पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. राज्य सरकार ने 31 जुलाई तक संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया है. इस बीच राज्य सरकार ने रेलवे से 15 स्टेशनों पर कोविड-19 केयर कोच खड़ा करने की मांग की है. जिसके बाद रेलवे की ओर से पटना और मुजफ्फरपुर समेत 15 स्टेशनों पर 20-20 की संख्या में कुल 300 आइसोलेशन कोच खड़ा किए जा रहे हैं.
'1 जून से चलाई जा रही कुछ विशेष ट्रेनें'
दरअसल, 24 मार्च की मध्य रात्रि से देश में सामान्य ट्रेनों का परिचालन स्थगित है. आगामी 12 अगस्त तक सामान्य यात्री ट्रेन रेलवे ने स्थगित कर रखा है. हालांकि कुछ स्पेशल ट्रेनों का परिचालन जारी है. इस बारे में ईटीवी भारत के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि 12 मई से कुछ ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया था और फिर 1 जून से कुछ विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं. इन्हीं ट्रेनों का परिचालन अभी जारी है. बिहार में फिलहाल 22 ट्रेनों का परिचालन हो रहा है, जबकि 2 ट्रेनों का परिचालन या तो रद्द किया गया है या सीमित किया गया है.
'300 आइसोलेशन कोच लगाने की मांग'
बिहार में संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड की कमी महसूस की जा रही है. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने रेलवे से बिहार के 15 स्टेशनों पर कोविड-19 लगाने की मांग रखी है. इस बारे में सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि रेलवे की तरफ से पटना समेत कई जगहों पर कोविड केयर कोच लगाए जा चुके हैं. पटना के प्लेटफार्म नंबर 6 और 7 पर ऐसे कुछ काफी दिनों से खड़े हैं.
बिहार सरकार ने 15 स्टेशनों पर 20-20 कोच के हिसाब से 300 आइसोलेशन कोच लगाने की मांग की है. पूर्व मध्य रेल 269 कोच को पहले ही आइसोलेशन कोच के रूप में परिवर्तित कर चुका है. पटना के अलावा सोनपुर, नरकटियागंज भागलपुर कटिहार छपरा सीतामढ़ी दरभंगा समस्तीपुर सिवान सहरसा मुजफ्फरपुर रक्सौल बरौनी और जयनगर में स्टेशन पर यह कोच लगाए जा रहे हैं.
कोविड-19 कोच की व्यवस्था
सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि प्रत्येक स्टेशन पर खड़े इन कोविड-19 कोच में सामान्य श्रेणी के 20 कोच हैं और प्रत्येक कोच में 16 मरीज रखे जा सकते हैं. प्रत्येक 5 कोच के बाद एक वातानुकूलित कोच होगा और उसके आगे फिर 5 कोच होंगे. वातानुकूलित कोच डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मियों के उपयोग के लिए होंगे. कोविड-19 कोच में ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था रेल मंत्रालय के की ओर से की गई है. इसके साथ ही इनमें पर्याप्त संख्या में पंखा, पानी और शौचालय की व्यवस्था की गई है.
राज्य सरकार की होगी सैनिटाइजेशन की जिम्मेदारी
राजेश कुमार ने बताया कि रेल प्रशासन और राज्य सरकार मिलकर कोविड-19 कोच के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल सुनिश्चित करेंगे. आइसोलेशन के लिए तैयार किए गए इन कोचों को प्रयोग के लिए 100 पर जाने के समय इसके सैनिटाइजेशन और साफ सफाई का काम रेलवे की ओर से किया जाएगा, जबकि प्रयोग के दौरान और इसके पश्चात सैनिटाइजेशन और साफ सफाई की जिम्मेदारी सरकार की होगी. इसी तरह मेडिकल स्टाफ को पीपीई किट और अन्य चिकित्सा सामग्री राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराया जाना है, जबकि कोच के रखरखाव के लिए तैनात स्टाफ को यह सुविधा रेलवे प्रदान करेगा.