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'पर्चा कटने और कब्जा के बाद भी वापस ले ली गई जमीन..' CM के दरबार के बाहर फरियादी की गुहार

सीएम नीतीश कुमार जनता दरबार ( Nitish Kumar Janta Darbar) के दौरान लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं. इस बीच भोजपुर से पहुंचे एक फरियादी ने बताया कि, जमीन का पर्चा कटने के बावजूद उन्हें जमीन से हटाकर वहां पावर ग्रिड बना दिया गया है. हालांकि फरियादी दरबार के अंदर नहीं जा सका. पढ़िए पूरी खबर..

Nitish Kumar Janta Darbar
Nitish Kumar Janta Darbar
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Published : Feb 14, 2022, 2:29 PM IST

पटना: एक बार फिर से बिहार के सीएम नीतीश कुमार का जनता दरबार शुरू हो गया है. सीएम के दरबार में फरियादी अपनी समस्या लेकर पहुंचे हैं. इस बार सीएम के दरबार में जमीन विवाद (Land Dispute In Bihar) से जुड़े कई मामले पहुंचे हैं. वहीं जनता दरबार के बाहर जमीन की समस्या (Complaint of land dispute reached in janta darbar) को लेकर कई लोग पहुंचे थे. भोजपुर से पहुंचे चंद्र शेखर राम का कहना है कि 1975-76 में उनके पिता और चाचा के नाम से पर्चा कटा था. जमीन पर कब्जा भी हो गया था. लेकिन फिर जमीन से हटा दिया गया.

पढ़ें- बुजुर्ग ने रो-रोकर सुनाई व्यथा- 'नहीं सुनते साहब लोग, कहते हैं CM के पास जाओ वही दिलाएंगे तुम्हारी जमीन'

फरियादी चंद्र शेखर राम ने कहा कि, हम लोग जमीन पर रहने भी लगे लेकिन 2017 में अधिकारियों ने जमीन पर से हम लोगों को हटा दिया और वहां पावर ग्रिड बनवा दिया गया. अब जमीन पर कब्जा के लिए मंत्रियों और अधिकारियों के यहां लगातार चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन कहीं से कोई सुनवाई नहीं हो रही है और हार कर अब मुख्यमंत्री से गुहार लगाने पहुंचे हैं.

चंद शेखर राम का कहना है कि, 8 महीने पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करा चुके हैं लेकिन जनता दरबार से अब तक बुलावा नहीं आया है इसलिए, मुख्यमंत्री से गुहार लगाने पहुंचे हैं. जिस जमीन का पर्चा कटा था उस पर दूसरे को भी बसा दिया गया है और पावर ग्रिड भी बना दिया गया है.

पढ़ेंः जनता दरबार में पहुंची लड़की की शिकायत सुनते ही अधिकारियों से बोले CM नीतीश- विभाग को फोन लगाओ

"1975-76 में मेरे चाचा गोरा राम, कृष्णा राम और गहन राम के नाम से पर्चा काटा गया था. पर्चा कटा था मेरे पास सबूत भी है. इसे कई मंत्रियों और अधिकारियों को भी मैंने दिखाया था. पहले पूर्व मंत्री रामनारायण मंडल से हम लोग गुहार लगा चुके हैं. उसके बाद अभी के मंत्री रामसूरत राय से भी गुहार लगाए हैं. मंत्री ने सीओ को फोन भी किया लेकिन जब हम सीओ से जाकर मिले तो कहते है कि मंत्री का धमकी दे रहे हैं. अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई है इसीलिए मुख्यमंत्री के जनता दरबार के पास पहुंचे हैं."- चंद्र शेखर राम,फरियादी

पर्चा कटने और जमीन पर कब्जा होने के बाद भी गरीबों को जमीन से हटाने के मामले पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. साथ ही कई ऐसे लोग सीएम के दरबार के बाहर पहुंचे हैं जिनका पर्चा कटने के वर्षों बाद भी उन्हें जमीन पर कब्जा नहीं दिया गया है. दरअसल जनता दरबार के बाहर कई लोग जमीन की समस्या को लेकर पहुंचे हैं, जबकि सरकार का दावा है कि जमीन विवाद को लेकर लगातार कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन जमीन विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.

