पटनाः जातीय जनगणना (Caste Census) और पेगासस जासूसी कांड पर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के द्वारा दिए बयान को कांग्रेस (Congress) ने मुद्दा बना लिया है. कांग्रेस ने कहा है कि इन दोनों मुद्दों पर मुख्यमंत्री खुलकर बोल रहे है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही एनडीए से अलग हो सकते हैं. वहीं इसपर जदयू ने पलटवार किया है.
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"फोन टैपिंग मामला हो या जातीय जनगणना का मामला, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों ही मुद्दों पर खुलकर बोल रहे हैं. उससे स्पष्ट है कि अब बीजेपी और जदयू के बीच सब कुछ ठीक है. ये दोनों भले ही सरकार में शामिल हैं, लेकिन दोनों की विचारधारा अलग है. हमलोग तो अक्सर ये कहते आए हैं कि आरएसएस विचारधारा वाली भाजपा नीतीश कुमार को चैन से सरकार चलाने नहीं देगी. वो आज दिख भी रहा है. नीतीश कुमार किसी भी समय एनडीए से अलग हो सकते हैं."- राजेश राठौड़, कांग्रेस प्रवक्ता
कांग्रेस प्रवक्ता के इस बयान पर जदयू के प्रवक्ता अरविंद निषाद ने पटवार किया है. जदयू प्रवक्ता ने उन्हें खुद की पार्टी को संभालने की नसीहत दे दी है.
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"कांग्रेस पार्टी के नेता पहले अपनी पार्टी को संभालें, उसके बाद एनडीए पर बयानबाजी करें. उनके दलों के जो बड़े नेता जा रहे हैं, उन्हें तो वे रोक नहीं पा रहे हैं और एनडीए की भविष्यवाणी करने में लगे हैं. एनडीए की सरकार बिहार में पूरे पांच साल चलेगी. पहले भी जनता के हितों में भाजपा और जदयू के नेताओं के द्वारा जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याओं को सुना जाता रहा है."-अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता
बिहार की पल-पल की बदलती सियासत के बीच कुछ भी निश्चित नहीं है. लेकिन अक्सर ये देखा जाता रहा है कि एक सुर में चाहे वो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव हों, चिराग पासवान हों या फिर विपक्ष के अन्य नेता, सभी ने सरकार गिरने की बात कही है, वहीं दूसरी तरफ सत्तापक्ष के नेताओं के द्वारा इसका खंडन किया जाता रहा है. फिलहाल पेगासस विवाद और जातीय जनगणना पर जदयू और भाजपा के बीच अलग-अलग राय राजनीति को किस ओर लेकर जाती है, यह देखना दिलचस्प होगा.