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COVID-19: लॉक डाउन से जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त, बेबसी में लोग तोड़ रहे नियम कानून

कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉक डाउन जारी है. इस वजह से आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है. लॅाकडाउन ने लोगों की जिंदगी को बेपटरी कर दिया है. लोगों के रोजगार पर ग्रहण लग गया. ऐसे में दिल्ली जैसे बड़े शहरों में रह रहे लोगों ने बिहार वापस हो रहे हैं.

लॉक डाउन से जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त
लॉक डाउन से जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त
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Published : Mar 31, 2020, 10:05 AM IST

पटना: भारत की 130 करोड़ आबादी के सिर पर मंडरा रहे कोरोना संकट से बचने के लिए केंद्र सरकार ने देशभर में लॉकडाउन कर रखा है. करोड़ों भारतीयों का जीवन सुरक्षित करने के लिए देश में लॅाकडाउन के बाद बने हालात ने वैसे लोगों की जिंदगी को बेपटरी कर दिया है. जो रोजमर्रे के काम से अपना जीवन यापन करते थे. पूरा विश्व कोरोना के खौफ से कांप रहा है. तो जिंदगी जीने की बेबसी लोगों को लॉकडाउन को तोडने के लिए भी मजबूर कर रही है. दिल्ली और दूसरे राज्यों में बसे बिहार के लोगों को कोरोना के कारण काम से हाथ धोना पड़ा तो हाथ में रोटी के भी लाले पड़ गए. मजबूरी में लोगों को अपना गांव याद आया. लोग बिहार के लिए चल दिए.ऐसे में सरकार के सारे कायदे कानून यूं ही टूटते चले गए.

सिर पर बेबसी की गठरी
इस समय जब पूरा हिंदुस्तान घरों में कैद है तब हजारों गरीब भारतीय सिर पर बेबसी की गठरी और कंधे पर बच्चों की भूख का अहसनीय बोझ उठाए अन्य राज्यों में अपने गांव की तरफ लौट रहे हैं. विदेशों में पनपी महामारी इनके कदमों के साथ भारत के गांवों में हाहाकार न मचा दे. इसके लिए इस सख्त वक्त में सरकार क्या कर रही है. इसपर हम नजर डाल रहे हैं.

देखें रिपोर्ट.

कोरोना पेनडेमिक के कारण हुए लॉकडाउन के बाद काम न मिलने के कारण सीमावर्ती राज्यों खासकर यूपी, दिल्ली और पश्चिम बंगाल से हजारों की संख्या में मजदूर घर वापसी कर रहे हैं. चाहे वो पैदल की घर को निकले हों या दिल्ली के अशोक विहार में बिहार लौटने को उमड़ा मजदूरों का जनसैलाब हो या फिर मालगाड़ी में छिपकर-छिपकर असम से भागे पैंट्री वर्कर. ऐसे में इनकी कोरोना जांच करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. बाहर से आने वाले सभी मजदूरों को सीमा से बसों के द्वारा सीधे उनके जिले पहुंचाया जा रहा है. उसके बाद उन्हें संबंधित ब्लॉक के सीएचसी में जांच के लिए ले जाया जाएगा.

14 अप्रैल को खत्म होगा लॉकडाउन
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए पीएम मोदी ने पूरे देश में लॉक डाउन करने का आदेश जारी किया गया है. जिला प्रशासन राजधानी पटना में पूरी सख्ती से लॉक डाउन का पालन करवा रही है. बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया था. पूरे देशभर में लॉक डाउन 14 अप्रैल तक लागू रहेगा. देश में कोरोना से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पूरे देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 1 हजार की संख्या को पार कर चुका है. इस वायरस के दंश से लगभग 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, प्रदेश में कोरोना के 15 मामले जिटिव पाए गए है. जबकि, इस वायरस के कारण 1 की मौत हो चुकी है.

पटना: भारत की 130 करोड़ आबादी के सिर पर मंडरा रहे कोरोना संकट से बचने के लिए केंद्र सरकार ने देशभर में लॉकडाउन कर रखा है. करोड़ों भारतीयों का जीवन सुरक्षित करने के लिए देश में लॅाकडाउन के बाद बने हालात ने वैसे लोगों की जिंदगी को बेपटरी कर दिया है. जो रोजमर्रे के काम से अपना जीवन यापन करते थे. पूरा विश्व कोरोना के खौफ से कांप रहा है. तो जिंदगी जीने की बेबसी लोगों को लॉकडाउन को तोडने के लिए भी मजबूर कर रही है. दिल्ली और दूसरे राज्यों में बसे बिहार के लोगों को कोरोना के कारण काम से हाथ धोना पड़ा तो हाथ में रोटी के भी लाले पड़ गए. मजबूरी में लोगों को अपना गांव याद आया. लोग बिहार के लिए चल दिए.ऐसे में सरकार के सारे कायदे कानून यूं ही टूटते चले गए.

सिर पर बेबसी की गठरी
इस समय जब पूरा हिंदुस्तान घरों में कैद है तब हजारों गरीब भारतीय सिर पर बेबसी की गठरी और कंधे पर बच्चों की भूख का अहसनीय बोझ उठाए अन्य राज्यों में अपने गांव की तरफ लौट रहे हैं. विदेशों में पनपी महामारी इनके कदमों के साथ भारत के गांवों में हाहाकार न मचा दे. इसके लिए इस सख्त वक्त में सरकार क्या कर रही है. इसपर हम नजर डाल रहे हैं.

देखें रिपोर्ट.

कोरोना पेनडेमिक के कारण हुए लॉकडाउन के बाद काम न मिलने के कारण सीमावर्ती राज्यों खासकर यूपी, दिल्ली और पश्चिम बंगाल से हजारों की संख्या में मजदूर घर वापसी कर रहे हैं. चाहे वो पैदल की घर को निकले हों या दिल्ली के अशोक विहार में बिहार लौटने को उमड़ा मजदूरों का जनसैलाब हो या फिर मालगाड़ी में छिपकर-छिपकर असम से भागे पैंट्री वर्कर. ऐसे में इनकी कोरोना जांच करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. बाहर से आने वाले सभी मजदूरों को सीमा से बसों के द्वारा सीधे उनके जिले पहुंचाया जा रहा है. उसके बाद उन्हें संबंधित ब्लॉक के सीएचसी में जांच के लिए ले जाया जाएगा.

14 अप्रैल को खत्म होगा लॉकडाउन
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए पीएम मोदी ने पूरे देश में लॉक डाउन करने का आदेश जारी किया गया है. जिला प्रशासन राजधानी पटना में पूरी सख्ती से लॉक डाउन का पालन करवा रही है. बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया था. पूरे देशभर में लॉक डाउन 14 अप्रैल तक लागू रहेगा. देश में कोरोना से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पूरे देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 1 हजार की संख्या को पार कर चुका है. इस वायरस के दंश से लगभग 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, प्रदेश में कोरोना के 15 मामले जिटिव पाए गए है. जबकि, इस वायरस के कारण 1 की मौत हो चुकी है.

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