नई दिल्ली/पटनाः देशभर जातीय जनगणना (Caste Census) की मांग कराने को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्व में बिहार के 10 दलों के सदस्यों ने सोमवार को पीएम मोदी (PM Modi) से मुलाकात की. मिलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बड़ा बयान दिया.
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"हमलोगों ने बिहार की जातियों के बारे में पीएम को जानकारी दी. जातीय जगणना के पक्ष में हम लोगों ने अपनी बातें रखी है. ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री हमारी बातों को नहीं सुन रहे थे. वे सुन रहे थे. और सभी लोगों ने एक-एक बात रखी है. हमलोगों को उम्मीद है प्रधानमंत्री हमारी मांगों पर गौर करेंगे. प्रधानमंत्री ने हमारी मांगों को नकारा नहीं है. हमलोगों ने ओबीसी, एससी-एसटी, पिछड़ा वर्ग सभी की बातें की है. हमने कहा है कि एक बार जनगणना हो जाने से सभी लोगों को वास्तविक लाभ मिल सकेगा."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
"राष्ट्रहित में कोई काम अगर है. बिहार की दस पार्टियां इस मांग को लेकर आए हैं. जातीय गनगणना से गरीबों को लाभ मिलेगा. जब जानवरों की गिनती हो रही है तो इंसानों की भी होनी चाहिए. एससी-एसटी का होता रहा है. सवाल ये है कि यह जनगणना क्यों नहीं होना चाहिए. किसी भी सरकार के पास परफेक्ट आंकड़ा नहीं है. आंकड़े होने के बाद ही योजनाएं बनाई जा सकेंगी. इस प्रस्ताव को बिहार विधानसभा से दो बार पारित किया जा चुका है. संसद में इसे लेकर केन्द्र सरकार से सवाल भी पूछा गया है. हमलोगों ने यह कहा है कि जब धर्म की गणना हो सकती है, तो जाति की क्यों नहीं हो सकती है. हम मुख्यमंत्री को भी धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हम सभी की मांग को लेकर पीएम से मुलाकात का समया मांगा."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष, बिहार
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वहीं, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि, 'हमने प्रधानमंत्री से कहा कि हर हालत में जातिगत जनगणना कराएं, ये ऐतिहासिक निर्णय होगा. उन्होंने बहुत गंभीरता से हमारी बात सुनी है इसलिए हमें लगता है कि जल्दी ही कोई निर्णय होगा.'