पटना: पटना के ललित भवन में आज पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र की प्रतिमा का अनावरण (Unveiling of Statue of Lalit Narayan Mishra) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कर कमलों से किया गया. बिहार स्टेट हाउसिंग कोऑपरेटिव फेडरेशन के द्वारा प्रतिमा का निर्माण कराया गया है. इस खास मौके पर बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी और जदयू के विधान पार्षद विजय कुमार सिंह भी मौजूद रहे. वहीं इस उपलक्ष्य पर ललित भवन को फूलों सजाया गया था.
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CM ने अपने हाथों से किया अनावरण: इस मौके पर मौजूद जदयू के विधान पार्षद विजय कुमार सिंह ने कहा कि पटना में ललित भवन बहुत पहले से बना हुआ था. कई बार हम लोगों ने सोचा कि ललित नारायण मिश्रा की मूर्ति इस परिसर में लगाई जाए, लेकिन सड़क निर्माण के कारण ऐसा नहीं हो पाया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पहल पर हम लोगों ने यहां मूर्ति का निर्माण कराया और उन्होंने खुद आकर इसका अनावरण किया है. ललित बाबू का राजनीतिक जीवन और सामाजिक जीवन ऐसा रहा है जिसे हम कभी भुला नहीं सकते हैं. निश्चित तौर पर सहकारिता के क्षेत्र में भी उन्होंने जो काम कर दिखाया था, वह अनुकरणीय है. उनको याद करते हुए आज हम लोगों ने इस मूर्ति का अनावरण किया है.
"पटना में ललित भवन बहुत पहले से बना हुआ था. कई बार हम लोगों ने सोचा कि ललित नारायण मिश्रा की मूर्ति इस परिसर में लगाई जाए, लेकिन सड़क निर्माण के कारण ऐसा नहीं हो पाया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पहल पर हम लोगों ने यहां मूर्ति का निर्माण कराया और उन्होंने खुद आकर इसका अनावरण किया है. ललित बाबू ने निश्चित तौर पर सहकारिता के क्षेत्र में जो काम कर दिखाया है, वह अनुकरणीय है. उनको याद करते हुए आज हम लोगों ने इस मूर्ति का अनावरण किया है."-विजय कुमार सिंह, विधान पार्षद, जदयू
ललित बाबू को याद रखना जरूरी: जिस ललित भवन बिल्डिंग का नाम राज्य सरकार ने रखा था वहां अब ललित नारायण मिश्रा की मूर्ति भी रहेगी. यह काफी प्रसन्नता की बात है. यह काम मुख्यमंत्री की पहल से हम लोगों ने किया है. ललित बाबू ऐसे नेता थे जो समाज के सभी वर्गों को आगे बढ़ाने का काम करते थे और उन्हें याद रखना जरूरी है. उनके विजन को आदर्श मानकर ही हम लोग अभी भी अपने कार्यों को करते हैं. हमें लगता है कि आने वाली पीढ़ी भी उनके विचारों और आदर्शों का सम्मान करेगी. उन्हें भी यह याद दिलाना जरूरी है कि आखिर ललित बाबू कैसे आदमी थे और किस तरह राज्य सरकार ने उस समय में जो बिल्डिंग बनाई थी उसका नाम ललित भवन रखा था.