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ठंड बढ़ने के साथ ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के मामलों में 20 फीसदी तक वृद्धि, बरतें ये सावधानी

cold wave in bihar बिहार में ठंड को लेकर अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग की मानें तो अगले तीन दिनों में ठंड और शीतलहर में वृद्धि होगी. एक दो दिनों में कुछ जिलों में वर्षा होने का भी पूर्वानुमान है. बदलते मौसम का प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है. ठंड के मौसम में इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिस वजह से और भी कई बीमारियां हावी होने लगती है. इस मौसम में बच्चों और बुजुर्गों को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत होती है. डॉक्टर ने इसको लेकर अलर्ट रहने और बचाव के उपाय बताये हैं. आप भी जानिये ठंड में क्या एहतियात बरतनी चाहिए.

डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी
डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 8, 2024, 7:10 PM IST

डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी.

पटना : बिहार में कंपकपाती ठंड का असर दिखने लगा है. हाल के दिनों में हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज के मामलों में 20 फीसदी तक बढोतरी देखने को मिली है. अस्पताल की इमरजेंसी में सबसे अधिक ब्रेन हेमरेज के मरीज आ रहे हैं. उसके बाद हार्ट अटैक के मरीज आ रहे हैं. ऐसे में पटना के प्रख्यात चिकित्सक डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि ठंड के मौसम में तीन मुख्य प्रकार के फिजियोलॉजिकल चेंजेज शरीर में आते हैं, जिसके कारण हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ जाते हैं. उन्होंने सावधानी बरतने की सलाह दी.

ब्लड प्रेशर का रखें ध्यान: डॉ दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि जाड़े के दिनों में व्यक्ति हिट कंजर्व करने के लिए सिकुड़ता है, उसी प्रकार शरीर की धमनियां सिकुड़ती हैं. ऐसे में ब्लड प्रेशर बढ़ता है और जो पूर्व से ब्लड प्रेशर के मरीज हैं उनके लिए हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर के मरीजों को डॉक्टर से कंसल्ट करके दवा के पावर को रिवाइज करने की आवश्यकता पड़ सकती है, क्योंकि इस मौसम में अधिक पावर का बीपी का दवा चलता है.

ब्रेन स्ट्रोक आ सकता हैः दूसरा कारण है कि जब वैसोकंस्ट्रिक्सन होता है, ब्लड वेसल्स जब सिकुड़ते हैं तो हार्ट में जो ब्लड पहले से कंप्रोमाइज स्थिति में रहता है वह और कम पहुंच पाता है. इस स्थिति में हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है. यही कारण है कि ब्रेन स्ट्रोक और ब्रेन हेमरेज की भी संभावना बढ़ जाती है. ब्लड प्रेशर हाई होने पर ब्रेन हेमरेज होने की आशंका अधिक रहती है. इसके अलावा वेसोकंसट्रिक्शन की स्थिति में भी दिमाग तक रक्त का प्रवाह सही से नहीं हो पाता और इस वजह से ब्रेन स्ट्रोक आ जाता है.

हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाताः डॉक्टर तेजस्वी ने बताया कि जाड़े की दिनों में शरीर में ब्लड की विस्कोसिटी बढ़ जाती है. शरीर में खून गाढ़ा हो सकता है. कई बार थक्का बनने लगता है, जबकि गर्मी के दिनों में खून पतला होता है. शरीर में खून गाढ़ा होने की वजह से कई बार अधिक ठंड के समय जब धामनिया सिकुड़ती हैं तो शरीर के कई हिस्सों में खून का प्रवाह नहीं हो पता है. इस वजह से ब्रेन स्ट्रोक आते हैं और हार्ट अटैक का भी खतरा बढ़ जाता है.

"चाहे हार्ट अटैक का मामला हो या ब्रेन स्ट्रोक का दोनों का ब्लड प्रेशर से कनेक्शन है. शरीर के ब्लड प्रेशर का नियंत्रण में रहना बेहद जरूरी है. ऐसे में जो ब्लड प्रेशर के मरीज है वह अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें."- डॉ दिवाकर तेजस्वी, चिकित्सक

बरतें ये एहतियातः डॉक्टर तेजस्वी ने बताया कि जरूरी है कि ठंड के मौसम में सिर से पांव तक गर्म कपड़ा पहनकर ही घर से बाहर निकलें. अधिक ठंड है तो सुबह के समय मॉर्निंग वॉक से परहेज करें. घर में भी रहें तो गर्म कपड़े से शरीर को ढंक कर रखें. खाने-पीने पर विशेष ध्यान दें. गर्म तरल पदार्थ का सेवन करें और हमेशा गर्म भोजन करें. हृदय रोग के मरीज अधिक तैलीय भोजन खाने से परहेज करें. फ्रिज का भोजन अभी के समय नहीं करें.

