ETV Bharat / state

ग्राउंड वाटर लेवल में लगातार गिरावट सरकार के लिए सिरदर्द

बिहार में वाटर लेवल लगातार नीचे जा रही है. सरकार के द्वारा कई जगहों पर टैंकर के माध्यम से भीषण गर्मी में पानी पहुंचाई जा रही है. राजधानी पटना के भी कई मोहल्लों के पुराने चापाकल सूखने के कगार पर है. कई ईलाकों में जल की हालात बद से बदतर है.

ग्राउंड वाटर लेवल में गिरावट
author img

By

Published : Jul 1, 2019, 7:29 PM IST

बिहार: सूबे में जहां पेयजल संकट की कल्पना भी लोग नहीं करते थे. अब वहां कई ईलाकों में जल की हालात बद से बदतर होती चली जा रही है. पीएचइडी विभाग के अनुसार बिहार के 1876 पंचायतों में ग्राउंड वाटर नीचे चला गया है. साथ ही 4.5 लाख से ज्यादा हैंडपंप सूख चुके हैं.

18 जिलों में पेयजल संकट
बिहार में वाटर लेवल लगातार नीचे जा रही है. भीषण गर्मी में पेयजल के लिए नगर के लोगों में हाहाकार मचा हुआ है. राज्य में पहले डेढ़ सौ से ज्यादा छोटी बड़ी नदियां थीं. जिसमें 48 से ज्यादा नदियां पूर्ण रूप से सूख गई है. भूजल स्तर के नीचे गिरने के चलते जिले के अधिकतर हैंडपंप बेकार साबित हो रहे हैं। लगभग 18 जिलों में पेयजल संकट अचानक से बढ़ गया है.

लघु सिंचाई विभाग मंत्री -दिनेश चंद्र यादव

ग्राउंड वाटर लेवल का लगातार घटते जाना.
नगर मत्स्य निदेशालय का कहना है कि 20 साल पहले बिहार में 2.5 लाख से ज्यादा निजी और सरकारी तालाब थे. लेकिन अब घटकर 98401 हो गई है. निश्चित तौर पर यह आंकड़ा चौंकाने वाले हैं और कहीं न कहीं जलस्तर में जो गिरावट हो रही है इसका एक कारण यह भी है.

जल स्तर को मेंटेन करने में लगे लघु सिंचाई विभाग
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग और लघु सिंचाई विभाग के द्वारा यह लगातार दावा किया जा रहा है कि हम इस पर नियंत्रण कर रहे है. लघु सिंचाई विभाग के मंत्री का कहना है कि जल स्तर को मेंटेन करने के लिए पुराने तालाबों और छोटे-छोटे जल स्रोतों की सफाई का कार्य शुरू कर दिया गया है.

टैंकर के माध्यम से भीषण गर्मी में पानी पहुंचाई जा रही
सरकार के द्वारा कई जगहों पर टैंकर के माध्यम से भीषण गर्मी में पानी पहुंचाई जा रही है. राजधानी पटना के भी कई मोहल्लों के पुराने चापाकल सूखने के कगार पर है. अगर इस तरह ग्राउंड वाटर का लेबल घटता चला गया तो वह दिन दूर नहीं कि बिहार के कई ऐसे पंचायत होंगे जहां पर सरकार को पेयजल के लिए अलग से इंतजाम करने पड़ेंगे.

बिहार: सूबे में जहां पेयजल संकट की कल्पना भी लोग नहीं करते थे. अब वहां कई ईलाकों में जल की हालात बद से बदतर होती चली जा रही है. पीएचइडी विभाग के अनुसार बिहार के 1876 पंचायतों में ग्राउंड वाटर नीचे चला गया है. साथ ही 4.5 लाख से ज्यादा हैंडपंप सूख चुके हैं.

18 जिलों में पेयजल संकट
बिहार में वाटर लेवल लगातार नीचे जा रही है. भीषण गर्मी में पेयजल के लिए नगर के लोगों में हाहाकार मचा हुआ है. राज्य में पहले डेढ़ सौ से ज्यादा छोटी बड़ी नदियां थीं. जिसमें 48 से ज्यादा नदियां पूर्ण रूप से सूख गई है. भूजल स्तर के नीचे गिरने के चलते जिले के अधिकतर हैंडपंप बेकार साबित हो रहे हैं। लगभग 18 जिलों में पेयजल संकट अचानक से बढ़ गया है.

