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Bihar Politics: 'हमलोग जातीय गणना करवा रहे जनगणना नहीं'.. सिविल सेवा डे के कार्यक्रम पर बोले CM नीतीश - ईटीवी भारत न्यूज

अधिवेशन भवन में सिविल सेवा दिवस 2023 के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय गणना पर उठ रहे सवालों को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा (CM Nitish Kumar targeted opposition). उन्होंने कहा कि हमलोग जातीय गणना करवा रहे जनगणना नहीं. फिर भी इसे चुनौती दी जा रही है, यह मेरी समझ में नहीं आ रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

सिविल सेवा डे के कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार
सिविल सेवा डे के कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार
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Published : Apr 28, 2023, 11:09 PM IST

सिविल सेवा डे के कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज अधिवेशन भवन में सिविल सेवा दिवस (Civil Services Day ) 2023 के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति बनाना सरकार का काम होता है लेकिन सरकार के द्वारा तय की गई नीतियों का क्रियान्वयन करना आपलोगों का काम होता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में हमलोग जाति आधारित गणना करवा रहे हैं. जनगणना कराना केंद्र सरकार का काम है. हमलोग जाति आधारित गणना करवा रहे हैं, फिर भी इसे जगह-जगह पर चैलेंज किया जा रहा है. यह मेरी समझ से परे है. आखिर जाति आधारित गणना से किसी को क्या परेशानी हो सकती है. यह गणना किसी के खिलाफ नहीं है.

ये भी पढ़ेंः Nitish On Anand Mohan : 'काहे हंगामा कर रहे हैं?' आनंद मोहन की रिहाई पर CM नीतीश ने पूछा

बिहार जनगणना नहीं गणना का काम हो रहा हैः बिहार में हो रहे जाति आधारित गणना का काम कई दूसरे राज्य के लोग भी देखना चाहते हैं. वे लोग भी अपने-अपने राज्यों में इसे करवायेंगे. पहली बार देश में 10 साल के बाद जनगणना नहीं हो रही है. वर्ष 2011 में जाति आधारित जनगणना करवायी गई थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट को पब्लिश नहीं किया गया. हमलोगों ने प्रधानमंत्री से मिलकर जाति आधारित जनगणना की मांग की थी. इसमें सभी दलों के प्रतिनिधि शामिल थे, लेकिन बात नहीं मानी गई. बिहार विधानमंडल से दो बार सर्वसम्मति से जाति आधारित जनगणना को लेकर प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजा गया था. वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस मौके पर जंगलराज को लेकर बीजेपी नेताओं की तरफ से दिए जा रहे बयान पर अपनी नाराजगी जताई.

"बिहार में हमलोग जाति आधारित गणना करवा रहे हैं. जनगणना कराना केंद्र सरकार का काम है. हमलोग जाति आधारित गणना करवा रहे हैं, फिर भी इसे जगह-जगह पर चैलेंज किया जा रहा है. यह मेरी समझ से परे है. आखिर जाति आधारित गणना से किसी को क्या परेशानी हो सकती है. यह गणना किसी के खिलाफ नहीं है" - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

बिपार्ड की सक्सेस स्टोरी पर प्रस्तुतिः कार्यक्रम के दौरान मगध प्रमंडल के आयुक्त श्री मयंक बरबरे ने बिपार्ड की सक्सेस स्टोरी पर आधारित प्रस्तुतीकरण दिया. जहानाबाद के जिलाधिकारी रिची पांडेय ने नवाचारी प्रयोग के आधार पर जिले में किए गए कार्यों का प्रस्तुतीकरण दिया. बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए पटना जिला के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह को प्रथम स्थान, समस्तीपुर जिला के जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह को द्वितीय स्थान तथा गोपालगंज के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर यादव को तीसरा स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत किया गया.

