पटनाः किसानों का नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन जारी है. किसानों के समर्थन में देश की विपक्षी पार्टियां लगातार धरना प्रदर्शन कर रही हैं. इसी कड़ी में बिहार प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने सोमवार को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान नेताओं ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की.
"किसान इस देश के अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और जिस तरह से केंद्र सरकार ने किसान विरोधी बिल लाया है उसे हर कीमत पर वापस लेना होगा. जब तक सरकार यह काला कानून वापस नहीं लेती तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा."- अजीत शर्मा, नेता, कांग्रेस विधायक दल
विपक्ष कर रहा पूरजोर समर्थन
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि कई बार वार्ता हुई लेकिन केंद्र सरकार के अड़ियल रवैए के कारण कोई नतीजा नहीं निकला. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन हम किसानों के साथ हैं. किसान आंदोलन का प्रदेश की जनता भी समर्थन कर रही है. मदन मोहन झा ने कहा कि केंद्र सरकार जिस तरह से जबरन किसानों और खेती के खिलाफ बिल को लागू करना चाहती है वह सरासर गलत है. किसानों के आंदोलन का विपक्ष पूरजोर समर्थन कर रहा है.
तीन कृषि कानूनों का किसान कर रहे विरोध
बता दें कि आज किसानों के प्रदर्शन का 19 वां दिन है. किसान संगठनों और सरकार के बीच कई बार इसे लेकर वार्ता भी हो चुकी है. इसके बावजूद आंदेलन दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. सोमवार को किसान एक दिवसीय भूख हड़ताल कर रहे हैं. कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) एक्ट 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन व कृषि सेवा पर करार एक्ट 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) एक्ट 2020 का किसान विरोध कर रहे हैं. किसान संगठनों का कहना है कि नया कृषि कानून लागू होने से यह कॉरपोरेट घराने के हाथों में चला जाएगा. साथ ही इससे किसानों को काफी समस्या होगी.