पटना: बिहार (Bihar) में बिजली उपभोक्ताओं (Electricity Consumers) को स्मार्ट बनाने के लिए ऊर्जा विभाग (Department Of Energy) स्मार्ट प्रीपेड मीटर (Smart Prepaid Meter) लगा रहा है. इस नई टेक्निक पर आधारित स्मार्ट बिजली मीटर में सबसे ज्यादा समस्या अचानक से पैसा कट जाना है. जो लोगों के लिए परेशानी बन गई है. आए दिन उपभोक्ता इसकी शिकायत लेकर बिजली कार्यालय पहुंचते हैं. उपभोक्ताओं का कहना है कि रिचार्ज करने के एक दिन बाद ही पैसा माइनस में चला जाता है.
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राजधानी के कंकड़बाग, पुनाईचक, नाला रोड के कई बिजली उपभोक्ता की ये शिकायत है कि उन्होंने रिचार्ज कराया और रिचार्ज के एक सप्ताह बाद ही पूरा पैसा कट गया और बैलेंस माइनस में दिखाने लगा. पटना के आईजीआईएमएस में कार्यरत डॉक्टर रत्नेश के अनुसार 15 अक्टूबर को स्मार्ट मीटर के खाते में 5 हजार से अधिक बैलेंस था. जो तीन दिन के बाद 1842 दिखाने लगा. इसको लेकर उन्होंने पटना पेसू में शिकायत भी की है. साथ ही साथ उन्होंने स्मार्ट मीटर बिजली कंपनी के फर्जीवाड़े के खेल पर भी सवाल खड़ा किया है.
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बिजली विभाग उपभोक्ताओं को स्मार्ट नहीं मूर्ख बनाने का काम कर रही है. बिना कोई मैसेज और जानकारी के पूरा पैसा कट जाता है और बिजली विभाग के द्वारा कहा जाता है कि प्रतिदिन या महीने दिन पर उपभोक्ता अपना कंजम्पशन देख सकते हैं. डॉक्टर ने बताया कि यहां तो पूरा गलत दिखाया जाता है और इसका कोई अता-पता तक नहीं चलता है.
पटना के ऐसे कई बिजली उपभोक्ता हैं, जिनकी इस तरह की समस्या है. नाला रोड के रहने वाले नरेश का कहना है कि विभाग स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रही है, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है. उन्होंने बताया कि वो एक हजार रुपये बैलेंस डलवाया था. पहले से कोई बकाया भी नहीं था, लेकिन 8 से 9 दिन में अचानक से बिजली गुल हो गई. उनका कहना है कि न तो मैसेज आया और न ही कोई सूचना दी गई. स्मार्ट प्रीपेड मीटर से उपभोक्ता की परेशानी बढ़ गई है. पहले अगर महीने का बिल हजार रुपए आता था तो अब दो हजार हो गया है.
पुनाईचक के रहने वाले एक उपभोक्ता ने बताया कि 18 तारीख को उन्होंने दो हजार रुपये का रिचार्ज कराया और 21 तारीख को एक हजार रुपये कट गए. उन्होंने बताया कि किस तरह से पैसा इतना कट रहा है कुछ समझ में नहीं आ रहा है और विभाग के पास पहुंचने के बाद बात को सिर्फ घुमाया जाता है. विभाग इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाती है. उपभोक्ता का साफ कहना है कि अगर स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर पूरी तरह से जब काम हो जाए तभी उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जाए. ताकि लोगों को लाभ मिले न कि परेशानी बने.
वहीं इस संबंध में जब पेसू साउथ बिहार के महाप्रबंधक दिलीप कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने जानकारी दिया कि अगर इस तरह का कोई भी मामला आया है तो उसकी जांच कराई जाएगी. अगर उनका कोई पीछे का बकाया नहीं होगा तो उस पर संज्ञान लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर से काफी लोगों को लाभ मिल रहा है. कभी-कभी कोई शिकायत आती है उस पर कार्रवाई भी की जाती है.
बता दें कि राज्य के सभी बिजली उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का निर्देश जारी कर दिया गया है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जो अधिकारी के द्वारा दावा किया जा रहा है कि प्रीपेड मीटर से उपभोक्ताओं को सहूलियत मिलेगी. वह कहीं न कहीं हाथी के दांत जैसे दिखाने के लिए और चबाने के लिए अलग साबित हो रहा है. अधिकारी कहते हैं कि बिहार बिजली स्मार्ट मीटर ऐप के जरिए तमाम चीज की व्यवस्था है. यानी कि कंजम्पशन देखना हो या आपके अकाउंट बैलेंस देखने के लिए उपभोक्ता इस ऐप का उपयोग कर सकते हैं.
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