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ये कैसी शराबबंदीः बैन के बावजूद जहरीली शराब से लगातार हो रही हैं मौतें - etv bharat

बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद लोग जहरीली शराब पीकर मौत को गले लगा रहे हैं. राजस्व के भारी नुकसान को दरकिनार करते हुए बिहार में शराब पर बैन लगाया गया. लेकिन सरकार और प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद शराब की खरीद बिक्री नहीं रूक सकी. सरकार को समझना होगा कि चूक आखिर कहां है....

पूर्ण शराबबंदी
पूर्ण शराबबंदी
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Published : Oct 27, 2021, 6:46 PM IST

पटनाः बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) लागू है. इसके बावजूद जहरीली शराब (Poisonous Alcohol) से लोगों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. बिहार सरकार ने 5 अप्रैल 2016 को ही पूर्ण शराबबंदी कानून लागू कर दिया था. सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने राजस्व के भारी नुकसान को दरकिनार करते हुए अपराध और घरेलू हिंसा को कम करने के मकसद से ये कदम उठाया था. लेकिन प्रदेश में देसी और विदेशी शराब धड़ल्ले से बिक रही है. कुछ शराब जहरीली भी होती हैं और लोग इसका सेवन कर लेते हैं.

ये भी पढ़ेंः सिवान में 4 लोगों की संदिग्ध हालात में मौत, परिजनों का आरोप- जहरीली शराब ने ली जान

दरअसल, ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में चोरी-छुपे देसी शराब बनाने और पिलाने का धंधा जारी है. जिस वजह से पूर्ण शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब से लोगों की मौत हो रही है. ताजा मामला बिहार के सिवान का है, जहां पर जहरीली शराब पीने से 4 लोगों की मौत हो गयी. परिजनों का कहना था कि जहरीली शराब पीने से उन्हें उल्टी, दस्त और पेट में दर्द की शिकायत हुई. उसके बाद मरीजों को हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया.

एडमिट होने के अगले दिन मनोज राम, दुखहरण राम, अनवर अंसारी और शिवाजी यादव की मौत हो गई. इस घटना के बाद जिले में हड़कंप मच गया और वहां के डीएम ने जांच का आदेश दिया गया. हालांकि इस मामले में वरीय पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है.

25 अगस्त 2021 को राजधानी पटना से सटे हाजीपुर के महादलित टोले में शराब पार्टी हुई थी. जिसमें 8 युवकों ने शराब पी थी. इनमें से 5 की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी. बिहार के बेतिया जिले में इसी जुलाई माह में जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत हुई थी. जिसके बाद हड़कंप मच गया था. पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों को हिरासत में लिया था.

16 अगस्त 2016 को गोपालगंज के नगर थाना के खजुरबानी में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हुई थी. 10 से 12 लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई थी. हालांकि 4 साल बाद इस मामले में गोपालगंज जिले के चर्चित खजुर्बानी जहरीली शराब कांड मामले में एडीजे दो स्पेशल जज उत्पाद लवकुश कुमार की कोर्ट ने 13 में से 9 दोषियों को फांसी और 4 महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी.

यह भी पढ़ें - जहरीली शराब से माैत का मामला : बेतिया में 8 नहीं हुई हैं 16 संदिग्ध मौतें

वहीं, अप्रैल 2021 में नवादा में जहरीली शराब कांड हुआ था. हालांकि शुरुआत में प्रशासन मानने को तैयार नहीं था कि शराब की वजह से मौतें हुई हैं. इस जहरीली शराब कांड में 21 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में नवादा जहरीली शराब कांड में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक करोड़ 31 लाख की संपत्ति जब्त की जा चुकी है.

इसका कांड का मास्टरमाइंड संजय प्रताप सिंह और उनकी पत्नी किरण देवी और उनका सहयोगी कुमार सिंह पर एक्शन लिया गया है. यही नहीं, भोजपुर के अलावे कई और जिलों में भी इस तरह की कई घटनाएं घटित हो चुकी हैं. जिसमें जहरीली शराब पीने से आम लोगों को बेवक्त मौत को गले लगाना पड़ा है.

ये भी पढ़ेंः बिहार : जहरीली शराब ने ली तीन की जान, पांच गंभीर, एक व्यक्ति के आंखों की रोशनी गई

पटनाः बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) लागू है. इसके बावजूद जहरीली शराब (Poisonous Alcohol) से लोगों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. बिहार सरकार ने 5 अप्रैल 2016 को ही पूर्ण शराबबंदी कानून लागू कर दिया था. सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने राजस्व के भारी नुकसान को दरकिनार करते हुए अपराध और घरेलू हिंसा को कम करने के मकसद से ये कदम उठाया था. लेकिन प्रदेश में देसी और विदेशी शराब धड़ल्ले से बिक रही है. कुछ शराब जहरीली भी होती हैं और लोग इसका सेवन कर लेते हैं.

ये भी पढ़ेंः सिवान में 4 लोगों की संदिग्ध हालात में मौत, परिजनों का आरोप- जहरीली शराब ने ली जान

दरअसल, ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में चोरी-छुपे देसी शराब बनाने और पिलाने का धंधा जारी है. जिस वजह से पूर्ण शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब से लोगों की मौत हो रही है. ताजा मामला बिहार के सिवान का है, जहां पर जहरीली शराब पीने से 4 लोगों की मौत हो गयी. परिजनों का कहना था कि जहरीली शराब पीने से उन्हें उल्टी, दस्त और पेट में दर्द की शिकायत हुई. उसके बाद मरीजों को हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया.

एडमिट होने के अगले दिन मनोज राम, दुखहरण राम, अनवर अंसारी और शिवाजी यादव की मौत हो गई. इस घटना के बाद जिले में हड़कंप मच गया और वहां के डीएम ने जांच का आदेश दिया गया. हालांकि इस मामले में वरीय पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है.

25 अगस्त 2021 को राजधानी पटना से सटे हाजीपुर के महादलित टोले में शराब पार्टी हुई थी. जिसमें 8 युवकों ने शराब पी थी. इनमें से 5 की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी. बिहार के बेतिया जिले में इसी जुलाई माह में जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत हुई थी. जिसके बाद हड़कंप मच गया था. पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों को हिरासत में लिया था.

16 अगस्त 2016 को गोपालगंज के नगर थाना के खजुरबानी में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हुई थी. 10 से 12 लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई थी. हालांकि 4 साल बाद इस मामले में गोपालगंज जिले के चर्चित खजुर्बानी जहरीली शराब कांड मामले में एडीजे दो स्पेशल जज उत्पाद लवकुश कुमार की कोर्ट ने 13 में से 9 दोषियों को फांसी और 4 महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी.

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वहीं, अप्रैल 2021 में नवादा में जहरीली शराब कांड हुआ था. हालांकि शुरुआत में प्रशासन मानने को तैयार नहीं था कि शराब की वजह से मौतें हुई हैं. इस जहरीली शराब कांड में 21 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में नवादा जहरीली शराब कांड में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक करोड़ 31 लाख की संपत्ति जब्त की जा चुकी है.

इसका कांड का मास्टरमाइंड संजय प्रताप सिंह और उनकी पत्नी किरण देवी और उनका सहयोगी कुमार सिंह पर एक्शन लिया गया है. यही नहीं, भोजपुर के अलावे कई और जिलों में भी इस तरह की कई घटनाएं घटित हो चुकी हैं. जिसमें जहरीली शराब पीने से आम लोगों को बेवक्त मौत को गले लगाना पड़ा है.

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