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'कोविड से मृत्यु हुई और अनुदान राशि नहीं मिली...अरे ये कैसे हुआ'

कोविड से मौत के बाद मुआवजा नहीं मिलने की शिकायत सुनकर सीएम नीतीश कुमार चौंक गए. जनता दरबार में शिकायत सुनने के बाद उन्होंने तुरंत अधिकारी को फोन घुमा दिया. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Oct 11, 2021, 12:42 PM IST

nitish kumar
nitish kumar

पटनाः बिहार सरकार ने कोरोना से मरने वाले ( Corona Deaths ) लोगों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपये देने का प्रावधान किया है. लेकिन सहायता राशि मिलने में पीड़ितों को काफी समस्याएं हो रही हैं. समस्या इस कदर है कि जिला स्वास्थ्य समिति तक को आवेदन देने के बाद भी सहायता लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसी कड़ी में सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार (Janta Darbar) में शिकायत लेकर पहुंच गया और अपनी समस्या बताई.

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अररिया से आए फरियादी ने सीएम नीतीश कुमार को बताया कि उनके पिता नरेन्द्र यादव का कोरोना के कारण निधन हो गया लेकिन अब तक उन्हें सहायता लाभ नहीं मिल पाया है. इसे लेकर उन्होंने जिला स्वास्थ समिति में आवेदन भी दिया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. यह सुनते ही सीएम नीतीश चौंकते हुए तुरंत अधिकारियों को फोन घुमाया.

देखें वीडियो

सीएम ने फोन पर अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि 'अररिया के सज्जन के पिता की कोविड से मौत हो गई है और उन्हें अब तक अनुदान राशि नहीं मिली है. देखिए इसको. आप लोग दीजिएगा तभी न इन्हें मिलेगा'. इसके बाद उन्होंने फरियादी को आश्वासन देकर भेज दिया.

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बता दें कि इस सोमवार के लिए तय कार्यक्रम के अनुसार स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभागों की शिकायतें जनता दरबार में सुनी जा रही है.

दरअसल, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते है और उनकी समस्याएं सुनते है. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती है. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के तमाम पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.

प्रथम सोमवार : गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले लिए जाएंगे.

द्वितीय सोमवार : स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभाग.

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तृतीय सोमवार : ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभाग.

जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

पटनाः बिहार सरकार ने कोरोना से मरने वाले ( Corona Deaths ) लोगों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपये देने का प्रावधान किया है. लेकिन सहायता राशि मिलने में पीड़ितों को काफी समस्याएं हो रही हैं. समस्या इस कदर है कि जिला स्वास्थ्य समिति तक को आवेदन देने के बाद भी सहायता लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसी कड़ी में सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार (Janta Darbar) में शिकायत लेकर पहुंच गया और अपनी समस्या बताई.

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अररिया से आए फरियादी ने सीएम नीतीश कुमार को बताया कि उनके पिता नरेन्द्र यादव का कोरोना के कारण निधन हो गया लेकिन अब तक उन्हें सहायता लाभ नहीं मिल पाया है. इसे लेकर उन्होंने जिला स्वास्थ समिति में आवेदन भी दिया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. यह सुनते ही सीएम नीतीश चौंकते हुए तुरंत अधिकारियों को फोन घुमाया.

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सीएम ने फोन पर अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि 'अररिया के सज्जन के पिता की कोविड से मौत हो गई है और उन्हें अब तक अनुदान राशि नहीं मिली है. देखिए इसको. आप लोग दीजिएगा तभी न इन्हें मिलेगा'. इसके बाद उन्होंने फरियादी को आश्वासन देकर भेज दिया.

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बता दें कि इस सोमवार के लिए तय कार्यक्रम के अनुसार स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभागों की शिकायतें जनता दरबार में सुनी जा रही है.

दरअसल, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते है और उनकी समस्याएं सुनते है. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती है. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के तमाम पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.

प्रथम सोमवार : गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले लिए जाएंगे.

द्वितीय सोमवार : स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभाग.

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तृतीय सोमवार : ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभाग.

जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

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