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लॉकडाउन में जरूरतमंदों की खस्ता हालत, दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल

कोरोना महामारी से ऐसे बेसहारा लोग जिनका कोई सहारा नहीं है, ऐसे लोगों के सामने भी रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है. पटना जंक्शन के रेलवे स्टेशन और हनुमान मंदिर के पास बेसहारा लोग दूसरों की मदद पर आश्रित रहते हैं. लॉकडाउन में से ऐसे बेसहारा लोगों को दो वक्त की रोटी मिलना भी मुश्किल हो गया है.

पटना
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Published : May 15, 2021, 9:01 PM IST

पटना: गरीबी और लाचारी के चलते ऐसे लोग जो अपनी रोजी रोटी के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं, लॉकडाउन में ऐसे लोग भूखे रहने को मजबूर है. कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में इन गरीबों को भोजन भी नहीं मिल पा रहा है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन में दुल्हे को चुकानी पड़ी जुर्माने की 'नेग', बिना परमिशन ले गए थे बारात

भूखे रहने को मजबूर जरूरतमंद
रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या कम हो गई है, तो दूसरी तरफ लॉकडाउन के कारण धार्मिक स्थल को बंद कर दिया गया है, जिसका नतीजा ये है कि मंदिर में भक्त दर्शन के लिए नहीं पहुंच रहे और रेलवे स्टेशन पर नाम के लिए ट्रेनें चल रही हैं, ऐसे में जरूरतमंद लोगों की हालत दयनीय होती जा रही है. ऐसे लोगों के पास पास राशन कार्ड नहीं है और उनको परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- बांका: दुकान बंद कराने पहुंची पुलिस टीम पर दुकानदार ने फेंका खौलता हुआ तेल, कई झुलसे

दो वक्त की रोटी मिलना भी मुश्किल
लॉकडाउन में पिछले साल के जैसे सामाजिक लोग भोजन नहीं बांट रहे हैं, इस हालत में दो वक्त की रोटी मिलना जरूरतमंदों को मिलना मुश्किल हो गया है. ईटीवी भारत ने ऐसे लोगों की दुर्दशा के मुद्दे को इसलिए उठाया ताकि सामाजिक लोग या सरकार लॉकडाउन में ऐसे लोगों को भोजन मुहैया करा सकें. समाज कल्याण विभाग के अधिकारी की माने तो उनका साफ तौर पर कहना है कि ऐसे लोगों की समय-समय पर सरकार की ओर से मदद की जाती रहती है.

पटना: गरीबी और लाचारी के चलते ऐसे लोग जो अपनी रोजी रोटी के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं, लॉकडाउन में ऐसे लोग भूखे रहने को मजबूर है. कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में इन गरीबों को भोजन भी नहीं मिल पा रहा है.

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भूखे रहने को मजबूर जरूरतमंद
रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की संख्या कम हो गई है, तो दूसरी तरफ लॉकडाउन के कारण धार्मिक स्थल को बंद कर दिया गया है, जिसका नतीजा ये है कि मंदिर में भक्त दर्शन के लिए नहीं पहुंच रहे और रेलवे स्टेशन पर नाम के लिए ट्रेनें चल रही हैं, ऐसे में जरूरतमंद लोगों की हालत दयनीय होती जा रही है. ऐसे लोगों के पास पास राशन कार्ड नहीं है और उनको परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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दो वक्त की रोटी मिलना भी मुश्किल
लॉकडाउन में पिछले साल के जैसे सामाजिक लोग भोजन नहीं बांट रहे हैं, इस हालत में दो वक्त की रोटी मिलना जरूरतमंदों को मिलना मुश्किल हो गया है. ईटीवी भारत ने ऐसे लोगों की दुर्दशा के मुद्दे को इसलिए उठाया ताकि सामाजिक लोग या सरकार लॉकडाउन में ऐसे लोगों को भोजन मुहैया करा सकें. समाज कल्याण विभाग के अधिकारी की माने तो उनका साफ तौर पर कहना है कि ऐसे लोगों की समय-समय पर सरकार की ओर से मदद की जाती रहती है.

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