पटना: सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ( Chief Minister Nitish Kumar ) लोगों की समस्याओं का समाधान जनता दरबार में कर रहे हैं. पटना में जनता दरबार ( Janata Darbar In Patna ) में शिकायतें लेकर लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. इस दौरान एक फरियादी अपनी जमीन की समस्या को लेकर पहुंचा. फरियादी की फरियाद सुनने के बाद सीएम ने संबंधित विभाग को मामले को देखने के निर्देश दिए.
यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री जी.. दिनदहाड़े पुलिसवालों ने लुटवा दिया गोदाम, शिकायत सुनते ही सकपका गए सीएम नीतीश
फरियादी ने बताया कि मेरे चाचा ने जमीन पर दखल दे दिया है. पिताजी का पिछले साल निधन हुआ था, उसके बाद ही चाचा ने जमीन पर दखल दे दिया. सीओ के पास शिकायत करने पहुंचे तो वे कहावत बोलते हैं. मुझे कहा जाता है कि जब तुम अपनी जमीन वापस नहीं ले सकते हो तो हम क्या करेंगे. इतना ही नहीं झूठे आरोप में मेरे छोटे भाई को भी फंसा दिया गया. फरियाद सुनने के बाद सीएम ने मामले को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिया.
"मेरे चाचा ने मेरे जमीन पर दखल दे दिया है. मेरे पिताजी की मृत्यु पिछले साल हुई है, उसके बाद से चाचा ने जमीन पर दखल दे दिया है. सीओ के पास शिकायत लेकर गए तो जमीन जोर जोरू को लेकर कोई कहावत बोलते हैं. और कहते हैं अपनी जमीन जब तुम नहीं ले सकता है तो हम क्या करेंगे. झूठे आरोप में मेरे छोटे भाई को भी फंसा दिया गया है."- फरियादी
यह भी पढ़ें- मेरी बेटी से चार चक्का मांगता है, कहता है सब हमारे पॉकेट में है....बोले नीतीश- ठीक है
'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री' कार्यक्रम के तहत आज सीएम नीतीश गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन, निगरानी, खान एवं भूतत्व तथा सामान्य प्रशासन विभाग से जुड़ी शिकायतों को सुन रहे हैं. सीएम आज पुलिस और जमीन से जुड़े मामलों की शिकायत सुन रहे हैं. मुख्यमंत्री एक दिन में आम तौर पर करीब 150 लोगों की शिकायतें सुनते हैं. कोरोना प्रोटोकाल को देखते हुए यह सीमा निर्धारित की गई है.
बता दें कि अक्टूबर महीने के पहले सोमवार के लिए तय कार्यक्रम के अनुसार आज मुख्यमंत्री पुलिस व जमीन से जुड़े मामले सुने रहे हैं. जनता दरबार में गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन, निगरानी, खान एवं भूतत्व और सामान्य प्रशासन विभाग से जुड़ी शिकायतें सुनी जाती हैं. इसके लिए पहले से ही आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है.
दरअसल, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते है और उनकी समस्याएं सुनते है. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती है. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के तमाम पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.
प्रथम सोमवार : गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले लिए जाएंगे.
द्वितीय सोमवार : स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभाग.
तृतीय सोमवार : ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभाग.
जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.
यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री जी.. दिनदहाड़े पुलिसवालों ने लुटवा दिया गोदाम, शिकायत सुनते ही सकपका गए सीएम नीतीश