पटना: बिहार के 22 जिलों में आयी बाढ़ का प्रकोप थमने का नाम नही ले रहा है. बाढ़ से प्रभावित लोगों की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है. बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करके लौटे भाकपा माले विधायकों ने सरकार की ओर से चलाए जा रहे राहत कार्य को नाकाफी बताया. भाकपा माले के तीनों विधायकों ने एक माह का वेतन बाढ़ पीड़ितों के सहायतार्थ देने की घोषणा की. साथ ही उन्होंने इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की अपील की.
'भूख-प्यास से तड़प रहे हैं लोग'
भाकपा माले विधायकों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राज्य सरकार की ओर चलाये जा रहे राहत कार्यों को नाकाफी बताते हुए नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि सरकार की कोई बेहतर व्यवस्था नहीं की गई. लोग भूख और प्यास से तड़प रहे हैं. उन्होंने कहा कि मवेशियों की कमोबेश हालात ऐसी ही है. चारा नहीं मिलने के कारण जानवरों की स्थिति खराब हो रही है. मुख्यमंत्री सदन में सिर्फ मीठी-मीठी बात कर रहे हैं.
'बाढ़ राहत के नाम पर मची है लूट'
भाकपा माले विधायकों ने सरकार पर विफलता और अधिकारियों की लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि बाढ़ राहत के नाम पर लूट मची है. उन्होंने कहा इनके लिए तो ये महाभोज है, हर साल ऐसा ही होता है. वहीं, उन्होंने कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए सरकार को पहले से व्यवस्था करनी चाहिए. सरकार की ओर से अगस्त में फिर से भयानक बाढ़ आने की बात कही जा रही है. इसलिए सरकार को अभी से ही तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए.
अन्य पार्टियों के सदस्यों से भी की अपील
बाढ़ की भयावह स्थिति को देखते हुए भाकपा माले के तीनों विधायकों ने एक माह का वेतन बाढ़ पीड़ितों के सहायतार्थ देने की घोषणा की है. उन्होंने अन्य पार्टियों के सदस्यों से भी इसमें पहल करने की अपील की. ताकि प्रभावित लोगों को बेहतर राहत दिए जा सके. साथ ही उन्होंने बाढ़ की भयावह स्थिति को देखते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के साथ युद्धस्तर पर राहत कार्य चलने की मांग की.