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ADR Report : कटिहार की उषा 93 करोड़ की मालकिन, पूरे बिहार का आंकड़ा देख चौंक जाएंगे आप

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Published : Mar 14, 2023, 6:13 PM IST

Updated : Mar 14, 2023, 6:54 PM IST

बिहार के पार्षदों की संपत्ति करोड़ों में है. कटिहार नगर निगम की मुख्य पार्षद उषा देवी के पास 93 करोड़ रुपए की संपत्ति है. सबसे गरीब में बात करें तो गया के देवदास शामिल हैं. वहीं अन्य जिले में भी पार्षदों की संपत्ति करोड़ों में है. जानिए किस जिले के जनप्रतिनिधि का क्या हाल है ?

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पटनाः सीएम नीतीश कुमार बिहार को गरीब बताकर विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. हालांकि यहां के जनप्रतिनिधि करोड़पति से कम नहीं हैं. बिहार के नगर निकाय के पार्षदों को लेकर जारी एडीआर की रिपोर्ट (ADR Report for Councilors of Bihar) में इसका खुलासा किया गया है. रिपोर्ट जानकर हैरानी हो रही है, लेकिन यही सच्चाई है. बिहार के अधिकांश पार्षद करोड़पति निकले. 2022 के चुनाव के अनुसार अधिकांश पार्षद अपराधी छवि के भी हैं. कई कम पढ़े तो कई अंगूठा छाप भी हैं.

यह भी पढ़ेंः Land for job scam: पूछताछ के लिए राबड़ी देवी दिल्ली रवाना, मीडिया के सवालों पर साधी चुप्पी

सबसे अमीर उषा देवीः बिहार के 223 पार्षदों में से 214 पार्षदों के शपथ पत्र के अनुसार 97 मुख्य पार्षद करोड़पति हैं. मुख्य पार्षदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. कटिहार नगर निगम के मुख्य पार्षद उषा देवी 93 करोड़ की संपत्ति की मालकिन है. दूसरे नंबर पर मुजफ्फरपुर नगर पंचायत कुमारी अर्चना के पास 41करोड़ की संपत्ति है. तीसरे स्थान पर बेतिया सिकरिया नगर निगम की गरिमा देवी 40 करोड़ की मालकिन है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गरीब बिहार में मुख्य पार्षदों की संपत्ति कितनी है.

सबसे गरीब देवदासः गया सदर से चुनाव जीतने वाले बाल देवदास सबसे गरीब वार्ड पार्षद हैं. गरीब मामले में दूसरे नंबर पर शेखपुरा के वार्ड पार्षद रोहित मांझी के पास 1.30 लाख, 157 हजार की संपत्ति है. राजगीर नगर पंचायत नालंदा के अलोधनी देवी के पास 1 लाख 38 हजार 713 रुपये की कुल सम्पति है. कई मुख्य पार्षद ऐसी भी हैं जिनके पास 13 करोड़ से अधिक की संपत्ति है.

अंगुठा छाप से लेकर ग्रेजुएटः गया की चार मुख्य पार्षद अंगूठा छाप है. 57 मुख्य पार्षद और और अन्य पांचवी से बारहवीं तक पढ़े लिखे हैं. पांचवी पास 4 उमीदवार, आठवां पास 9, दसवीं 23, 12वीं पास 38, ग्रेजुएट 52 हैं. सबसे बड़ी बात है कि राज्य में हुए नगर निकाय चुनाव में महिलाओं का दबदबा ज्यादा है. नगर निकाय चुनाव में 65% महिलाएं मुख्य पार्षद बनी है. राज्य में हुए नगर निकाय चुनाव में 65% महिला पार्षद और 35% पुरुष पार्षद शामिल हैं.

