ETV Bharat / state

बिहार में बढ़ते कोरोना केस से रिक्शा चालकों की बढ़ी मुसीबत - Rickshaw driver in patna

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर राजधानी पटना में तेज गति से बढ़ रही है. संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए सरकार ने शाम 7 बजे से सभी दुकान बंद करने का आदेश जारी कर दिया है. जिसके बाद रिक्शा चालकों की कमाई पर एक बार फिर से ब्रेक लगता नजर आ रहा है. रिक्शा चालकों को परिवार चलाने की चिंता सता रही है. अब ये लोग सरकार की ओर टकटकी लगाकर देख रहे हैं. देखिए ये रिपोर्ट.

पटना
पटना
author img

By

Published : Apr 11, 2021, 7:04 PM IST

Updated : Apr 11, 2021, 7:11 PM IST

पटना: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर देशभर में फैल रही है. संक्रमित मरीजों के जो आंकड़े हर दिन आ रहे हैं, वो काफी चौंकाने वाले हैं. बढ़ते संक्रमण के मामले को लेकर कई राज्यों ने अपने यहां रात्रि समय में लॉकडाउन लागू कर दिया है और कई राज्य पूर्ण लॉकडाउन पर विचार कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- ग्राउंड रिपोर्ट: PMCH में मरीजों के खाने के पड़े लाले

रिक्शा चालकों की कमाई पर ब्रेक
ऐसे में बिहार की राजधानी पटना की बात करें तो पटना में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या जिस तरह से बन रही थी. जिस को ध्यान में रखकर बिहार सरकार ने शाम 7 बजे के बाद सभी दुकान और मंडी को बंद करने का फैसला ले लिया है. ऐसे में बिहार के विभिन्न जिलों से राजधानी पटना में परिवार का भरण पोषण को लेकर रिक्शा चला रहे चालकों की कमाई पर ब्रेक लगना शुरू हो गया है.

रिक्शा चालक
रिक्शा चालक

बढ़ते कोरोना केस ने बढ़ाई मुश्किल
जिस रफ्तार से संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. ऐसे में लोग अब रिक्शे पर सवारी करना पसंद नहीं कर रहे हैं. जिसकी वजह से रिक्शा चालकों की कमाई पर एक बार फिर ब्रेक लगना शुरू हो गया है. रिक्शा चालक अब पटना की सड़कों पर घंटों सवारी का इंतजार करते हुए दिख रहे हैं. सवारी नहीं मिलने पर सभी चालक एक साथ मिलकर लूडो खेल कर मनोरंजन करते हैं और अपना समय बिताते हैं. कमाई पर ब्रेक लगना शुरू हो गया है, परिवार का भरण पोषण कैसे होगा.

रिक्शा चालकों का छलका दर्द
रिक्शा चालकों का छलका दर्द

रिक्शा चालकों का छलका दर्द
इनके दुख दर्द जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम इन रिक्शा चालकों के पास पहुंची, तो ये लोग अपना दर्द बयां करने लगे बिहार के विभिन्न जिलों से आकर पटना में ये लोग रिक्शा चलाते हैं. परिवार का भरण पोषण करते हैं. इनकी चिंता को लेकर जब हमने उनसे बात की तो उनका कहना है कि 2020 में जिस तरह से लॉकडाउन लागू हुआ था, उस समय भी हम लोगों की कमाई ठप हो गई थी.

रिक्शा चालक
रिक्शा चालक

प्रतिदिन 100 रुपए से कम आमदनी
रिक्शा चालकों की मानें तो जब से संक्रमण अपना पांव पसार रहा है. लोग रिक्शे पर सवारी करना कम ही चाहते हैं. जिसकी वजह से हम लोग की प्रतिदिन आय 100 रुपए से कम हो गई है. 2020 में भी यही माहौल था. उससे पहले हमारी हर दिन 300 से 700 के बीच में आमदनी होती थी, लेकिन अब वह भी नहीं हो पा रही है. परिवार वालों का भरण पोषण करने में भी अब कठिनाई शुरू हो गई है. यदि लॉकडाउन लग गया तो इस बार निश्चित ही सबसे ज्यादा परेशानी हम लोगों को ही होगी.

रिक्शा चालकों की कमाई पर ब्रेक
रिक्शा चालकों की कमाई पर ब्रेक

लगातार पैर पसार रहा कोरोना
बता दें कि राजधानी पटना में 1700 से ज्यादा रिक्शा चालक हैं. जो बिहार के विभिन्न जिलों से आकर यहां पर रिक्शा चलाते हैं और परिवार का भरण पोषण करते हैं. कमाई पर ब्रेक लगते ही देख अब रिक्शा चालक सरकार की ओर नजर गड़ाए हुए हैं.

ये भी पढ़ें- PMCH का एक और कारनामा: जिंदा मरीज के परिजनों को सौंप दी दूसरे की लाश

रिक्शा चालकों को सरकार से उम्मीद
2020 में लॉकडाउन के समय केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक ने सभी लोगों को मदद पहुंचाई थी. सभी लोगों को भोजन के लिए अनाज भी उपलब्ध करवाया जा रहा था. ऐसे में जब एक बार फिर संक्रमण अपना पांव पसार रहा है. तो देखने वाली बात होगी कि सरकार इन रिक्शा चालकों को इस बार मदद कैसे पहुंचाती है.

