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सीपीआई माले नेताओं ने CM नीतीश कुमार से की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई बात

सीपीआई एमएल विधायक महबूब आलम (CPI ML MLA Mehboob Alam) ने अपने बयान में कहा कि जिस तरह से राज्य की अलग-अलग जगहों पर गरीबों को प्रताड़ित किया जा रहा है, वैसे में महागठबंधन की सरकार को अपनी कार्यशैली में बदलाव लाना होगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से कार्रवाई का आश्वासन मिला है, उम्मीद करते हैं कि भविष्य में गरीबों को नहीं सताया जाएगा.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
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Published : Sep 10, 2022, 6:41 AM IST

पटना: सीपीआई माले नेताओं ने नीतीश कुमार से मुलाकात की (CPI ML leaders met CM Nitish Kumar) है. विधायक दल के नेता महबूब आलम व उपनेता सत्यदेव राम ने दरभंगा सहित राज्य के कई जिलों में गरीबों को उजाड़ने की जारी प्रक्रिया के सिलसिले में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से मिलकर अपनी बात रखी और इसको लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा. महबूब आलम ने बाद में एक बयान जारी कर बताया कि महागठबंधन की सरकार को अपनी कार्यशैली में अब बदलाव लाना होगा. सीएम ने सैद्धांतिक तौर पर पहले कहा था कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए किसी भी गरीब का घर नहीं उजाड़ा जाएगा, लेकिन जमीन पर पुरानी नीति ही जारी है. दरभंगा की घटना बहुत बर्बर किस्म की है. उसके बाद बेगूसराय, खगड़िया और पूर्वी चंपारण जिलों में भी जमीन से बेदखली का मामला सामने आया है.


ये भी पढ़ें: माले विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से की शिष्टाचार मुलाकात



सीपीआई माले नेताओं ने नीतीश कुमार से मुलाकात की: विधायक महबूब आलम ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री को दरभंगा जिले के मनीगाछी अंचल के नेहरा ओपी के रजवाड़ा दलित बस्ती में पुलिस और स्थानीय जमींदारों की बर्बरता से अवगत कराया. वहां तकरीबन 50 परिवारों के आशियाने को अचानक ध्वस्त कर दिया गया. जब लगभग 90 प्रतिशत घर ध्वस्त हो गए तो मुकदमेबाज रंजीत झा द्वारा एक बच्चे के दब कर मर जाने की अफवाह फैलाई गई और लोगों को रोड़ेबाजी के लिये उकसाया गया. उसमें कई लोग घायल हो गए.

"अतिक्रमण खाली कराने गए प्रशासन की टीम ने पुलिस की भारी बंदोबस्ती तो की थी, लेकिन मेडिकल टीम और एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं की थी. जिसका नतीजा ये हुआ कि होमगार्ड के एक जवान की मौत देर से इलाज होने के कारण हो गई. उसके बाद 6 महिलाओं समेत 18 लोगों को जेल भेज दिया गया. एफआईआर में नाम नहीं रहने और बिना किसी वैज्ञानिक साक्ष्य के माले नेता पप्पू खां को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि उनका घर दूसरे थाना क्षेत्र में पड़ता है. गरीबों को उजाड़े जाने के खिलाफ बयान देने के चलते माले नेताओं को फंसाया गया और सदर प्रखंड कार्यालय पर छापेमारी की गई है"- महबूब आलम, विधायक, सीपीआई एमएल

सीएम से मिला कार्रवाई का आश्वासन: माले विधायकों ने मुख्यमंत्री से इस मामले में अपने स्तर से हस्तक्षेप की मांग की. उन्होंने कटिहार के माहेनूर बलात्कार और हत्याकांड का भी मामला मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया और कहा कि बीजेपी के इशारे पर अब पीड़ितों को ही प्रताड़ित किया जा रहा है. इन सारी प्रक्रियाओं पर रोक लगनी चाहिए. महबूब आलम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को सुना है और इस पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

ये भी पढ़ें: दरभंगा में शख्स से दरिंदगी, हाथ पैर बांध शरीर की कई हड्डियां तोड़ी, पेशाब पिलाई

पटना: सीपीआई माले नेताओं ने नीतीश कुमार से मुलाकात की (CPI ML leaders met CM Nitish Kumar) है. विधायक दल के नेता महबूब आलम व उपनेता सत्यदेव राम ने दरभंगा सहित राज्य के कई जिलों में गरीबों को उजाड़ने की जारी प्रक्रिया के सिलसिले में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से मिलकर अपनी बात रखी और इसको लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा. महबूब आलम ने बाद में एक बयान जारी कर बताया कि महागठबंधन की सरकार को अपनी कार्यशैली में अब बदलाव लाना होगा. सीएम ने सैद्धांतिक तौर पर पहले कहा था कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए किसी भी गरीब का घर नहीं उजाड़ा जाएगा, लेकिन जमीन पर पुरानी नीति ही जारी है. दरभंगा की घटना बहुत बर्बर किस्म की है. उसके बाद बेगूसराय, खगड़िया और पूर्वी चंपारण जिलों में भी जमीन से बेदखली का मामला सामने आया है.


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सीपीआई माले नेताओं ने नीतीश कुमार से मुलाकात की: विधायक महबूब आलम ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री को दरभंगा जिले के मनीगाछी अंचल के नेहरा ओपी के रजवाड़ा दलित बस्ती में पुलिस और स्थानीय जमींदारों की बर्बरता से अवगत कराया. वहां तकरीबन 50 परिवारों के आशियाने को अचानक ध्वस्त कर दिया गया. जब लगभग 90 प्रतिशत घर ध्वस्त हो गए तो मुकदमेबाज रंजीत झा द्वारा एक बच्चे के दब कर मर जाने की अफवाह फैलाई गई और लोगों को रोड़ेबाजी के लिये उकसाया गया. उसमें कई लोग घायल हो गए.

"अतिक्रमण खाली कराने गए प्रशासन की टीम ने पुलिस की भारी बंदोबस्ती तो की थी, लेकिन मेडिकल टीम और एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं की थी. जिसका नतीजा ये हुआ कि होमगार्ड के एक जवान की मौत देर से इलाज होने के कारण हो गई. उसके बाद 6 महिलाओं समेत 18 लोगों को जेल भेज दिया गया. एफआईआर में नाम नहीं रहने और बिना किसी वैज्ञानिक साक्ष्य के माले नेता पप्पू खां को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि उनका घर दूसरे थाना क्षेत्र में पड़ता है. गरीबों को उजाड़े जाने के खिलाफ बयान देने के चलते माले नेताओं को फंसाया गया और सदर प्रखंड कार्यालय पर छापेमारी की गई है"- महबूब आलम, विधायक, सीपीआई एमएल

सीएम से मिला कार्रवाई का आश्वासन: माले विधायकों ने मुख्यमंत्री से इस मामले में अपने स्तर से हस्तक्षेप की मांग की. उन्होंने कटिहार के माहेनूर बलात्कार और हत्याकांड का भी मामला मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया और कहा कि बीजेपी के इशारे पर अब पीड़ितों को ही प्रताड़ित किया जा रहा है. इन सारी प्रक्रियाओं पर रोक लगनी चाहिए. महबूब आलम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को सुना है और इस पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

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