पटना: लोक आस्था के महापर्व छठ पर बिहार में हर ओर छठी मइया के गीत गूंजते रहा. शनिवार को सूर्यादय के साथ ही राज्य के अलग-अलग जिलों में अर्घ्य दिया गया. घाटों के साथ घरों में भी लोगों ने भगवान भास्कर का दर्शन कर अर्घ्य दिया. भगवान भास्कर की उपासना में हर कोई लीन दिखे. अर्घ्य देने के बाद घाटों पर व घरों में पारण कर श्रद्धालुओं ने व्रत पूर्ण किया. इसके साथ चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो गया.
आस्था का महापर्व छठ संपन्न
भोजपुर में लोक आस्था के महापर्व बुधवार से शुरु हुआ. शुक्रवार छठ के तीसरे दिन व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया. अर्घ्य देने के दौरान पूरा वातावरण छठी मइया व भगवान भास्कर की जयकार से गुंज उठा. वहीं, शनिवार के अहले सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय अस्था का महापर्व छठ संपन्न हो गया.
बचावकर्मी पूरी तरह मुस्तैद
पटना में छठ पूजा के अवसर पर किसी भी आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ के बचावकर्मी पूरी तरह मुस्तैद दिखे. शुक्रवार को 9वीं बटालियन एनडीआरएफ बिहटा के 650 से अधिक बचावकर्मी 110 रेस्क्यू बोट के साथ कमाण्डेंट विजय सिन्हा के निगारानी में बिहार राज्य के पटना के गंगा नदी के अलग-अलग घाटों के अलावे भोजपुर, बक्सर, सुपौल, दरभंगा तथा सारण जिलों में 02 टीमें संभावित खतरों से निपटने के लिए अत्याधुनिक बाढ-बचाव उपकरणों के साथ मुश्तैदी से तैनात रहे.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
बांका के जिलाधिकारी सुहर्ष भगत छठ पर्व को लकेर मुस्तैद दिखे. गृह विभाग के दिशा निर्देश के अनुपालन को लेकर सभी छठ घाटों पर इसे लागू करने और सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया था. इसके तहत तालाबों में व्रतियों के डुबकी लगाए जाने पर रोक रही. तालाबों पर सैनिटाइज किया गया था. खतनाक घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे.
मुंगेर में छठ पर्व के दौरान नगर निगम के दावे फेल हो गए. शहर के पूरब सराय से लेकर एक नंबर ट्रैफिक तक सभी चौराहों पर कचरे का ढेर लगा रहा. नगर निगम प्रशासन कचरा हटाने में विफल रहा. लोगों गंदगी के बीच पर्व मनाने को विवश दिखे.