पटनाः क्षेत्रीय पार्टियों में जनता दल यूनाइटेड ने सदस्यता अभियान (JDU Membership Campaign) चलाकर बिहार में सबसे ज्यादा राशि इकट्ठा की है और जदयू पार्टी ने 60 करोड़ की राशि जमा कर ली है. इस पर कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर (Rajesh Rathod on JDU party fund Rs 60 crore) ने बड़ा बयान दिया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि जेडीयू को बताना चाहिए कि आखिर इतनी बड़ी राशि उनके पार्टी फंड में कहां से आई है. उन्होंने ये भी कहा कि जेडीयू पार्टी बिहार की तीसरी पार्टी है, उसका वोट लगातार घट रहा है लेकिन नोट लगातार बढ़ रहा है. जनता इसका जवाब जानना चाहती है.
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"बिहार में गरीबी बढ़ रही है उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं. किसान परेशान हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी पार्टी के पास फंड बढ़ रहा है आखिर यह कैसे हो रहा है. इसका भी जवाब जनता जानना चाहती है. भाजपा की तरह ही जनता दल यूनाइटेड भी लगातार पार्टी फंड में अपनी राशि को बढ़ा हुआ दिखा रहा है. उन्हें बताना होगा कि आखिर यह राशि कहां से आ रही है 18 साल के शासन काल में क्या किसी ऐसे लोगों को फायदा पहुंचाकर तो पार्टी ने चंदा नहीं लिया है, जिसने जनता के पैसों को लूटने का काम किया है"- राजेश राठौर, प्रवक्ता, कांग्रेस
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जेडीयू को सबसे अधिक चंदाः आपको बता दें कि चुनाव अधिकारों से जुड़ी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के मुताबिक देश में क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे में से 113.791 करोड़ रुपये या करीब 91 प्रतिशत पांच दलों को मिला है. जेडीयू को सबसे अधिक चंदा मिला है. रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे का 91.38 फीसदी यानी 113.791 करोड़ रुपये इन पांचों पार्टियों के खजाने में गया है. जहां जडीयू, द्रमुक और टीआरएस ने अपने चंदे में वृद्धि की घोषणा की है, वहीं आप और आईयूएमएल ने वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में चंदे में कमी की जानकारी दी है. द्रमुक, टीआरएस, जेडीयू और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने वित्त वर्ष 2019-20 और वित्त वर्ष 2020-21 के बीच चंदे से अपनी आय में अधिकतम प्रतिशत वृद्धि देखी. वहीं, बिहार के जेडीयू को मिले 60 करोड़ के चंदे को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं.