पटना: गोपालगंज में सत्तरघाट पुल का एप्रोच रोड ध्वस्त होने पर बिहार में काफी बवाल मचा हुआ है. विपक्ष दलों ने भी सत्तरघाट पुल पर सरकार को जमकर घेरा है. वहीं मामले में पथ निर्माण विभाग ने बताया की सत्तरघाट पुल क्षतिग्रस्त होने की खबर झूठी है. सत्तरघाट पुल से लगभग 2 किलोमीटर दूर एक छोटा पुल गंडक नदी के बांध पर स्थित है. पानी का दबाव बढ़ने के कारण उसी सड़क का एक हिस्सा कट गया है.
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पथ निर्माण विभाग ने आगे बताया कि पानी कम होने के बाद सड़क को दुरुस्त कराया जाएगा. मुख्य सत्तर घाट पुल जो कि 1.4 किलोमीटर लंबा है. वह पूरी तरीके से सुरक्षित है. पुल और एप्रोच पथ का निर्माण वशिष्ठा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने किया था. इस कंपनी का कॉरपोरेट ऑफिस हैदराबाद में है. वहीं, रीजनल ऑफिस पटना के बोरिंग रोड के साथ भारत मे कुल 6 जगहों में स्थित है.
'पिछले 2 दिनों से कोई नहीं आया कार्यालय'
वहीं, कंपनी का पक्ष जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम उनके ऑफिस पहुंची. तो वहां के स्टाफ ने बताया कि पिछले 2 दिनों से कोई कार्यालय नहीं आया है. यह पूछने पर कि लोग कब तक आएंगे तो स्टाफ ने बताया कि कुछ पता नहीं है. स्टाफ ने कहा कि वह पिछले 2 दिन पहले ही काम पर आया है. इसलिए उसे अधिक जानकारी नहीं है.
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पहले भी किया है काम
बता दें कि वशिष्टा कंस्ट्रक्शन कंपनी ने पहले भी बिहार सरकार के कई काम किए हैं. जिसके लिए उसे जल संसाधन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सम्मानित भी किया गया है. लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि इतना बड़ा मामला होने के बावजूद कंपनी की तरफ से किसी ने भी आगे आकर अपनी बातों को नहीं रखा है.