सबसे ज्यादा बुजुर्ग एक पार्षदः नगर निकाय चुनाव में 24 वर्ष से कम के 9 उम्मीदवार हैं. 25 से 30 साल के उम्र के 24, 41-50 उम्र के 61 उमीदवार हैं. सबसे ज्यादा उम्र 85 के 1 उमीदवार है. एडीआर के रिपोर्ट से एहसास हो गया कि राज्य में हुए नगर निकाय चुनाव में जीते उम्मीदवार में सबसे ज्यादा महिला उम्मीदवारों का दबदबा है. और इसके साथ महिला उम्मीदवारों के पास करोड़ों की संपत्ति भी है. कई जनप्रतिनिधि पर आपराधिक मामले भी दर्ज है.

पटनाः सीएम नीतीश कुमार बिहार को गरीब बताकर विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. हालांकि यहां के जनप्रतिनिधि करोड़पति से कम नहीं हैं. बिहार के नगर निकाय के पार्षदों को लेकर जारी एडीआर की रिपोर्ट (ADR Report for Councilors of Bihar) में इसका खुलासा किया गया है. रिपोर्ट जानकर हैरानी हो रही है, लेकिन यही सच्चाई है. बिहार के अधिकांश पार्षद करोड़पति निकले. 2022 के चुनाव के अनुसार अधिकांश पार्षद अपराधी छवि के भी हैं. कई कम पढ़े तो कई अंगूठा छाप भी हैं.

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सबसे अमीर उषा देवीः बिहार के 223 पार्षदों में से 214 पार्षदों के शपथ पत्र के अनुसार 97 मुख्य पार्षद करोड़पति हैं. मुख्य पार्षदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. कटिहार नगर निगम के मुख्य पार्षद उषा देवी 93 करोड़ की संपत्ति की मालकिन है. दूसरे नंबर पर मुजफ्फरपुर नगर पंचायत कुमारी अर्चना के पास 41करोड़ की संपत्ति है. तीसरे स्थान पर बेतिया सिकरिया नगर निगम की गरिमा देवी 40 करोड़ की मालकिन है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गरीब बिहार में मुख्य पार्षदों की संपत्ति कितनी है.

सबसे गरीब देवदासः गया सदर से चुनाव जीतने वाले बाल देवदास सबसे गरीब वार्ड पार्षद हैं. गरीब मामले में दूसरे नंबर पर शेखपुरा के वार्ड पार्षद रोहित मांझी के पास 1.30 लाख, 157 हजार की संपत्ति है. राजगीर नगर पंचायत नालंदा के अलोधनी देवी के पास 1 लाख 38 हजार 713 रुपये की कुल सम्पति है. कई मुख्य पार्षद ऐसी भी हैं जिनके पास 13 करोड़ से अधिक की संपत्ति है.

अंगुठा छाप से लेकर ग्रेजुएटः गया की चार मुख्य पार्षद अंगूठा छाप है. 57 मुख्य पार्षद और और अन्य पांचवी से बारहवीं तक पढ़े लिखे हैं. पांचवी पास 4 उमीदवार, आठवां पास 9, दसवीं 23, 12वीं पास 38, ग्रेजुएट 52 हैं. सबसे बड़ी बात है कि राज्य में हुए नगर निकाय चुनाव में महिलाओं का दबदबा ज्यादा है. नगर निकाय चुनाव में 65% महिलाएं मुख्य पार्षद बनी है. राज्य में हुए नगर निकाय चुनाव में 65% महिला पार्षद और 35% पुरुष पार्षद शामिल हैं.

सबसे ज्यादा बुजुर्ग एक पार्षदः नगर निकाय चुनाव में 24 वर्ष से कम के 9 उम्मीदवार हैं. 25 से 30 साल के उम्र के 24, 41-50 उम्र के 61 उमीदवार हैं. सबसे ज्यादा उम्र 85 के 1 उमीदवार है. एडीआर के रिपोर्ट से एहसास हो गया कि राज्य में हुए नगर निकाय चुनाव में जीते उम्मीदवार में सबसे ज्यादा महिला उम्मीदवारों का दबदबा है. और इसके साथ महिला उम्मीदवारों के पास करोड़ों की संपत्ति भी है. कई जनप्रतिनिधि पर आपराधिक मामले भी दर्ज है.

Last Updated : Mar 14, 2023, 6:54 PM IST
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