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COMFED के बढ़ते कदम, अब पश्चिम बंगाल और नेपाल में भी मिलेगा सुधा दूध और मिठाई

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Published : Jul 28, 2019, 10:29 AM IST

बिहार के 12 लाख से ज्यादा किसान कॉम्फेड को दूध सप्लाई करते हैं. पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बहुत जल्द ही नॉर्थ ईस्ट में भी सुधा दूध और मिठाई उपलब्ध होगी.

कॉम्फेड पर बोलते प्रेम कुमार, मंत्री, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग

पटना: बिहार में स्टेट मिल्क कोऑपरेटिव फेडरेशन यानी कॉम्फेड की स्थापना सन 1983 में की गयी थी. जिसके तहत सुधा दूध का उत्पादन शुरू किया गया और किसानों से दूध की खरीद शुरू की गई. अब सुधा की पहुंच बिहार, झारखंड के साथ-साथ दिल्ली और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी हो गया है. कॉम्फेड बिहार में प्रतिदिन 19 लाख लीटर से ज्यादा दूध किसानों से खरीदती है और उसे बाजार में उपलब्ध करवाती है.

'जल्द ही नॉर्थ ईस्ट में भी मिलेगी सुधा दूध'

दुग्ध समिति की स्थापना के लिए कंपनी ने गुजरात की आनंद पद्धति को अपनाया है. यह एक त्रिस्तरीय पद्धति है. जिसमें ग्रामीण स्तर पर दुग्ध उत्पादन सहयोग समिति, जिला स्तर पर दुग्ध संघ और राज्य स्तर पर महासंघ बनाया गया है. बिहार के 12 लाख से ज्यादा किसान कॉम्फेड को दूध सप्लाई करते हैं. पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बहुत जल्द ही नॉर्थ ईस्ट में भी सुधा दूध और मिठाई उपलब्ध होगी.

जानकारी देते प्रेम कुमार, मंत्री, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग

पशुपालन को दिया जा रहा बढ़ावा

कॉम्फेड के द्वारा किसानों को पशु खरीदने के लिए लोन भी दी जाती है. पशुपालकों को सस्ते दाम पर पशु चारा भी उपलब्ध करवाया जाता है. सरकार किसानों को पशुपालन के लिए मिलने वाली सरकारी सहायता की राशि में बढ़ोत्तरी करेगी.

पटना: बिहार में स्टेट मिल्क कोऑपरेटिव फेडरेशन यानी कॉम्फेड की स्थापना सन 1983 में की गयी थी. जिसके तहत सुधा दूध का उत्पादन शुरू किया गया और किसानों से दूध की खरीद शुरू की गई. अब सुधा की पहुंच बिहार, झारखंड के साथ-साथ दिल्ली और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी हो गया है. कॉम्फेड बिहार में प्रतिदिन 19 लाख लीटर से ज्यादा दूध किसानों से खरीदती है और उसे बाजार में उपलब्ध करवाती है.

'जल्द ही नॉर्थ ईस्ट में भी मिलेगी सुधा दूध'

दुग्ध समिति की स्थापना के लिए कंपनी ने गुजरात की आनंद पद्धति को अपनाया है. यह एक त्रिस्तरीय पद्धति है. जिसमें ग्रामीण स्तर पर दुग्ध उत्पादन सहयोग समिति, जिला स्तर पर दुग्ध संघ और राज्य स्तर पर महासंघ बनाया गया है. बिहार के 12 लाख से ज्यादा किसान कॉम्फेड को दूध सप्लाई करते हैं. पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बहुत जल्द ही नॉर्थ ईस्ट में भी सुधा दूध और मिठाई उपलब्ध होगी.

जानकारी देते प्रेम कुमार, मंत्री, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग

पशुपालन को दिया जा रहा बढ़ावा

कॉम्फेड के द्वारा किसानों को पशु खरीदने के लिए लोन भी दी जाती है. पशुपालकों को सस्ते दाम पर पशु चारा भी उपलब्ध करवाया जाता है. सरकार किसानों को पशुपालन के लिए मिलने वाली सरकारी सहायता की राशि में बढ़ोत्तरी करेगी.

Intro: एंकर बिहार में स्टेट मिल्क कोऑपरेटिव फेडरेशन यानी कॉम्फेड की स्थापना सन 1983 में की गयी जिसके तहत सुधा दूध का उत्पादन शुरू किया गया और किसानों से दूध की खरीद की शुरू की गई अब सुधा का पहुंच बिहार झारखंड के साथ-साथ दिल्ली और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी हो गया है कॉम्फेड बिहार में प्रतिदिन 19 लाख लीटर से ज्यादा दूध किसानों से लेती है और उसे पैकेजिंग कर बाजार में उपलब्ध
करवाती है शुरुआती दौर में बिहार में कुछ दिक्कतें जरूर हुई लेकिन नब्बे के दशक आते-आते लोग सुधा दूध को पसंद करने लगे और और झारखंड में भी सुधा दूध का उत्पादन होने लगा वर्तमान समय में बिहार में 10 डेयरी प्रोजेक्ट है जबकि झारखंड में तीन डेयरी प्रोजेक्ट दुग्ध उत्पादन से लेकर मिठाई उत्पादन में लगा हुआ है


Body:दुग्ध समिति की स्थापना के लिए कंपनी गुजरात के आनंद पद्धति को अपनाया है यह एक त्रिस्तरीय पद्धति है जिसमें गांव के स्तर पर दुग्ध उत्पादन सहयोग समिति जिला स्तर पर दुग्ध संघ और राज्य स्तर पर महासंघ बनाया गया है कंपनी हाल के दिनों में बहुत अच्छा काम किया है और दुग्ध उत्पादन में रिकार्ड बनाते चला जा रहा है बिहार के 12 लाख से ज्यादा किसान कॉम्फेड को अपना दूध प्रतिदिन देता है पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के मंत्री प्रेम कुमार का कहना है कि बहुत जल्द ही नॉर्थ ईस्ट में भी सुधा दूध और मिठाई उपलब्ध होगी। बाइट प्रेम कुमार मंत्री पशुपालन एबम मत्स्य पालन बिभाग


Conclusion: कॉम्फेड के द्वारा किसानों को पशु खरीदने के लिए लोन भी दी जाती है और पशुपालकों को सस्ते दाम पर पशु चारा भी उपलब्ध करवाया जाता है सरकार का मानना है कि बहुत जल्द ही इसका और ज्यादा विस्तार होगा और निश्चित तौर पर हम गुजरात के चलते ही दूध उत्पादन करने में भारत के सबसे अव्वल राज्य बनेंगे लक्ष्य जरूर कठिन है लेकिन जिस तरह सरकार दावा कर रही है कि किसानों को पशुपालन के लिए सरकारी सहायता की राशि बढ़ाई जाएगी अगर ऐसा कर दिया जाए तो निश्चित तौर पर बिहार के किसान से किसी पर ही निर्भर नहीं रहेंगे बल्कि पशुपालन भी एक कमाई का बड़ा जरिया बनेगा। पी टी सी कुंदन कुमार ई टी वी भारत
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