पटना: बिहार में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बिखरती हुई नजर आ रही है. प्रदेश कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल पार्टी के नेताओं से महागठंबधन में बने रहने या अलग होने की रणनीति पर राय ले रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के सांसद अखिलेश सिंह का कहना है कि निर्णय लेने का काम पार्टी आलकमान का है. मामले पर तेजस्वी यादव से भी बात हो चुकी है.
निश्चित तौर पर अखिलेश नहीं चाहते कि महागठबंधन से कांग्रेस अलग हो. वहीं सूत्रों के अनुसार ज्यादातर कांग्रेस विधायकों की राय है कि अब समय आ गया है कि अलग से कांग्रेस बिहार में चुनाव लड़कर अपनी ताकत दिखाए. बता दें कि कल रात में हुई कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में 5 उम्मीदवारों का पैनल भी बना लिया गया है.
कांग्रेस विधायक की राय
इधर, कांग्रेस विधायक अमित कुमार टुन्ना का साफ कहना है कि ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस नेताओं का ये विचार है कि कांग्रेस महागठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़े. पार्लियामेंट में भी हमारी यही सोच थी. अब सब कुछ आलाकमान पर निर्भर है. उन्होंने कहा कि परिणाम कुछ भी हो, कांग्रेस को अकेले चुनाव लड़ने में ही फायदा है.
कांग्रेस में दो फाड़!
आलाकमान का जो भी निर्णय हो, लेकिन महागठबंधन से अलग होने की बात को लेकर कांग्रेस दो फाड़ दिखती है. सूत्रों के अनुसार कल की बैठक में सांसद अखिलेश सिंह ने महागठबंधन से अलग नहीं होने की सलाह कांग्रेस के बड़े नेताओं को दी है. लेकिन जिस तरह अधिकांश कांग्रेस विधायक एकला चलो की राह पर आगे बढ़ने की बात कर रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि कांग्रेस भी बिहार में दो फाड़ हो सकती है.