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'सर, मैं 10 साल से परेशान हूं.. आपके अधिकारी कहते हैं अब नौकरी नहीं मिल सकती'

जनता दरबार में आज सीएम नीतीश कुमार जनता की फरियाद सुन रहे हैं. प्रदेश के अलग-अलग जिलों से फरियादी अपनी समस्याओं को लेकर आये हुए हैं. पढ़ें पूरी खबर..

जनता दरबार में फरियाद सुनाते हुए महिला
जनता दरबार में फरियाद सुनाते हुए महिला
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Published : Oct 11, 2021, 1:26 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) आज जनता दरबार (Janta Darbar) में फरियादियों की समस्याएं सुन रहे हैं. इसी कड़ी में एक महिला फरियादी नौकरी को लेकर सीएम के पास फरियाद लगाने पहुंची. महिला ने पिता की जगह पर नौकरी के संबंध में तत्कालीन स्थापना पदाधिकारी कौशल किशोर सिंह का नाम लेते हुए पूरी बात कही. जिसके बाद सीएम ने सामान्य प्रशासन विभाग को इस समस्या को सुलझाने को कहा.

ये भी पढ़ें:'सर... आपके चरणों में 70 कर्मचारियों का भविष्य रख रहा हूं', सुनते ही CM नीतीश बोले- ...अरे का हुआ?

सीएम से गुहार लगाते हुए महिला ने कहा कि सर मैं दस साल से परेशान हूं. मेरे पापा सरकारी जॉब में थे. उनकी जगह पर मेरी नौकरी हुई थी लेकिन छह महीने परेशान होने के बाद उस समय के स्थापना पदाधिकारी कौशल किशोर सिंह ने हम लोगों को कुछ ऐसा वैसा बोला, जिसके बाद मेरी मम्मी बोली, अभी मेरी स्थिति ठीक नहीं हैं. तो उन्होंने सुरक्षित पत्र लिखकर दे दिया कि इसकी नौकरी को सुरक्षित रखा जाए. उसके बाद हम लोग दिल्ली चले गये. उस समय हमारी स्थिति बहुत दयनीय हो गयी थी. बाद में जब हम वापस आये तो सब लोगों ने मुझे कहा कि आपकी मम्मी ने आपत्ति दे दी है, अब आपकी नौकरी नहीं हो सकती है.

देखें वीडियो

बता दें कि 5 साल बाद फिर से जनता दरबार कार्यक्रम शुरू किया गया है. जनता दरबार के लिए इस बार मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में बड़ा सा हॉल बनाया गया है. पहले मुख्यमंत्री आवास में जनता दरबार शुरू हुआ था और 10 सालों तक मुख्यमंत्री आवास परिसर में ही जनता दरबार लगता रहा. मुख्यमंत्री के जनता दरबार में संबंधित विभाग के मंत्री और सभी आला अधिकारी भी मौजूद रहते हैं और दरबार से ही समस्याओं का निदान कराने की कोशिश होती रही है.

पहले जनता दरबार में कई बार हंगामा भी हुआ और मुख्यमंत्री पर चप्पल तक फेंका गया. महागठबंधन में जाने के बाद भी मुख्यमंत्री ने जनता दरबार कार्यक्रम बंद नहीं किया. महीने के प्रथम सोमवार को गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मध्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी, खान भूतत्व और समान प्रशासन विभाग से जुड़े लोगों की समस्या सीएम सुनते हैं.

महीने के दूसरे सोमवार को स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग की समस्या सीएम सुनते हैं.

वहीं तीसरे सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, पीएचईडी विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग और इसके अलावा कई विभाग से जुड़े समस्या का निदान होगा.

जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

ये भी पढ़ें:OBC के छात्रों ने कहा- 4 साल बीच चुके अब तक नहीं मिली प्रोत्साहन राशि, CM बोले- मेरे नाम का है... देख लीजिए

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) आज जनता दरबार (Janta Darbar) में फरियादियों की समस्याएं सुन रहे हैं. इसी कड़ी में एक महिला फरियादी नौकरी को लेकर सीएम के पास फरियाद लगाने पहुंची. महिला ने पिता की जगह पर नौकरी के संबंध में तत्कालीन स्थापना पदाधिकारी कौशल किशोर सिंह का नाम लेते हुए पूरी बात कही. जिसके बाद सीएम ने सामान्य प्रशासन विभाग को इस समस्या को सुलझाने को कहा.

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सीएम से गुहार लगाते हुए महिला ने कहा कि सर मैं दस साल से परेशान हूं. मेरे पापा सरकारी जॉब में थे. उनकी जगह पर मेरी नौकरी हुई थी लेकिन छह महीने परेशान होने के बाद उस समय के स्थापना पदाधिकारी कौशल किशोर सिंह ने हम लोगों को कुछ ऐसा वैसा बोला, जिसके बाद मेरी मम्मी बोली, अभी मेरी स्थिति ठीक नहीं हैं. तो उन्होंने सुरक्षित पत्र लिखकर दे दिया कि इसकी नौकरी को सुरक्षित रखा जाए. उसके बाद हम लोग दिल्ली चले गये. उस समय हमारी स्थिति बहुत दयनीय हो गयी थी. बाद में जब हम वापस आये तो सब लोगों ने मुझे कहा कि आपकी मम्मी ने आपत्ति दे दी है, अब आपकी नौकरी नहीं हो सकती है.

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बता दें कि 5 साल बाद फिर से जनता दरबार कार्यक्रम शुरू किया गया है. जनता दरबार के लिए इस बार मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में बड़ा सा हॉल बनाया गया है. पहले मुख्यमंत्री आवास में जनता दरबार शुरू हुआ था और 10 सालों तक मुख्यमंत्री आवास परिसर में ही जनता दरबार लगता रहा. मुख्यमंत्री के जनता दरबार में संबंधित विभाग के मंत्री और सभी आला अधिकारी भी मौजूद रहते हैं और दरबार से ही समस्याओं का निदान कराने की कोशिश होती रही है.

पहले जनता दरबार में कई बार हंगामा भी हुआ और मुख्यमंत्री पर चप्पल तक फेंका गया. महागठबंधन में जाने के बाद भी मुख्यमंत्री ने जनता दरबार कार्यक्रम बंद नहीं किया. महीने के प्रथम सोमवार को गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मध्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी, खान भूतत्व और समान प्रशासन विभाग से जुड़े लोगों की समस्या सीएम सुनते हैं.

महीने के दूसरे सोमवार को स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, वित्त विभाग, श्रम संसाधन विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग की समस्या सीएम सुनते हैं.

वहीं तीसरे सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, पीएचईडी विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग और इसके अलावा कई विभाग से जुड़े समस्या का निदान होगा.

जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

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