पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण का खतरा जिस तरह से बढ़ रहा है, वह अपने आप में एक नया रिकॉर्ड बनाने का कार्य कर रहा है. भारी तादात में लोग कोरोनावायरस संक्रमण के शिकार हो रहे हैं. सबसे ज्यादा बिहार में हालात पटना के खराब हैं. राज्य सरकार इन तमाम चीजों पर नजर बनाए हुए हैं. लोगों की सहायता के लिए जो जरूरी कार्य है, उसे करने की बात कह रहे हैं.
ये भी पढ़ें: जीते जी तो नहीं हुआ इलाज, मरने के बाद पूर्व मंत्री को दी गई 21 बंदूकों की सलामी
स्वास्थ्य कर्मी हुए पॉजिटिव
राज्य सरकार द्वारा कोरोना जांच कराने वाले वैसे लोग, जिनकी जांच रैपिड टेस्ट के माध्यम से करायी जा रही है, उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें ऑन द स्पॉट दवाइयां मुहैया कराने का आदेश जारी किया गया है. लेकिन पटना के न्यू गार्डिनर हॉस्पिटल में कोरोना वायरस हुए लोगों को मेडिकल किट मुहैया नहीं हो पा रही है. इसका कारण यह है कि मेडिकल किट देने वाले स्वास्थ्य कर्मी पॉजिटिव हो चुके हैं.
मरीजों को नहीं मिल रही दवाई
रोजाना सैकड़ों की संख्या में पटना में कोरोना वायरस मरीजों की पुष्टि हो रही है. लेकिन सरकार के द्वारा जो उन मरीजों को स्वस्थ होने के लिए दवाइयां देने की व्यवस्था की गई है, वह सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है. जिस कारण से लोगों के पॉजिटिव से नेगेटिव होने में समस्या उत्पन्न हो रही है. गार्डिनर हॉस्पिटल में कोरोना जांच करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि आज लोगों को मेडिकल किट मुहैया नहीं हो पाई है. हॉस्पिटल के कुछ स्टाफ को कोरोना वायरस होने के कारण मेडिकल किट मुहैया होने में समस्या हुई. जिस कारण से आम लोगों को आज मेडिकल किट नहीं दिया गया.
ये भी पढ़ें: हद हो गयी नीतीश जी! देखिए किस तरह बाइक पर ले जाया जा रहा शव
"ऐसी समस्या कहीं नहीं है. लोग ही जल्दीबाजी के कारण किट नहीं लेते हैं. जिन लोगों को किट की जरूरत होती है, उन्हें किट दिया जाता है और हमारे पास दवाइयों की उपलब्धता की कोई कमी नहीं है. कभी दवाई मंगाने में थोड़ा समय लगता है. उसी बीच कोई संक्रमित हो गया और जो लोग धैर्य नहीं रखते, उन्हीं लोगों को नहीं मिल पाता होगा"- विभा देवी, सिविल सर्जन