शिकायत निवारण अधिनियम के लिए सुपौल डीए सम्मानितः बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए सुपौल जिला के जिलाधिकारी कौशल कुमार को प्रथम स्थान, जमुई जिला के जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह को द्वितीय स्थान तथा शिवहर के जिलाधिकारी राम शंकर को तीसरा स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत किया गया. सात निश्चय योजना के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए सीवान जिला के जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता को प्रथम स्थान, बक्सर जिला के जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल को द्वितीय स्थान तथा शिवहर के जिलाधिकारी राम शंकर को तीसरा स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत किया गया.

जल जीवन हरियाली में नालंदा के डीएम अव्वलः जल-जीवन-हरियाली अभियान के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए नालंदा जिला के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर को प्रथम स्थान, मुंगेर जिला के जिलाधिकारी नवीन कुमार को द्वितीय स्थान तथा गया के जिलाधिकारी डॉ त्याग राजन एसएम को तीसरा स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत किया गया. राजस्व संग्रह 2022-23 के लिए बेहतर कार्य करने के लिए राज्य परिवहन आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी और वाणिज्य कर विभाग की सचिव डॉ प्रतिमा एस वर्मा को सम्मानित किया गया.


नवाचार प्रयोग में जहानाबाद डीएम प्रथमः नवाचार प्रयोगों के लिए विभागों द्वारा दिए गए प्रस्तुतीकरण के लिए बिपार्ड के अपर महानिदेशक सह आयुक्त मगध प्रमण्डल मयंक बरबरे को प्रथम स्थान, वाणिज्य कर विभाग की सचिव डॉ. प्रतिमा एस वर्मा को दूसरे स्थान तथा विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह एवं पटना नगर निगम के आयुक्त अनिमेष पराशर को तीसरे स्थान प्राप्त करने के लिये सम्मानित किया गया. नवाचारी प्रयोग के माध्यम से बेहतर कार्य करने के लिए जहानाबाद जिला के जिलाधिकारी रिची पांडेय को प्रथम स्थान, बांका जिला के जिलाधिकारी अंशुल कुमार को द्वितीय स्थान तथा गया जिला के जिलाधाकारी डॉ. त्याग राजन एसएम और सुपौल के जिलाधिकारी कौशल कुमार को तृतीय स्थान प्राप्त करने के लिए सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी मुख्य सचिव सहित सभी आला अधिकारी मौजूद थे.

सभी क्षेत्रों में हुआ है काफी काम: मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के सभी क्षेत्रों में काफी काम हुआ है. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम करवाया गया है. पहले गरीबी के कारण माता-पिता अपने बच्चियों को 5वीं क्लास के बाद पढ़ने के लिए स्कूल नहीं भेज पाते थे. हमने पोशाक योजना की शुरुआत करायी ताकि बच्चियां स्कूल जा सके. इसके बाद साइकिल योजना शुरू की गई. हमलोगों ने छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देना भी शुरू किया. विदेश के लोगों ने भी बिहार में चलायी गयी साइकिल योजना की काफी प्रशंसा की। स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम हुआ है. अस्पतालों के निर्माण के साथ-साथ मुफ्त दवा की व्यवस्था और डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गई. लोगों के लिए बेहतर इलाज की व्यवस्था की गई. उन्होंने कहा कि आजकल नया दौर आ गया है. पहले किए गए कार्यों को आपलोग मत भूलिएगा। सभी चीजों को सोशल मीडिया पर डालिए ताकि नई पीढ़ी के लोग इससे अवगत रहें.

प्रावधान अनुरूप की गई रिहाई: सीपीआई माले द्वारा अरवल में टाडा बंदियों छोड़ने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो प्रावधान है, जो नियम है, उसके अनुरूप ससमय बंदियों को छोड़ने की कार्रवाई की जाती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कई राज्यों द्वारा बंदियों को रिलीज किया जाता है. वर्ष 2020-21 में असम में 280, छत्तीसगढ़ में 338, गुजरात में 47, हरियाणा में 79, हिमाचल प्रदेश में 50, झारखंड में 298, कर्नाटक में 195, केरल में 123, मध्यप्रदेश में 692, महाराष्ट्र में 313, उड़ीसा में 203, राजस्थान में 346, तेलंगाना में 139, उत्तर प्रदेश में 656, दिल्ली में 280 और केंद्र शासित प्रदेशों में 294 बंदियों को रिलीज किया गया है. बिहार में वर्ष 2020 और 2021 दोनों को मिलाकर कुल 105 बंदियों को रिहा किया गया है. अन्य राज्यों से आप बिहार की तुलना कर लीजिये.