बता दें कि जनता दरबार में मुख्यमंत्री शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, आईटी, कला-संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित शिकायतें सुनी गई. मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद स्थित परिसर में बनाए गए नए हॉल में ये जनता दरबार लगा है. कोरोना संक्रमण घटने के बावजूद जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जा रहा है. यही वजह है कि अभी भी सीमित संख्या में ही जनता दरबार में लोगों को आमंत्रित किया गया है.

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पटना: एक बार फिर से बिहार के सीएम नीतीश कुमार का जनता दरबार शुरू हो गया है. सीएम के दरबार में फरियादी अपनी समस्या लेकर पहुंचे हैं. इस बार सीएम के दरबार में जमीन विवाद (Land Dispute In Bihar) से जुड़े कई मामले पहुंचे हैं. वहीं जनता दरबार के बाहर जमीन की समस्या (Complaint of land dispute reached in janta darbar) को लेकर कई लोग पहुंचे थे. भोजपुर से पहुंचे चंद्र शेखर राम का कहना है कि 1975-76 में उनके पिता और चाचा के नाम से पर्चा कटा था. जमीन पर कब्जा भी हो गया था. लेकिन फिर जमीन से हटा दिया गया.

पढ़ें- बुजुर्ग ने रो-रोकर सुनाई व्यथा- 'नहीं सुनते साहब लोग, कहते हैं CM के पास जाओ वही दिलाएंगे तुम्हारी जमीन'

फरियादी चंद्र शेखर राम ने कहा कि, हम लोग जमीन पर रहने भी लगे लेकिन 2017 में अधिकारियों ने जमीन पर से हम लोगों को हटा दिया और वहां पावर ग्रिड बनवा दिया गया. अब जमीन पर कब्जा के लिए मंत्रियों और अधिकारियों के यहां लगातार चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन कहीं से कोई सुनवाई नहीं हो रही है और हार कर अब मुख्यमंत्री से गुहार लगाने पहुंचे हैं.

चंद शेखर राम का कहना है कि, 8 महीने पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करा चुके हैं लेकिन जनता दरबार से अब तक बुलावा नहीं आया है इसलिए, मुख्यमंत्री से गुहार लगाने पहुंचे हैं. जिस जमीन का पर्चा कटा था उस पर दूसरे को भी बसा दिया गया है और पावर ग्रिड भी बना दिया गया है.

पढ़ेंः जनता दरबार में पहुंची लड़की की शिकायत सुनते ही अधिकारियों से बोले CM नीतीश- विभाग को फोन लगाओ

"1975-76 में मेरे चाचा गोरा राम, कृष्णा राम और गहन राम के नाम से पर्चा काटा गया था. पर्चा कटा था मेरे पास सबूत भी है. इसे कई मंत्रियों और अधिकारियों को भी मैंने दिखाया था. पहले पूर्व मंत्री रामनारायण मंडल से हम लोग गुहार लगा चुके हैं. उसके बाद अभी के मंत्री रामसूरत राय से भी गुहार लगाए हैं. मंत्री ने सीओ को फोन भी किया लेकिन जब हम सीओ से जाकर मिले तो कहते है कि मंत्री का धमकी दे रहे हैं. अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो पाई है इसीलिए मुख्यमंत्री के जनता दरबार के पास पहुंचे हैं."- चंद्र शेखर राम,फरियादी

पर्चा कटने और जमीन पर कब्जा होने के बाद भी गरीबों को जमीन से हटाने के मामले पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. साथ ही कई ऐसे लोग सीएम के दरबार के बाहर पहुंचे हैं जिनका पर्चा कटने के वर्षों बाद भी उन्हें जमीन पर कब्जा नहीं दिया गया है. दरअसल जनता दरबार के बाहर कई लोग जमीन की समस्या को लेकर पहुंचे हैं, जबकि सरकार का दावा है कि जमीन विवाद को लेकर लगातार कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन जमीन विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.

बता दें कि जनता दरबार में मुख्यमंत्री शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण, अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, आईटी, कला-संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित शिकायतें सुनी गई. मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद स्थित परिसर में बनाए गए नए हॉल में ये जनता दरबार लगा है. कोरोना संक्रमण घटने के बावजूद जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जा रहा है. यही वजह है कि अभी भी सीमित संख्या में ही जनता दरबार में लोगों को आमंत्रित किया गया है.

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