पटना: कोरोना वायरस को लेकर विश्वभर में कोताही बरती जा रही है. इस वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने महामारी घोषित कर दिया है. तेजी से फैलने वाले इस वायरस से बचाव को लेकर जागरूकता की जा रही है क्योंकि इस वायरस से का अभी तक सटीक इलाज सामने नहीं आया है. लेकिन आयुर्वेद के कुछ तरीकों को अजमा कर इससे बचा जा सकता है. ईटीवी भारत ने इस बाबत आयुर्वेद वैद्य अर्चना से बात की.
अब तक एलोपैथिक में कोरोना वायरस से बचने का कोई इलाज या कोई दवा सामने नहीं आई है इसलिए लोग उम्मीद भरी निगाहों से आयुर्वेद की तरफ देख रहे हैं. आयुर्वेद चिकित्सक अर्चना ने कहा कि कोरोना से बचने के लिए योग बेहद कारगर है. उन्होंने कहा कि लोगों को नियमित रूप से हर सुबह प्राणायाम करना चाहिए.
कोरोना को हराना है
वैद्य अर्चना ने कहा कि हर व्यक्ति को जो इस वायरस से खुद को बचाना चाहता है. उसे नियमित रूप से हर सुबह कम से कम पांच-पांच मिनट भस्त्रिका, अनुलोम विलोम और कपालभाती करना चाहिए.
ये जरूरी
- पांच मिनट भस्त्रिका
- पांच मिनट अनुलोम-विलोम
- पांच मिनट कपालभाति
वहीं, भारतीय चिकित्सा प्रणाली में आसानी से उपलब्ध तुलसी, हल्दी और गिलोय को उन्होंने जादुई बताते हुए दावा किया कि हर दिन सुबह और शाम वयस्क लोगों को दो-दो टैबलेट तुलसी और गिलोय का सेवन करना चाहिए.
बच्चों के लिए उन्होंने कहा कि 5 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को सुबह-शाम एक-एक टैबलेट तुलसी और गिलोय का देना चाहिए. इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होगा, जो कोरोना से बचने के लिए बेहद जरूरी है.
सुबह-शाम करें इनका सेवन
- तुलसी पत्ते का रस या टैबलेट
- गिलोय वटी रस या टैबलेट
- इसके अलावा हर रात सोने के पहले दूध में हल्दी पाउडर मिलाकर पीना भी काफी फायदेमंद है.
आयुर्वेद में गिलोय और तुलसी को जादुई बताते हुए वैद्य अर्चना ने दावा किया कि इन दोनों का सेवन न सिर्फ हमें कोरोना और इस जैसे अन्य वायरस से बचाएगा. बल्कि अगर किसी को कोरोना हो गया उसके बाद भी उसे नियमित रूप से गिलोय और तुलसी देकर ठीक किया जा सकता है.