पटना: राजधानी पटना (Patna) से महज 30 किलोमीटर दूर बसे मसौढ़ी (Masaurhi) प्रखंड के नूरा पंचायत के थलपुरा गांव में आजादी के दशकों बीत जाने के बाद भी आज तक एक पुल या सड़क नहीं बन पाई है. करीब 900 की आबादी वाले इस गांव में मूलभूत सुविधाएं लोगों को नसीब नहीं हो रही है. इस गांव में जाने के लिए मोरहर नदी पार करना पडता हैं. चचरी पुल के सहारे लोगों को आवागमन करना पड़ रहा है. ऐसे में आगामी पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में एक बार फिर इस गांव के लोग बहिष्कार का निर्णय ले सकते हैं.
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मसौढ़ी प्रखंड के नूरा पंचायत के थलपुरा गांव में मोरहर नदी पर पुल नहीं होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है. गांव के लोगों ने एक चचरी पुल बनाया है. बाढ़ और बारिश के समय लोग किसी तरह से नदी पार कर सकें. हालांकि चचरी पुल भी कामयाब नहीं है. कभी भी दुर्घटना हो सकती हैं. दिन में तो किसी तरह से लोग गुजर जाते हैं लेकिन रात में बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
स्थानीय ग्रामीण सोहन प्रसाद ने बताया कि पुल नहीं होने से बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानी होती है. साथ ही गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीण वीरेंद्र मांझी ने बताया कि गांव के एक ही समाजसेवी ने अपने से पैसे यहां एक चचुरी पुल बनाया है. बाढ़ के समय हर साल यहां डूबने से कई लोगों की जान जा चुकी है. प्रशासन और जनप्रतनिधियों का इस गांव पर कोई ध्यान नहीं है. कोई हमारे समस्या को दूर करने नहीं कर रहा है.
बता दें कि नूरा पंचायत के थलपुरा गांव के लोग कई साले से सरकारी उदासीनता का दंश झेल रहे हैं. पुल को लेकर यहां के लोग चुनाव में वोट का बहिष्कार भी करते हैं. बावजूद यहां अभी तक यहां एक पुल नहीं बन पाया है. इस बार भी आगामी पंचायत चुनाव में मुद्दा पुल बननेवाला है. पिछले विधानसभा एवं लोकसभा में गांव के लोगों वोट बहिष्कार किया था. बावजूद अभी तक इस गांव में जाने के लिए न रास्ते का निर्माण हुआ ना नहीं पुल बना है.
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