लघु सिंचाई विभाग मंत्री -दिनेश चंद्र यादव

ग्राउंड वाटर लेवल का लगातार घटते जाना.
नगर मत्स्य निदेशालय का कहना है कि 20 साल पहले बिहार में 2.5 लाख से ज्यादा निजी और सरकारी तालाब थे. लेकिन अब घटकर 98401 हो गई है. निश्चित तौर पर यह आंकड़ा चौंकाने वाले हैं और कहीं न कहीं जलस्तर में जो गिरावट हो रही है इसका एक कारण यह भी है.

जल स्तर को मेंटेन करने में लगे लघु सिंचाई विभाग
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग और लघु सिंचाई विभाग के द्वारा यह लगातार दावा किया जा रहा है कि हम इस पर नियंत्रण कर रहे है. लघु सिंचाई विभाग के मंत्री का कहना है कि जल स्तर को मेंटेन करने के लिए पुराने तालाबों और छोटे-छोटे जल स्रोतों की सफाई का कार्य शुरू कर दिया गया है.

टैंकर के माध्यम से भीषण गर्मी में पानी पहुंचाई जा रही
सरकार के द्वारा कई जगहों पर टैंकर के माध्यम से भीषण गर्मी में पानी पहुंचाई जा रही है. राजधानी पटना के भी कई मोहल्लों के पुराने चापाकल सूखने के कगार पर है. अगर इस तरह ग्राउंड वाटर का लेबल घटता चला गया तो वह दिन दूर नहीं कि बिहार के कई ऐसे पंचायत होंगे जहां पर सरकार को पेयजल के लिए अलग से इंतजाम करने पड़ेंगे.

Intro:एंकर बिहार की अट्ठारह सौ 76 पंचायतों में ग्राउंड वाटर नीचे चला गया है और पीएचइडी विभाग के अनुसार राज्य में 4.5 लाख से ज्यादा हैंडपंप सूख चुके हैं राज्य में डेढ़ सौ से ज्यादा छोटी बड़ी नदियां थी जिसमें 48 से ज्यादा नदियां पूर्ण रूप से सूख गई है अगर हम बात करें तो प्यार के 18 जिलों में पेयजल संकट अचानक से गहरा गया है और उसका मुख्य कारण है कि ग्राउंड वाटर लेवल लगातार नीचे भाग रहा है बिहार सरकार के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है वैसे लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग और लघु सिंचाई विभाग के द्वारा यह लगातार दावा किया जा रहा है कि हम इस पर नियंत्रण कर लेंगे लघु सिंचाई विभाग के मंत्री यहां तक कह रहे हैं कि जल स्तर को मेंटेन करने के लिए हम पुराने तालाब और पाइन छोटे-छोटे जल स्रोत की उड़ाही करेंगे जिसका काम हमने शुरू कर दिया है


Body:मत्स्य निदेशालय यह कहता है कि 20 साल पहले बिहार में 2.5 लाख से ज्यादा निजी और सरकारी तालाब थे जो कि अब घटकर 98401 हो गई है निश्चित तौर पर यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं और कहीं न कहीं जलस्तर में जो गिरावट हो रही है इसका एक कारण यह भी है


Conclusion:राजधानी पटना में भी कई मोहल्ले में पुराने चापाकल सूखने के कगार पर हैं पटना के शेखपुरा में दुर्गा मंदिर के समीप चापाकल मैं कईबार हैंडल जलाने के बाद मुश्किल से कुछ पानी नीचे देते नजर आ रहा है निश्चित तौर पर घटता जल स्तर सरकार के लिए सिरदर्द बन चुका है अब देखना यह है कि सरकारें जो दावा कर रही है वह कहां तक सही साबित हो पाता है लेकिन वर्तमान में बिहार जहां पहले कभी भी पेयजल संकट की कल्पना भी लोग करते नजर नहीं आ रहे थे वहां कि हालात बद से बदतर होती चली जा रही है सरकार के द्वारा कई जगहों पर टैंकर के माध्यम से भीषण गर्मी में जल तो पहुंचाए जा रहे हैं लेकिन अगर इस तरह ग्राउंड वाटर का लेबल घटता चला गया तो वह दिन दूर नहीं कि बिहार के कई ऐसे पंचायत होंगे जहां पर सरकार को पेयजल के लिए अलग से इंतजाम करने होंगे. पीटीसी कुंदन कुमार ईटीवी भारत पटना
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.