पटनाः बिहार सरकार के पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह (Former Minister Kartikeya Singh) की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. बिहटा थाना इलाके में 8 वर्ष पहले हुए बिल्डर अपहरण मामले को लेकर पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ नन बेलेबल वारंट जारी करने को लेकर आज कोर्ट में फैसला होना है. दरअसल उनके खिलाफ जमानती वारंट को पुलिस ने दानापुर कोर्ट से वापस लेकर गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया है. इस मामले में होने वाली सुनवाई जज के उपस्थित नहीं होने के कारण दो बार टल चुकी है.
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क्या जेल जाएंगे कार्तिकेय सिंह? : उम्मीद जताई जा रही है कोर्ट कार्तिकेय सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है. अगर उनके खिलाफ वारंट जारी हुआ तो पुलिस ने गिरफ्तार करेगी. गिरफ्तारी नहीं होने पर उनके खिलाफ कुर्की जब्ती भी कर सकती है. उम्मीद जताई जा रही है कि यह मामला एमपी एमएलए कोर्ट भी ट्रांसफर हो सकता है. इस मामले में कोर्ट ने एक सितंबर तक उन्हें बेल दिया था, इसके बाद वह 1 सितंबर को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुए थे.
क्या है अपहरण का मामला? : बिहटा थाना इलाके में 8 वर्ष पहले बिल्डर राजीव रंजन के अपहरण मामले में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट पर आज फैसला आना है. पिछली बार न्यायालय के द्वारा उनके खिलाफ जारी बेलेबल वारंट के निष्पादन पर आने के लिए पुलिस उन्हें ढूंढ रही थी, लेकिन वह नहीं मिले. बाद में जमानती वारंट को पुलिस ने दानापुर कोर्ट को वापस करने के साथ ही गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया था. जिस पर पिछली तारीख में फैसला होना था, लेकिन जज की उपस्थिति के कारण सुनवाई टल गई.
पहले मंत्री पद गया और आज कोर्ट में पेशी: बता दें कि कार्तिकेय सिंह ने 16 अगस्त को नीतीश कुमार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्रिपद की शपथ ली थी. इसके बाद उन्हें नीतीश कुमार ने कानून मंत्री बनाया था. लेकिन वे अपहरण के एक पुराने मामले को लेकर मंत्रिपद की शपथ लेने के बाद से विवादों में थे. इसके बाद नीतीश कुमार ने कार्तिकेय सिंह से कानून मंत्रालय वापस ले लिया था. उन्हें गन्ना उद्योग मंत्रालय दिया गया था. हालांकि, इसके कुछ घंटों बाद ही कार्तिकेय सिंह ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया.
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