सिविल सेवा डे के कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज अधिवेशन भवन में सिविल सेवा दिवस (Civil Services Day ) 2023 के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति बनाना सरकार का काम होता है लेकिन सरकार के द्वारा तय की गई नीतियों का क्रियान्वयन करना आपलोगों का काम होता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में हमलोग जाति आधारित गणना करवा रहे हैं. जनगणना कराना केंद्र सरकार का काम है. हमलोग जाति आधारित गणना करवा रहे हैं, फिर भी इसे जगह-जगह पर चैलेंज किया जा रहा है. यह मेरी समझ से परे है. आखिर जाति आधारित गणना से किसी को क्या परेशानी हो सकती है. यह गणना किसी के खिलाफ नहीं है.

ये भी पढ़ेंः Nitish On Anand Mohan : 'काहे हंगामा कर रहे हैं?' आनंद मोहन की रिहाई पर CM नीतीश ने पूछा

बिहार जनगणना नहीं गणना का काम हो रहा हैः बिहार में हो रहे जाति आधारित गणना का काम कई दूसरे राज्य के लोग भी देखना चाहते हैं. वे लोग भी अपने-अपने राज्यों में इसे करवायेंगे. पहली बार देश में 10 साल के बाद जनगणना नहीं हो रही है. वर्ष 2011 में जाति आधारित जनगणना करवायी गई थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट को पब्लिश नहीं किया गया. हमलोगों ने प्रधानमंत्री से मिलकर जाति आधारित जनगणना की मांग की थी. इसमें सभी दलों के प्रतिनिधि शामिल थे, लेकिन बात नहीं मानी गई. बिहार विधानमंडल से दो बार सर्वसम्मति से जाति आधारित जनगणना को लेकर प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजा गया था. वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस मौके पर जंगलराज को लेकर बीजेपी नेताओं की तरफ से दिए जा रहे बयान पर अपनी नाराजगी जताई.

"बिहार में हमलोग जाति आधारित गणना करवा रहे हैं. जनगणना कराना केंद्र सरकार का काम है. हमलोग जाति आधारित गणना करवा रहे हैं, फिर भी इसे जगह-जगह पर चैलेंज किया जा रहा है. यह मेरी समझ से परे है. आखिर जाति आधारित गणना से किसी को क्या परेशानी हो सकती है. यह गणना किसी के खिलाफ नहीं है" - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

बिपार्ड की सक्सेस स्टोरी पर प्रस्तुतिः कार्यक्रम के दौरान मगध प्रमंडल के आयुक्त श्री मयंक बरबरे ने बिपार्ड की सक्सेस स्टोरी पर आधारित प्रस्तुतीकरण दिया. जहानाबाद के जिलाधिकारी रिची पांडेय ने नवाचारी प्रयोग के आधार पर जिले में किए गए कार्यों का प्रस्तुतीकरण दिया. बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए पटना जिला के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह को प्रथम स्थान, समस्तीपुर जिला के जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह को द्वितीय स्थान तथा गोपालगंज के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर यादव को तीसरा स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत किया गया.

शिकायत निवारण अधिनियम के लिए सुपौल डीए सम्मानितः बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए सुपौल जिला के जिलाधिकारी कौशल कुमार को प्रथम स्थान, जमुई जिला के जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह को द्वितीय स्थान तथा शिवहर के जिलाधिकारी राम शंकर को तीसरा स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत किया गया. सात निश्चय योजना के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए सीवान जिला के जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता को प्रथम स्थान, बक्सर जिला के जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल को द्वितीय स्थान तथा शिवहर के जिलाधिकारी राम शंकर को तीसरा स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत किया गया.