ये भी पढ़ें- एक साल पहले देश में लगा था लॉकडाउन, जानिए पिछले साल में क्या-क्या हुआ

ये भी पढ़ें- PMCH में एडमिट कोरोना मरीज के परिजनों के लिए विशेष व्यवस्था, वार्ड ब्वाय की कमी

पटना: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर देशभर में फैल रही है. संक्रमित मरीजों के जो आंकड़े हर दिन आ रहे हैं, वो काफी चौंकाने वाले हैं. बढ़ते संक्रमण के मामले को लेकर कई राज्यों ने अपने यहां रात्रि समय में लॉकडाउन लागू कर दिया है और कई राज्य पूर्ण लॉकडाउन पर विचार कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- ग्राउंड रिपोर्ट: PMCH में मरीजों के खाने के पड़े लाले

रिक्शा चालकों की कमाई पर ब्रेक
ऐसे में बिहार की राजधानी पटना की बात करें तो पटना में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या जिस तरह से बन रही थी. जिस को ध्यान में रखकर बिहार सरकार ने शाम 7 बजे के बाद सभी दुकान और मंडी को बंद करने का फैसला ले लिया है. ऐसे में बिहार के विभिन्न जिलों से राजधानी पटना में परिवार का भरण पोषण को लेकर रिक्शा चला रहे चालकों की कमाई पर ब्रेक लगना शुरू हो गया है.

रिक्शा चालक
रिक्शा चालक

बढ़ते कोरोना केस ने बढ़ाई मुश्किल
जिस रफ्तार से संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. ऐसे में लोग अब रिक्शे पर सवारी करना पसंद नहीं कर रहे हैं. जिसकी वजह से रिक्शा चालकों की कमाई पर एक बार फिर ब्रेक लगना शुरू हो गया है. रिक्शा चालक अब पटना की सड़कों पर घंटों सवारी का इंतजार करते हुए दिख रहे हैं. सवारी नहीं मिलने पर सभी चालक एक साथ मिलकर लूडो खेल कर मनोरंजन करते हैं और अपना समय बिताते हैं. कमाई पर ब्रेक लगना शुरू हो गया है, परिवार का भरण पोषण कैसे होगा.

रिक्शा चालकों का छलका दर्द
रिक्शा चालकों का छलका दर्द

रिक्शा चालकों का छलका दर्द
इनके दुख दर्द जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम इन रिक्शा चालकों के पास पहुंची, तो ये लोग अपना दर्द बयां करने लगे बिहार के विभिन्न जिलों से आकर पटना में ये लोग रिक्शा चलाते हैं. परिवार का भरण पोषण करते हैं. इनकी चिंता को लेकर जब हमने उनसे बात की तो उनका कहना है कि 2020 में जिस तरह से लॉकडाउन लागू हुआ था, उस समय भी हम लोगों की कमाई ठप हो गई थी.

रिक्शा चालक
रिक्शा चालक

प्रतिदिन 100 रुपए से कम आमदनी
रिक्शा चालकों की मानें तो जब से संक्रमण अपना पांव पसार रहा है. लोग रिक्शे पर सवारी करना कम ही चाहते हैं. जिसकी वजह से हम लोग की प्रतिदिन आय 100 रुपए से कम हो गई है. 2020 में भी यही माहौल था. उससे पहले हमारी हर दिन 300 से 700 के बीच में आमदनी होती थी, लेकिन अब वह भी नहीं हो पा रही है. परिवार वालों का भरण पोषण करने में भी अब कठिनाई शुरू हो गई है. यदि लॉकडाउन लग गया तो इस बार निश्चित ही सबसे ज्यादा परेशानी हम लोगों को ही होगी.

रिक्शा चालकों की कमाई पर ब्रेक
रिक्शा चालकों की कमाई पर ब्रेक

लगातार पैर पसार रहा कोरोना
बता दें कि राजधानी पटना में 1700 से ज्यादा रिक्शा चालक हैं. जो बिहार के विभिन्न जिलों से आकर यहां पर रिक्शा चलाते हैं और परिवार का भरण पोषण करते हैं. कमाई पर ब्रेक लगते ही देख अब रिक्शा चालक सरकार की ओर नजर गड़ाए हुए हैं.

ये भी पढ़ें- PMCH का एक और कारनामा: जिंदा मरीज के परिजनों को सौंप दी दूसरे की लाश

रिक्शा चालकों को सरकार से उम्मीद
2020 में लॉकडाउन के समय केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक ने सभी लोगों को मदद पहुंचाई थी. सभी लोगों को भोजन के लिए अनाज भी उपलब्ध करवाया जा रहा था. ऐसे में जब एक बार फिर संक्रमण अपना पांव पसार रहा है. तो देखने वाली बात होगी कि सरकार इन रिक्शा चालकों को इस बार मदद कैसे पहुंचाती है.

ये भी पढ़ें- एक साल पहले देश में लगा था लॉकडाउन, जानिए पिछले साल में क्या-क्या हुआ

ये भी पढ़ें- PMCH में एडमिट कोरोना मरीज के परिजनों के लिए विशेष व्यवस्था, वार्ड ब्वाय की कमी

Last Updated : Apr 11, 2021, 7:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.