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डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी.

पटना : बिहार में कंपकपाती ठंड का असर दिखने लगा है. हाल के दिनों में हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज के मामलों में 20 फीसदी तक बढोतरी देखने को मिली है. अस्पताल की इमरजेंसी में सबसे अधिक ब्रेन हेमरेज के मरीज आ रहे हैं. उसके बाद हार्ट अटैक के मरीज आ रहे हैं. ऐसे में पटना के प्रख्यात चिकित्सक डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि ठंड के मौसम में तीन मुख्य प्रकार के फिजियोलॉजिकल चेंजेज शरीर में आते हैं, जिसके कारण हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ जाते हैं. उन्होंने सावधानी बरतने की सलाह दी.

ब्लड प्रेशर का रखें ध्यान: डॉ दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि जाड़े के दिनों में व्यक्ति हिट कंजर्व करने के लिए सिकुड़ता है, उसी प्रकार शरीर की धमनियां सिकुड़ती हैं. ऐसे में ब्लड प्रेशर बढ़ता है और जो पूर्व से ब्लड प्रेशर के मरीज हैं उनके लिए हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर के मरीजों को डॉक्टर से कंसल्ट करके दवा के पावर को रिवाइज करने की आवश्यकता पड़ सकती है, क्योंकि इस मौसम में अधिक पावर का बीपी का दवा चलता है.

ब्रेन स्ट्रोक आ सकता हैः दूसरा कारण है कि जब वैसोकंस्ट्रिक्सन होता है, ब्लड वेसल्स जब सिकुड़ते हैं तो हार्ट में जो ब्लड पहले से कंप्रोमाइज स्थिति में रहता है वह और कम पहुंच पाता है. इस स्थिति में हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है. यही कारण है कि ब्रेन स्ट्रोक और ब्रेन हेमरेज की भी संभावना बढ़ जाती है. ब्लड प्रेशर हाई होने पर ब्रेन हेमरेज होने की आशंका अधिक रहती है. इसके अलावा वेसोकंसट्रिक्शन की स्थिति में भी दिमाग तक रक्त का प्रवाह सही से नहीं हो पाता और इस वजह से ब्रेन स्ट्रोक आ जाता है.

हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाताः डॉक्टर तेजस्वी ने बताया कि जाड़े की दिनों में शरीर में ब्लड की विस्कोसिटी बढ़ जाती है. शरीर में खून गाढ़ा हो सकता है. कई बार थक्का बनने लगता है, जबकि गर्मी के दिनों में खून पतला होता है. शरीर में खून गाढ़ा होने की वजह से कई बार अधिक ठंड के समय जब धामनिया सिकुड़ती हैं तो शरीर के कई हिस्सों में खून का प्रवाह नहीं हो पता है. इस वजह से ब्रेन स्ट्रोक आते हैं और हार्ट अटैक का भी खतरा बढ़ जाता है.

"चाहे हार्ट अटैक का मामला हो या ब्रेन स्ट्रोक का दोनों का ब्लड प्रेशर से कनेक्शन है. शरीर के ब्लड प्रेशर का नियंत्रण में रहना बेहद जरूरी है. ऐसे में जो ब्लड प्रेशर के मरीज है वह अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें."- डॉ दिवाकर तेजस्वी, चिकित्सक

बरतें ये एहतियातः डॉक्टर तेजस्वी ने बताया कि जरूरी है कि ठंड के मौसम में सिर से पांव तक गर्म कपड़ा पहनकर ही घर से बाहर निकलें. अधिक ठंड है तो सुबह के समय मॉर्निंग वॉक से परहेज करें. घर में भी रहें तो गर्म कपड़े से शरीर को ढंक कर रखें. खाने-पीने पर विशेष ध्यान दें. गर्म तरल पदार्थ का सेवन करें और हमेशा गर्म भोजन करें. हृदय रोग के मरीज अधिक तैलीय भोजन खाने से परहेज करें. फ्रिज का भोजन अभी के समय नहीं करें.

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