जल जीवन हरियाली में नालंदा के डीएम अव्वलः जल-जीवन-हरियाली अभियान के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए नालंदा जिला के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर को प्रथम स्थान, मुंगेर जिला के जिलाधिकारी नवीन कुमार को द्वितीय स्थान तथा गया के जिलाधिकारी डॉ त्याग राजन एसएम को तीसरा स्थान प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत किया गया. राजस्व संग्रह 2022-23 के लिए बेहतर कार्य करने के लिए राज्य परिवहन आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी और वाणिज्य कर विभाग की सचिव डॉ प्रतिमा एस वर्मा को सम्मानित किया गया.


नवाचार प्रयोग में जहानाबाद डीएम प्रथमः नवाचार प्रयोगों के लिए विभागों द्वारा दिए गए प्रस्तुतीकरण के लिए बिपार्ड के अपर महानिदेशक सह आयुक्त मगध प्रमण्डल मयंक बरबरे को प्रथम स्थान, वाणिज्य कर विभाग की सचिव डॉ. प्रतिमा एस वर्मा को दूसरे स्थान तथा विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह एवं पटना नगर निगम के आयुक्त अनिमेष पराशर को तीसरे स्थान प्राप्त करने के लिये सम्मानित किया गया. नवाचारी प्रयोग के माध्यम से बेहतर कार्य करने के लिए जहानाबाद जिला के जिलाधिकारी रिची पांडेय को प्रथम स्थान, बांका जिला के जिलाधिकारी अंशुल कुमार को द्वितीय स्थान तथा गया जिला के जिलाधाकारी डॉ. त्याग राजन एसएम और सुपौल के जिलाधिकारी कौशल कुमार को तृतीय स्थान प्राप्त करने के लिए सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी मुख्य सचिव सहित सभी आला अधिकारी मौजूद थे.

सभी क्षेत्रों में हुआ है काफी काम: मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के सभी क्षेत्रों में काफी काम हुआ है. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम करवाया गया है. पहले गरीबी के कारण माता-पिता अपने बच्चियों को 5वीं क्लास के बाद पढ़ने के लिए स्कूल नहीं भेज पाते थे. हमने पोशाक योजना की शुरुआत करायी ताकि बच्चियां स्कूल जा सके. इसके बाद साइकिल योजना शुरू की गई. हमलोगों ने छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देना भी शुरू किया. विदेश के लोगों ने भी बिहार में चलायी गयी साइकिल योजना की काफी प्रशंसा की। स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी काम हुआ है. अस्पतालों के निर्माण के साथ-साथ मुफ्त दवा की व्यवस्था और डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गई. लोगों के लिए बेहतर इलाज की व्यवस्था की गई. उन्होंने कहा कि आजकल नया दौर आ गया है. पहले किए गए कार्यों को आपलोग मत भूलिएगा। सभी चीजों को सोशल मीडिया पर डालिए ताकि नई पीढ़ी के लोग इससे अवगत रहें.

प्रावधान अनुरूप की गई रिहाई: सीपीआई माले द्वारा अरवल में टाडा बंदियों छोड़ने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो प्रावधान है, जो नियम है, उसके अनुरूप ससमय बंदियों को छोड़ने की कार्रवाई की जाती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कई राज्यों द्वारा बंदियों को रिलीज किया जाता है. वर्ष 2020-21 में असम में 280, छत्तीसगढ़ में 338, गुजरात में 47, हरियाणा में 79, हिमाचल प्रदेश में 50, झारखंड में 298, कर्नाटक में 195, केरल में 123, मध्यप्रदेश में 692, महाराष्ट्र में 313, उड़ीसा में 203, राजस्थान में 346, तेलंगाना में 139, उत्तर प्रदेश में 656, दिल्ली में 280 और केंद्र शासित प्रदेशों में 294 बंदियों को रिलीज किया गया है. बिहार में वर्ष 2020 और 2021 दोनों को मिलाकर कुल 105 बंदियों को रिहा किया गया है. अन्य राज्यों से आप बिहार की तुलना कर लीजिये.

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