पटना: सरकारी बहाली में हो रहे भ्रष्टाचार और सरकार द्वारा 19 लाख रोजगार के वादे के बावजूद भी नौकरियां नहीं मिल रही है. इन सभी के खिलाफ भाकपा माले ने 1 मार्च को विधानसभा मार्च निकाला था और अब आगामी 23 मार्च को महा धरना देने की रणनीति बनाई गई है.
वहीं, भाकपा माले के विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि सरकार ने 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था. उसके प्रति सरकार का रवैया सकारात्मक नहीं दिख रहा. हालांकि, बिहार में रिक्त पद अधिक है.
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कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल करना ठीक नहीं, करें स्थाई
भाकपा माले के विधायक ने कहा कि बिहार में बहाली में भारी अनियमितता, भ्रष्टाचार और पेपर लीक व्याप्त है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 83 फीसदी, शिक्षा में 61फीसदी, पीएमसीएच में डॉक्टरों एवं नर्सों को मिलाकर 40 फीसदी और अन्य सरकारी अस्पतालों में 65 फीसदी रिक्त पद पड़े हैं, लेकिन सरकारी भरने का काम नहीं कर रही, बल्कि सरकारी नौकरी के नाम पर सरकार कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल कराती है जो सरासर गलत है.
इन्हीं सवालों को लेकर आगामी 23 मार्च को 25 घंटे का धरना दिया जाएगा और बिहार में फिर से आंदोलन का बिगुल फूंका जाएगा. साथ ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी.
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23 मार्च को करेंगे महाधरना
वहीं, डुमराव के विधायक अजीत कुशवाहा ने बताया कि बेरोजगारी बिहार में काफी बड़ा मुद्दा है. इसको लेकर हम लगातार आंदोलन कर रहे थे और आगे भी करेंगे. सरकार चाहे जितनी दमनकारी नीति अपना ले जितने लाठियां चला ले यह आंदोलन रुकने वाला नहीं है.
उन्होंने कहा कि सड़क से सदन तक हम रोजगार की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मानेगी तब तक यह आंदोलन चलता रहेगा. हम लोग 23 मार्च को महाधरना करेंगे. इसके बाद सरकार नहीं मानती है तो 5 वर्षों तक सरकार को चैन से बैठने भी नहीं देंगे.