पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के बाद जदयू ने वर्चुअल माध्यम से चुनाव प्रचार शुरू किया. हर रोज वर्चुअल सम्मेलन से जदयू के शीर्ष नेता जिलेवार अपने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद वर्चुअल सम्मेलन में ब्रेक लग गया है.
आरसीपी सिंह जदयू का संगठन कार्य और वर्चुअल सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे. कोरोना संक्रमित होने के बाद से वो एम्स में भर्ती है. वहीं, वर्चुअल सम्मेलन पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है. सीएम नीतीश कुमार की वर्चुअल रैली भी स्थगित हो चुकी है. ऐसे में अब डिजिटल बागडोर कौन संभालेगा, ये बड़ा प्रश्न खड़ा होता है.
वशिष्ठ नारायण सिंह दिल्ली में
बिहार विधानसभा का चुनाव अक्टूबर-नवंबर में संभावित है. इसके लिए चुनाव आयोग अपनी तरफ से पूरी तैयारी करने में लगा है. सत्तारूढ़ दल बीजेपी और जदयू दोनों वर्चुअल माध्यम से अपनी पार्टी की मजबूती के लिए चुनाव प्रचार कर रही थीं. जदयू की बात करें, तो पार्टी आरसीपी सिंह के आवास को वार रूम की तरह कार्य कर रही थी.
वहीं, जदयू के संगठन का कार्य आरसीपी सिंह और प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण के कंधों पर है. लेकिन वशिष्ठ नारायण सिंह पिछले 5 महीनों से दिल्ली में हैं और ऐसा लगता नहीं कि कोरोना काल में वो बिहार आएंगे.
कार्यक्रम में पड़ा असर- जय कुमार सिंह
मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह के अस्वस्थ होने से पार्टी कार्यक्रमों पर असर पड़ रहा है. लेकिन उनके जल्द स्वस्थ होने के बाद पार्टी का कार्यक्रम फिर से पटरी पर लौट आएगा.
एक नजर जदयू के कार्यक्रमों पर
- 7 जुलाई से विभिन्न प्रकोष्ठ का वर्चुअल कार्यक्रम आरसीपी सिंह के आवास से ही संचालित हुआ.
- 18 जुलाई से 30 जुलाई तक 243 विधानसभा में वर्चुअल सम्मेलन किया गया.
- इसमें आरसीपी सिंह की भूमिका महत्वपूर्ण रही.
- पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की टीम ने भी इस सम्मेलन को संबोधित किया.
- 7 अगस्त को मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की रैली को स्थगित कर दिया गया है.
- आगे की तिथि अभी निर्धारित नहीं की गई है.
- पार्टी सूत्रों की मानें, तो वर्चुअल माध्यम से कई अन्य कार्यक्रम भी होने वाले थे. लेकिन उन्हें भी रोक दिया गया है.
- कोरोना महामारी और बाढ़ के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर सरकार के साथ पार्टी के महत्वपूर्ण कार्यों की भी जिम्मेवारी बढ़ गई है.
चुनाव आयोग के फैसले का इंतजार
ज्ञान भवन में बिहार विधान सभा की 1 दिन की कार्यवाही के दौरान भी मुख्यमंत्री ने चुनाव को लेकर कहा था कि जिस प्रकार से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है. अब चुनाव आयोग क्या फैसला लेता है देखना है. ऐसे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. एनडीए की सहयोगी दल लोजपा चुनाव को लेकर सहमत नहीं दिख रही है. दूसरी ओर विपक्षी पार्टियां भी चुनाव टालने की मांग कर रही हैं. ऐसे में सभी चुनाव आयोग के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.
आयोग ने बढ़ाई सुझाव सबमिट करने की तारीख
चुनाव आयोग ने बिहार के सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार और रैलियों को लेकर सुझाव देने को कहा है. इसके लिए 11 अगस्त तक पार्टियों को अपने सुझाव आयोग को देने होंगे. इससे पहले चुनाव आयोग ने17 जुलाई को सभी राजनीतिक दलों से सुझाव मांगे थे. इसकी अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई थी. कई पार्टियों ने आयोग को अपने सुझाव भेज दिये हैं. लेकिन अभी तक कुछ राजनीतिक दलों के सुझाव आयोग को नहीं मिले हैं लिहाजा, आयोग ने एक बार फिर उनके विचार मांगे हैं.