की वार्ता के बावजूद वार्ता असफल रही क्योंकि सरकार कानूनों को वापस लेने की मांग पर तैयार नहीं है. किसानों ने भी इस बार मूड बना लिया है कि वह पीछे नहीं हटेंगे, इस बार सरकार को ही पीछे हटना होगा. भारत बंद में तीनों काले कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ प्रस्तावित बिजली बिल की वापसी, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी दर पर फसल खरीद की गारंटी की भी मांग प्रमुखता से उठाई जाएगी. बिहार में भी हमारे नेता और कार्यकर्ता मजबूती से इस मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे.'- कुणाल, राज्य सचिव, भाकपा माले