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Bihar Shikshak Niyojan: नियमावली पर महागठबंधन में तकरार, 20 लाख लोगों को कैसे देंगे रोजगार? - बिहार शिक्षक नियोजन में नई नियमावली

बिहार शिक्षक नियोजन में नई नियमावली में सरकार के गठबंधन में तकरार की बातें सामने आई है. इस सरकार में शामिल दो बड़ी पार्टियों में इस मामले में श्रेय लेने की होड़ मची हुई है. इस मामले पर जेडीयू नेता नीरज कुमार, आरजेडी नेता एजाज अहमद और बीजेपी नेता प्रेम रंजन पटेल ने बातें की है. पढ़ें पूरी खबर..

शिक्षक नियोजन नियमावली पर महागठबंधन में तकरार
शिक्षक नियोजन नियमावली पर महागठबंधन में तकरार
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Published : Mar 30, 2023, 7:25 AM IST

पटना में शिक्षक नियोजन पर पार्टियों में तकरार

पटना: बिहार में महागठबंधन सरकार ने 20 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया. इसके आधार पर शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद जगी. जानकारी है कि कई शिक्षक अभ्यर्थी इसके लिए लंबे समय से जद्दोजहद में जुटे हैं कि कब भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी. वहीं शिक्षा विभाग के अनुसार नियमावली पर संशय की स्थिति बनी हुई है. इस मामले में महागठबंधन में क्रेडिट लेने की भी होड़ लगी है.

ये भी पढ़ें- Bihar Budget Session: तारकिशोर प्रसाद बोले- 'सरकार अभ्यर्थियों को कर रही बेवजह परेशान'

नौकरी के लिए नेताओं ने दिखाए आस: डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बिहार के युवाओं को सिर्फ सब्जबाग दिखाया कि काम की शुरुआत करते ही 10 लाख सरकारी नौकरियां दी जाएंगी. इसके बाद ही सीएम नीतीश कुमार ने आंकड़े को बढ़ाकर 20 लाख कर दिया. जबकि इन नेताओं के वादे से निकलकर राज्य के युवाओं को कुछ भी नहीं मिला. इस कारण युवाओं और शिक्षक अभ्यर्थियों में खासा नाराजगी देखी जा रही है. इस तरह से शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के सारे दावे फेल होते नजर आ रहे हैं.

नियमावली में बदलाव के बाद भी नौकरी नहीं: जानकारी है कि फरवरी माह में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने शिक्षक भर्ती नियमावली में बदलाव के संकेत दिए थे. इसके बाद नए नियमावली को तैयार भी कर ली गई. जबकि आज तक इस नए नियमावली के तहत शिक्षा विभाग के जरिए वह कैबिनेट में नहीं आ पाया. मुहर लगना तो बहुत दूर की बात है. इस कारण हजारों युवाओं का भविष्य अंधकार में है. बिहार राज्य में लगभग 3 लाख शिक्षकों का पद खाली है. यहां छठे चरण की भर्ती प्रक्रिया चल रही है. वहीं नई नियमावली के तहत सातवें चरण की भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

कैबिनेट में नहीं आई नई नियमावली: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में ट्वीट कर यह जानकारी दी थी कि शिक्षक भर्ती नियमावली में बदलाव होगा. इसके बाद भी कैबिनेट की कई बैठक हो चुकी.जबकि इस प्रस्ताव को अभी तक कैबिनेट में नहीं लाया गया. इसके उलट सीएम नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्री को किसी भी प्रस्ताव को सदन के अंदर ऐलान करने से पहले मना करते हुए लीक नहीं करने की बात कही. उन्होंने इस तरह के व्यवहार से मंत्रियों को बचने की नसीहत दे दी.

समय पर पूरी होगी प्रक्रिया: शिक्षक भर्ती नियमावली पर बिहार में सियासत शुरू हो गई है. जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि 'इस बारे में अद्यतन जानकारी मुझे नहीं है. लेकिन सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है. सही समय पर भर्ती की प्रक्रिया को पूरी कर ली जाएगी'.

बहकावे में आने की जरुरत नहीं: आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि 'उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने युवाओं को रोजगार देने का वादा किया. सरकार युवाओं को रोजगार दे रही है. युवाओं को किसी के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है. शिक्षक भर्ती नियमावली जल्द आ जाएगी और भर्ती की प्रक्रिया को भी पूरा किया जाएगा'.

श्रेय लेने की होड़: बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि 'महागठबंधन में भारी विवाद है. उनलोगों में नियुक्ति प्रक्रिया पर श्रेय लेने की होड़ मची हुई है. जिस तरीके से सुधाकर सिंह मंडी व्यवस्था को लेकर अपमानित हुए. वही स्थिति चंद्रशेखर सिंह की भी हो रही है. बिहार के युवाओं का भविष्य भगवान भरोसे है'.

शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की मंशा नहीं: शिक्षक संघ नेता संतोष श्रीवास्तव ने सरकार के इस रवैये पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की नहीं है. सरकार युवाओं को रोजगार देने को लेकर कतई गंभीर नहीं है. हर तरफ से सिर्फ राजनीति की जाती है. सभी पार्टियों में सिर्फ श्रेय लेने की होड़ मची हुई है. इसी कारण नियमावली को कैबिनेट में नहीं लाया जा सका है.

पटना में शिक्षक नियोजन पर पार्टियों में तकरार

पटना: बिहार में महागठबंधन सरकार ने 20 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया. इसके आधार पर शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद जगी. जानकारी है कि कई शिक्षक अभ्यर्थी इसके लिए लंबे समय से जद्दोजहद में जुटे हैं कि कब भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी. वहीं शिक्षा विभाग के अनुसार नियमावली पर संशय की स्थिति बनी हुई है. इस मामले में महागठबंधन में क्रेडिट लेने की भी होड़ लगी है.

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नौकरी के लिए नेताओं ने दिखाए आस: डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बिहार के युवाओं को सिर्फ सब्जबाग दिखाया कि काम की शुरुआत करते ही 10 लाख सरकारी नौकरियां दी जाएंगी. इसके बाद ही सीएम नीतीश कुमार ने आंकड़े को बढ़ाकर 20 लाख कर दिया. जबकि इन नेताओं के वादे से निकलकर राज्य के युवाओं को कुछ भी नहीं मिला. इस कारण युवाओं और शिक्षक अभ्यर्थियों में खासा नाराजगी देखी जा रही है. इस तरह से शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के सारे दावे फेल होते नजर आ रहे हैं.

नियमावली में बदलाव के बाद भी नौकरी नहीं: जानकारी है कि फरवरी माह में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने शिक्षक भर्ती नियमावली में बदलाव के संकेत दिए थे. इसके बाद नए नियमावली को तैयार भी कर ली गई. जबकि आज तक इस नए नियमावली के तहत शिक्षा विभाग के जरिए वह कैबिनेट में नहीं आ पाया. मुहर लगना तो बहुत दूर की बात है. इस कारण हजारों युवाओं का भविष्य अंधकार में है. बिहार राज्य में लगभग 3 लाख शिक्षकों का पद खाली है. यहां छठे चरण की भर्ती प्रक्रिया चल रही है. वहीं नई नियमावली के तहत सातवें चरण की भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

कैबिनेट में नहीं आई नई नियमावली: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में ट्वीट कर यह जानकारी दी थी कि शिक्षक भर्ती नियमावली में बदलाव होगा. इसके बाद भी कैबिनेट की कई बैठक हो चुकी.जबकि इस प्रस्ताव को अभी तक कैबिनेट में नहीं लाया गया. इसके उलट सीएम नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्री को किसी भी प्रस्ताव को सदन के अंदर ऐलान करने से पहले मना करते हुए लीक नहीं करने की बात कही. उन्होंने इस तरह के व्यवहार से मंत्रियों को बचने की नसीहत दे दी.

समय पर पूरी होगी प्रक्रिया: शिक्षक भर्ती नियमावली पर बिहार में सियासत शुरू हो गई है. जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि 'इस बारे में अद्यतन जानकारी मुझे नहीं है. लेकिन सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है. सही समय पर भर्ती की प्रक्रिया को पूरी कर ली जाएगी'.

बहकावे में आने की जरुरत नहीं: आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि 'उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने युवाओं को रोजगार देने का वादा किया. सरकार युवाओं को रोजगार दे रही है. युवाओं को किसी के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है. शिक्षक भर्ती नियमावली जल्द आ जाएगी और भर्ती की प्रक्रिया को भी पूरा किया जाएगा'.

श्रेय लेने की होड़: बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि 'महागठबंधन में भारी विवाद है. उनलोगों में नियुक्ति प्रक्रिया पर श्रेय लेने की होड़ मची हुई है. जिस तरीके से सुधाकर सिंह मंडी व्यवस्था को लेकर अपमानित हुए. वही स्थिति चंद्रशेखर सिंह की भी हो रही है. बिहार के युवाओं का भविष्य भगवान भरोसे है'.

शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की मंशा नहीं: शिक्षक संघ नेता संतोष श्रीवास्तव ने सरकार के इस रवैये पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की नहीं है. सरकार युवाओं को रोजगार देने को लेकर कतई गंभीर नहीं है. हर तरफ से सिर्फ राजनीति की जाती है. सभी पार्टियों में सिर्फ श्रेय लेने की होड़ मची हुई है. इसी कारण नियमावली को कैबिनेट में नहीं लाया जा सका है.

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